मिलावटी पेट्रोल-डीजल खराब कर देंगे आपकी कार का इंजन, ऐसे करें शुद्धता की जांच
Adulterated Petrol and Diesel: जरूरी है कि जब भी आप अपनी कार में पेट्रोल-डीजल भरवाएं, तो कुछ चीजों की जांच जरूर करें. क्योंकि पेट्रोल-डीजल में मिलावट के कई मामले सामने आ चुके हैं. मिलावटी पेट्रोल-डीजल के चलते कार के इंजन और फ्यूल सिस्टम को नुकसान पहुंचता है.
Adulterated Petrol and Diesel: किसी भी वाहन की फिटनेस को दुरुस्त रखने के लिए कई बातों का घ्यान रखना होता है. इनमें से एक है पेट्रोल- डीजल. पेट्रोल-डीजल की एनर्जी के दम पर ही गाड़ियां फर्राटा भरती हैं. इसलिए जरूरी है कि जब भी आप अपनी कार में पेट्रोल-डीजल भरवाएं, तो कुछ चीजों की जांच जरूर करें. क्योंकि पेट्रोल-डीजल में मिलावट के कई मामले सामने आ चुके हैं. अगर आप अपनी कार में मिलावटी पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल करेंगे, तो इंजन की लाइफ कम हो जाएगी और अन्य पार्ट्स पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा. इसलिए फ्यूल स्टेशन पर पेट्रोल-डीजल भरवाते समय कुछ बातों का खास ध्यान रखना जरूरी है.
कई फ्यूल स्टेशनों पर मुनाफाखोरी के लिए पेट्रोल-डीजल में मिलावट कर दी जाती है, जिससे ग्राहकों को नुकसान होता है. फ्यूल स्टेशन वाले सस्ते और आसानी से उपलब्ध लिक्विड को पेट्रोल-डीजल में मिलाकर इसकी मात्रा बढ़ा देते हैं.
पेट्रोल में क्या मिलाया जाता है?
आमतौर पर नेप्था को पेट्रोल में मिलाया जाता है. नेप्था एक पेट्रोकेमिकल है और यह पेट्रोल की तरह ही नजर आता है. हालांकि, इसकी कीमत कम होती है, इसलिए इसे पेट्रोल में मिलाकर बेचा जाता है. इसके अलावा पेट्रोल में केरोसिन का तेल भी मिलाकर बेचा जाता है.सॉल्वेंट्स और इंडस्ट्रियल अल्कोहल की मिलावट भी पेट्रोल में की जाती है. इन सभी का मिलावट पेट्रोल में किया जाता है. अगर आप इस तरह का पेट्रोल अपनी कार में भरवाते हैं, तो इंजन पर बुरा प्रभाव पड़ता है और परफॉर्मेंस भी बिगड़ती है.
डीजल में किस चीज की मिलावट?
डीजल में भी केरोसिन तेल की मिलावट की जाती है. इसके अलावा लाइट हाइड्रोकार्बन्स, पाम ऑयल या वेजिटेबल ऑयल जैसे पदार्थ भी डीजल में मिलाए जाते हैं. इससे इंजन पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
मिलावटी पेट्रोल-डीजल से वाहन क्या आती है समस्या
- वाहन का माइलेज कम हो जाता है.
- इंजन झटके मारता है.
- वाहन स्टार्ट नहीं होता है.
- इंजन में कार्बन जमा होने लगती है.
- इंजन की लाइफ कम होने लगती है.
- गाड़ी अचानक से बंद हो जाती है.
- साइलेंसर और स्पार्क प्लग को नुकसान पहुंचता है.
- वाहन का पिकअप कम हो जाता है.
फ्यूल भरवाते समय इन बातों का रखें ध्यान
हमेशा मान्यता प्राप्त फ्यूल स्टेशन से ही पेट्रोल या डीजल भरवाएं.
फ्यूल भरवाने से पहले मीटर चेक करें.
बिना पर्ची लिए बिना नहीं जाएं.
पेट्रोल-डीजल की डेंसिटी कैसे चेक करें
- एक साफ कंटेनर में फ्यूल डालें.
- पेट्रोल-डीजल के सैंपल में हाइड्रोमीटर डालें.
- पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 के बीच होती है, ऐसे फ्यूल को शुद्ध माना जाता है.
- अगर डेंसिटी 730 से कम है और 800 से ज्यादा है, ऐसे ईंधन में मिलावट हो सकती है.
- डीजल की डेंसिटी 830 से 900 के बीच होती है.
बढ़ जाता है सर्विसिंग का खर्च
मिलावटी पेट्रोल-डीजल के चलते कार के इंजन और फ्यूल सिस्टम को नुकसान पहुंचता है. वाहन की परफॉर्मेंस खराब तो होती ही है, साथ ही इंजन की लाइफ भी कम होती है. ऐसे में वाहन की सर्विसिंग का खर्च बढ़ जाता है, क्योंकि आपको बार-बार ये काम करना पड़ता है.