
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत नहीं, सरकार की जेब भरेगी क्रूड की गिरावट!
भारत अपनी तेल जरूरत का 87% आयात करता है, लेकिन वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें 61 डॉलर प्रति बैरल तक गिरने के बावजूद आम आदमी को राहत नहीं मिल रही. ट्रंप के रेसीप्रोकल टैरिफ और आर्थिक मंदी की आशंका ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है. गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि 2026 तक क्रूड 55-59 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहेगा, क्योंकि ओपेक+ देश प्रतिदिन 4.11 लाख बैरल उत्पादन बढ़ाने जा रहे हैं. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने साफ किया कि तेल कंपनियां 45 दिन पुरानी 75 डॉलर प्रति बैरल की इन्वेंट्री बेच रही हैं, इसलिए अभी दाम नहीं घटेंगे. सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर अपनी आय बढ़ाई. वहीं, सरकार ने 2030 तक 30% इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा है, जो मार्च में 20% तक पहुंच चुका है. इससे क्रूड बिल में सालाना 13,000 करोड़ रुपये की बचत होगी, लेकिन ड्यूटी और सेस के जरिए कीमतें स्थिर रखी जाएंगी. जिससे आम आदमी को सस्ते तेल का फायदा मिलने की उम्मीद कम है. तो क्या तीन महीने बाद 65 डॉलर से कम का क्रूड राहत लाएगा? ये जानने के लिए देखिए ये वीडियो
More Videos

Gold Price Prediction: 1.20 लाख रुपये पर जाएगा गोल्ड?

Gold Rate: 5,500 रुपये सस्ता हो गया सोना, जानें क्यों घट रहे दाम, क्या है आगे अनुमान?

पीएफसी ने जेनसोल इंजीनियरिंग के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने की शिकायत ईओडब्ल्यू में दर्ज कराई
