नए एमिशन रूल पर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में तकरार, Tata Motors बोली—सेफ्टी पहली प्रायोरिटी, Maruti ने छूट की मांग दोहराई
भारत में छोटे कारों के लिए नए एमिशन स्टैंडर्डको लेकर Tata Motors और Maruti Suzuki में बड़ा टकराव सामने आया है. Tata का कहना है कि हल्की कारों को छूट देने से सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी, जबकि Maruti का तर्क है कि Cafe 3 नियम छोटे कार सेगमेंट को खत्म कर देंगे और किफायती कारें महंगी हो जाएंगी. 909 किलो से हल्की कारों पर प्रस्तावित राहत को लेकर उद्योग दो हिस्सों में बंट गया है और सरकार को अंतिम फैसला लेना होगा.
Emission Norms Small Cars: भारत में छोटे कारों के लिए प्रस्तावित नए एमिशन नियमों को लेकर ऑटो सेक्टर में बड़ी बहस शुरू हो गई है. Tata Motors ने साफ कहा है कि छोटे कारों के लिए नियमो में ढील देने का कोई कारण नहीं है. यह बयान सीधे तौर पर Maruti Suzuki के उस मांग का विरोध करता है जिसमें कंपनी लंबे समय से हल्के कारों के लिए सरल स्टैंडर्ड चाहती रही है. Tata Motors का कहना है कि वजन आधारित परिभाषा से छोटे कार असुरक्षित बन जाएंगी और सुरक्षा पर असर पड़ेगा.
नियमों में ढील का कड़ा विरोध
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, Tata Motors ने कहा कि छोटे कारों के लिए एमिशन नियम आसान करने का कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर छोटे कार को वजन के आधार पर डिफाइन किया गया तो मैन्यूफैक्चर्च को हल्के और कम सेफ कार डिजाइन करने की प्रेरणा मिलेगी. उनका कहना है कि सुरक्षा भारत की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और ऐसे बदलाव खतरनाक साबित हो सकते है.
छोटे कार की किफायत पर जोर
Maruti Suzuki लंबे समय से कहती आ रही है कि Cafe 3 नियम छोटे कार के लिए ज्यादा कठोर है और इससे छोटे कार बाजार में टिक नहीं पाएंगी. कंपनी का दावा है कि छोटे कार को एमिशन घटाने में तकनीकी रूप से ज्यादा चुनौती आती है. Maruti चाहती है कि हल्के कारों के लिए अलग और सरल मानक बने ताकि दोपहिया से चारपहिया में अपग्रेड करने वाले कंज्यूमर सस्ती कार खरीद सकें.
909 किलो से हल्के कार पर विवाद
BEE के प्रस्ताव में 909 किलो से कम वजन वाले कारों के लिए सरल लक्ष्य दिए गए थे. Maruti और Toyota ने इसका समर्थन किया लेकिन बाकी अधिकांश कंपनियों ने इसका विरोध किया. Tata Motors के चंद्रा ने कहा कि आज भारत में कोई भी 909 किलो से कम वजन का कार BNCAP सुरक्षा रेटिंग हासिल नहीं कर पाता. ऐसे में हल्की कार को बढ़ावा देना सुरक्षा के लिये नुकसानदायक होगा.
क्या छोटे कार सच में महंगे हो जाएंगे
Maruti का कहना है कि Cafe 3 के नियम छोटे कार के अस्तित्व को खतरे में डाल देंगे. जबकि Tata Motors का तर्क है कि हल्के कार को रियायत देने से ऐसे मॉडल भी सस्ते हो जाएंगे जिनकी कीमत 10 लाख तक है. यानी इससे उन कार को भी फायदा मिलेगा जो वास्तविक रूप से छोटे कार की कैटेगरी में नहीं आती.
GST में वजन आधारित डेफिनेशन के भी खिलाफ
Tata Motors ने यह भी कहा कि हाल ही में बदले GST नियमों ने छोटे कार को लंबाई और इंजन साइज के आधार पर परिभाषित किया है, वजन के आधार पर नहीं. चार मीटर से छोटे कार पर 18 फीसदी GST है जबकि बड़े कार पर 40 फीसदी तक कर लगता है. ऐसे में वजन आधारित परिभाषा बनाना GST नियमों से भी मेल नहीं खाता.