कौन हैं संजय यादव जिनकी वजह से राजद में मचा है ‘महाभारत’, बेटे के बाद बेटी ने भी तोड़ा लालू परिवार से नाता
बिहार चुनाव परिणाम के बाद राजद में शुरू हुई तकरार अब तेज होती दिखाई दे रही है, जहां लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है और सीधे तौर पर तेजस्वी यादव के रणनीतिकार संजय यादव पर निशाना साधा है. राजद में संजय यादव का बढ़ता कद लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है, जिस पर तेजप्रताप यादव भी आरोप लगा चुके हैं.
Sanjay Yadav RJD: बिहार विधानसभा चुनाव का परिणाम घोषित हो गया है. चुनाव में एक तरफ जहां एनडीए गठबंधन को बंपर जीत मिली है वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन को बड़ी हार मिली है. महागठबंधन की हार के बाद लालू परिवार में तकरार शुरू हो गई है. लालू यादव के बेटे के बाद बेटी ने भी परिवार से नाता तोड़ने का फैसला किया है. साथ ही तेजस्वी यादव के रणनीतिकार संजय यादव पर निशाना साधा है. अब सवाल उठता है कि आखिर संजय यादव कौन हैं और राजद में इतने महत्वपूर्ण कैसे हो गए. चुनाव के दौरान भी कई राजद के कार्यकर्ताओं ने टिकट को लेकर संजय यादव पर आरोप लगाया था, साथ ही तेजप्रताप यादव के भी निशाने पर रहे हैं.
रोहिणी आचार्य ने परिवार से नाता तोड़ने का किया ऐलान
लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने शनिवार को एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट डाला. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि “मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं… संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था… और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं”. ये पहली बार नहीं है जब रोहिणी ने संजय यादव को निशाना बनाया है. इससे पहले भी वो तेजस्वी की गाड़ी की पहली सीट पर बैठने को लेकर संजय यादव से नाराजगी जता चुकी हैं.
कौन हैं संजय यादव
संजय यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं. उन्होंने कंप्यूटर साइंस में M.Sc और MBA की डिग्री हासिल की है और डेटा एनालिसिस और मैनेजमेंट की अच्छी जानकारी है. कहा जाता है कि तेजस्वी यादव से उनकी मुलाकात अखिलेश यादव ने करवाई थी और 2013 में वो राजद से जुड़ गए थे.
कैसे बने तेजस्वी के खास
संजय यादव को तेजस्वी यादव ने 2013 में बिहार बुलाया था. 2013 से 2015 के दौरान संजय यादव तेजस्वी यादव को सियासी मैदान में उतरने के लिए तैयार करते रहे. 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने राजद की रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई. 2025 के विधानसभा चुनाव में वो तेजस्वी यादव के साये की तरह दिखाई दिए और टिकट वितरण से लेकर चुनावी रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई.
तेजस्वी ने बनाया सांसद
संजय यादव अभी राज्यसभा के सांसद हैं. 2024 में राजद ने उन्हें राज्यसभा भेजा था. 2015 के विधानसभा चुनाव में 80 सीटें और 2020 के विधानसभा में 75 सीटें जीतने के बाद राजद में इनका कद और बढ़ता चला गया. हालांकि 2025 के विधानसभा चुनाव में राजद को मिली करारी हार के कारण संजय यादव सबके निशाने पर आ गए हैं.
इस विधानसभा में राजद 75 से 25 सीटों पर सिमट गई यानी 50 सीटों का नुकसान हुआ है. इसके अलावा महागठबंधन के अन्य सहयोगियों में शामिल कांग्रेस को 6 सीट, लेफ्ट पार्टी को कुल 3 सीट और IIP को सिर्फ एक सीट मिली है. महागठबंधन के उपमुख्यमंत्री उम्मीदवार मुकेश सहनी की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली है.
तेजप्रताप भी लगा चुके हैं आरोप
जैसे-जैसे संजय यादव का कद पार्टी में बढ़ा है उनके खिलाफ आवाज भी उठी. लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव पार्टी और परिवार से अलग हो गए हैं, उन्हें पार्टी से निकाल भी दिया गया था. उन्होंने भी संजय यादव पर कई बार निशाना साधा है. तेजप्रताप संजय यादव का नाम नहीं लेते हैं लेकिन उन्हें जयचंद कहकर संबोधित करते हैं.
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