Ethenol Blending in Petrol | कार के खराब होने पर सरकार की सफाई, आखिर क्यों हैं लोग परेशान?

सरकार ने सेस और सरचार्ज से सबसे ज्यादा राजस्व प्राप्त किया, लेकिन इसका सही उपयोग नहीं किया गया है, यह चिंता का विषय है. नवीनतम सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, सरकार को सेस और सरचार्ज के माध्यम से लगभग 4.9 लाख करोड़ रुपए प्राप्त हुए, लेकिन इसका खर्च नियोजित कामों पर पूरी तरह से नहीं हुआ, जिससे सवाल उठते हैं कि यह पैसा कहां और कैसे खर्च किया गया. डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कमी आई है, इस वर्ष मार्च तक 3.95% की गिरावट देखी गई है, जिसका कारण रिफंड में वृद्धि और टैक्स फाइलिंग की डेडलाइन में बदलाव बताए गए हैं. एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (E20) को लेकर बाजार में विवाद और गलतफहमियां जारी हैं. सरकार का कहना है कि E20 का उपयोग वाहन की परफॉर्मेंस बढ़ाता है और कार्बन उत्सर्जन को 30 फीसदी तक कम करता है। सोशल मीडिया पर अफवाहें फैली थीं कि E20 के उपयोग से वाहन की वारंटी और इंश्योरेंस प्रभावित होंगे, जिसे पेट्रोलियम मंत्रालय ने सख्ती से खारिज किया है. मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि E20 का उपयोग इंश्योरेंस कवर या वारंटी पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता है. कुछ ऑटो एक्सपर्ट्स का मानना है कि E20 से इंजन को नुकसान हो सकता है, लेकिन सरकार के पास इसकी कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है. पेट्रोल की कीमतों में कमी न होने का मुख्य कारण एथेनॉल की ऊंची कीमत है, जो लगभग 71 रुपये प्रति लीटर है, जबकि पेट्रोल की कीमत 54 से 58 रुपये प्रति लीटर के बीच है. ब्राजील जैसे देशों में E20 या उससे अधिक एथेनॉल मिश्रण लंबे समय से सुरक्षित रूप से उपयोग हो रहा है. E20 का ऑक्टेन नंबर 108 है, जो बेहतर इंजन पिकअप देता है, जबकि शुद्ध पेट्रोल (E0) का ऑक्टेन नंबर लगभग 84 है. सरकार का दावा है कि एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल से प्रदूषण कम होगा और इससे शुगर उद्योग और गन्ना किसानों को आर्थिक लाभ होगा, जिससे आयात की निर्भरता भी कम होगी. फिर भी, जनता की मांग है कि उन्हें अपने वाहनों के लिए शुद्ध पेट्रोल विकल्प उपलब्ध कराया जाए. सरकार ने स्पष्ट किया है कि E20 पेट्रोल सुरक्षित और लाभकारी है, और इसका इंश्योरेंस और वाहन वारंटी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.