बैटरी कवर, ऐड-ऑन से लेकर प्रीमियम तक; EV इंश्योरेंस लेने से पहले जान लें ये 5 जरूरी बातें
EV Insurance: इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बढ़ती संख्या के साथ, EV इंश्योरेंस की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. पिछले तीन सालों में EV इंश्योरेंस की बिक्री में 16 गुना इजाफा हुआ है, और अब यह आंकड़ा 8.2% तक पहुंच गया है, जिसमें आगे और वृद्धि की उम्मीद है.

EV Car Insurance: जैसे जैसे EVs का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होता जा रहा है वैसे ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EVs) की संख्या सड़कों पर बढ़ती जा रही है. इस वजह से EV गाड़ियों की बीमा यानी इंश्योरेंस की मांग में भी तेजी से है. पॉलिसीबाजार के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन सालों में EV इंश्योरेंस की बिक्री में 16 गुना इजाफा हुआ है. साल 2022-23 में EV इंश्योरेंस की हिस्सेदारी सिर्फ 0.5% थी, जो अब 2024-25 में बढ़कर 8.2% हो गई है. उम्मीद है कि मार्च 2025 तक ये आंकड़ा 14% तक पहुंच सकता है.
EV स्कूटर: बीमा की मांग में तेजी
ये सिर्फ EV कारों तक सीमित नहीं है. ये दो-पहिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों खासतौर पर स्कूटर में भी इंश्योरेंस की मांग काफी बढ़ी है. पिछले साल जहां 10,000 दो-पहिया EV इंश्योरेंस पॉलिसी ली गई थी, वहीं इस साल ये आंकड़ा 20,000 तक पहुंच गया है और इनमें से 98-99% सिर्फ स्कूटर्स हैं.
हालांकि EV इंश्योरेंस पूरे देश में फैल रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा मांग शहरी इलाकों से आ रही है, जैसे दिल्ली-एनसीआर, बैंगलोर, पुणे, चेन्नई और मुंबई. इन पांच शहरों से 55% EV इंश्योरेंस पॉलिसी आती हैं. कुल मिलाकर, टियर-1 शहरों से 58% हिस्सेदारी है, जिससे साफ है कि EV अब भी ज्यादातर शहरी क्षेत्रों में लोकप्रिय हैं.
EV इंश्योरेंस लेते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
- इलेक्ट्रिक गाड़ियों में कुछ खास तरह के जोखिम होते हैं जैसे बैटरी डैमेज, शॉर्ट सर्किट, चार्जिंग के समय आग लगना या चार्जर खराब होना. ये सब पेट्रोल गाड़ियों में नहीं होते तो बीमा लेने से पहले इन विषयों पर जरूर ध्यान दें.
- एड-ऑन कवर जरूरी: EV के इंश्योरेंस में जीरो डेप्रिसिएशन, बैटरी प्रोटेक्शन, रोडसाइड असिस्टेंस और चार्जर कवर जैसे ऐड-ऑन लेना काफी फायदेमंद है. ये अतिरिक्त सुरक्षा देते हैं, खासकर अगर बैटरी चोरी हो जाए या चार्जिंग के दौरान हादसा हो जाए.
- प्रीमियम: EVs के जोखिम ज्यादा हैं, लेकिन इंश्योरेंस प्रीमियम लगभग पेट्रोल गाड़ियों जितना ही होता है. जैसे टाटा टिगोर EV का प्रीमियम 31,287 रुपये है, जबकि उसके पेट्रोल वेरिएंट का 23,522 रुपये है. हालांकि दोनों में ज्यादा फर्क नहीं है, लेकिन EV में IDV (इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू) यानी बीमा राशि बेहतर मिलती है.
- सरकारी प्रोत्साहन: सरकार ने EV को बढ़ावा देने के लिए टैक्स छूट, रोड टैक्स माफ करना और FAME-II जैसी सब्सिडी दी है. इससे EV खरीदना और सस्ता हो गया है, जिससे लोग इंश्योरेंस लेने में भी ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
- क्लेम और समस्याएं: EV इंश्योरेंस का क्लेम आमतौर पर बैटरी चोरी, शॉर्ट सर्किट या आग जैसी घटनाओं पर होता है. चूंकि EV के पार्ट्स महंगे होते हैं, इसलिए इनका रिपेयर या रिप्लेसमेंट भी खर्चीला होता है. कंपनियां अब इन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपने बीमा प्लान में बदलाव कर रही हैं.
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