अगर चलती कार में इंजन हो जाए ओवरहीट, जानें- क्या करें और क्या नहीं

Engine Overheating: सही समय पर सही कदम उठाकर आप न केवल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं बल्कि महंगे रिपेयरिंग खर्च से भी बच सकते हैं. आइए जानते हैं कि ऐसी स्थिति में क्या करें और क्या बिल्कुल न करें. इंजन ओवरहीटिंग की स्थिति खतरनाक हो सकती है, लेकिन समझदारी और सावधानी से आप अपनी कार और जेब, दोनों को बड़े नुकसान से बचा सकते हैं.

इंजन ओवरहीटिंग के समय क्या करें? Image Credit: AI

Engine Overheating: अगर सफर के दौरान अचानक आपकी कार का इंजन ओवरहीट हो जाए, तो यह न केवल परेशानी का कारण बन सकता है बल्कि इंजन को भारी नुकसान भी पहुंचा सकता है. सही समय पर सही कदम उठाकर आप न केवल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं बल्कि महंगे रिपेयरिंग खर्च से भी बच सकते हैं. आइए जानते हैं कि ऐसी स्थिति में क्या करें और क्या बिल्कुल न करें.

गाड़ी तुरंत रोकें लेकिन इंजन बंद न करें

जैसे ही टेंपरेचर मीटर हाई दिखाए या बोनट से धुआं निकले, गाड़ी को सुरक्षित जगह पर रोकें. इंजन को तुरंत बंद न करें, क्योंकि इससे अंदर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाएगी.

इंजन को आइडल पर चलने दें

एक्सीलेरेटर छोड़कर कुछ समय तक इंजन को आइडल पर चलने दें. इससे रेडिएटर फैन को इंजन ठंडा करने का समय मिलेगा.

बोनट खोलें लेकिन सावधानी बरतें

बोनट को धीरे-धीरे खोलें ताकि गर्मी बाहर निकल सके. हाथ से छूने की कोशिश न करें, क्योंकि तापमान बेहद ज्यादा हो सकता है.

रेडिएटर या कूलैंट कैप न खोलें

इंजन गर्म रहते हुए रेडिएटर या कूलैंट कैप खोलना खतरनाक है. भाप निकलने से गंभीर चोट लग सकती है. इंजन को ठंडा होने के लिए 30–45 मिनट दें.

कूलैंट का लेवल चेक करें

इंजन ठंडा होने के बाद कूलैंट या पानी का स्तर देखें. अगर लेवल कम है तो कूलैंट डालें. जरूरत पड़ने पर अस्थायी तौर पर सादा पानी भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

हीटर का इस्तेमाल करें

सर्दियों में हीटर ऑन करने से गर्मी केबिन की ओर डायवर्ट हो जाती है, जिससे इंजन पर लोड कम होता है.

मैकैनिक से जांच कराएं

अगर बार-बार ओवरहीटिंग हो रही है तो इसे हल्के में न लें. यह रेडिएटर लीकेज, कूलैंट पंप फेलियर, फैन की खराबी या थर्मोस्टेट की समस्या का संकेत हो सकता है.

क्या न करें

  • इंजन को बार-बार स्टार्ट और बंद न करें.
  • इंजन ठंडा हुए बिना रेडिएटर कैप न खोलें.
  • ओवरहीटिंग के बावजूद गाड़ी जबरदस्ती न चलाएं.

भविष्य में बचाव के उपाय

  • गाड़ी की रेगुलर सर्विस कराएं.
  • हर महीने कूलैंट लेवल चेक करें.
  • रेडिएटर और थर्मोस्टेट की स्थिति समय-समय पर जांचें.
  • लंबी यात्रा से पहले कूलिंग सिस्टम की जांच करवा लें.

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