मारुति ने ग्राहकों के आगे बदल दी अपनी लीगेसी… माइलेज अब बीते दौर की बात, सेफ्टी, सनरूफ और ADAS बने नई पसंद
बदलते वक्त के साथ कार खरीदने की सोच भी बदल गई है. आज ग्राहक सिर्फ ईंधन बचत नहीं, बल्कि सुरक्षा, फीचर्स और टेक्नोलॉजी की भी बराबर मांग कर रहा है. दिलचस्प बात यह है कि भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी अब इस बदलाव को न सिर्फ समझ रही है, बल्कि उसी दिशा में कदम भी बढ़ा रही है.
Maruti: एक दौर था जब भारतीय कार खरीदार के लिए एक ही सवाल काफी था और ये सवाल यह था कि “कितना माइलेज देती है?”. इस सवाल का सबसे भरोसेमंद जवाब होता था मारुति सुजुकी. लेकिन बदलते वक्त के साथ कार खरीदने की सोच भी बदल गई है. आज ग्राहक सिर्फ ईंधन बचत नहीं, बल्कि सुरक्षा, फीचर्स और टेक्नोलॉजी की भी बराबर मांग कर रहा है. दिलचस्प बात यह है कि भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी अब इस बदलाव को न सिर्फ समझ रही है, बल्कि उसी दिशा में कदम भी बढ़ा रही है. माइलेज की पहचान से आगे निकलकर, मारुति सुजुकी अब खुद को एक ज्यादा सुरक्षित और फीचर-लोडेड ब्रांड के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है.
ग्राहकों की सोच बदली, बाजार भी बदला
लेकिन वक्त के साथ ग्राहकों की प्राथमिकताएं बदलने लगीं. अब सिर्फ माइलेज ही काफी नहीं है. आज के खरीदार कार खरीदते समय सेफ्टी, फीचर्स और टेक्नोलॉजी पर भी उतना ही ध्यान देते हैं. लंबे समय तक मारुति इस बदलाव को नजरअंदाज करती रही. दूसरी तरफ Tata Motors और Mahindra जैसी कंपनियों ने समय रहते सेफ्टी पर फोकस किया और अपनी कारों को बेहतर सेफ्टी रेटिंग के साथ पेश किया.
सेफ्टी को लेकर बदला रुख
पहले मारुति सिर्फ भारतीय मानकों का हवाला देकर संतुष्ट रहती थी. कंपनी ने कभी खुलकर ग्लोबल सेफ्टी टेस्ट को नहीं अपनाया. लेकिन अब तस्वीर बदल रही है. मारुति ने अपनी नई कारों को खुद सेफ्टी टेस्ट के लिए भेजना शुरू किया है, जिसमें GNCAP और BNCAP जैसे प्लेटफॉर्म शामिल हैं. नई डिजायर, इन्विक्टो और विक्टोरिस जैसी कारों को 5-स्टार रेटिंग के लक्ष्य के साथ टेस्ट कराया जा रहा है. यह साफ संकेत है कि कंपनी अब ग्राहकों की सेफ्टी चिंता को गंभीरता से ले रही है.
ADAS और आधुनिक तकनीक की एंट्री
सेफ्टी के साथ-साथ अब मारुति एडवांस टेक्नोलॉजी की ओर भी बढ़ रही है. विक्टोरिस मॉडल में ADAS जैसे फीचर्स दिए गए हैं, जो ड्राइविंग के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं. यह वही टेक्नोलॉजी है जिसे अब तक प्रीमियम कारों तक सीमित माना जाता था.
फीचर्स में भी अब कोई समझौता नहीं
मारुति अब फीचर्स के मामले में भी पीछे नहीं रहना चाहती. जहां पहले लोग ऑडियो सिस्टम बाहर से लगवाते थे, अब कंपनी खुद ब्रांडेड सिस्टम दे रही है. विक्टोरिस में Infinity का ऑडियो सिस्टम, वेंटिलेटेड सीट्स, हेड-अप डिस्प्ले और पैनोरमिक सनरूफ जैसे फीचर्स मिल रहे हैं. यह वही रणनीति है जिसे Hyundai और Kia जैसी कंपनियां पहले ही अपना चुकी हैं.
माइलेज से आगे की सोच
कुल मिलाकर, मारुति सुजुकी अब सिर्फ माइलेज वाली कंपनी नहीं रहना चाहती. सेफ्टी, फीचर्स और टेक्नोलॉजी की ओर बढ़ता यह कदम दिखाता है कि कंपनी ने आखिरकार बदलते बाजार और ग्राहकों की नई सोच को स्वीकार कर लिया है. अगर यह रफ्तार बनी रही, तो आने वाले समय में मारुति की पहचान सिर्फ “कितना देती है” तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि एक ऑल-राउंडर कार ब्रांड के रूप में भी बनेगी.
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