16 साल से भारत में Decathlon, 4000 करोड़ से ज्यादा इनकम, फिर भी घाटे में आई, जानें कैसे चलता है बिजनेस
स्पोर्ट्स आइटम बनाने वाली कंपनी Decathlon आजकल सुर्खियों में है. कंपनी को वित्तीय वर्ष 2025 हमें तगड़ा नुकसान हुआ है. यह कंपनी 16 साल पहले भारत में दाखिल हुई थी. मूलरूप से यह फ्रांस की कंपनी है. इसकी शुरुआत साल 1976 में हुई थी. तो किसने की इसकी शुरुआत और कैसे भारत में बढ़ी इसकी पॉपुलैरिटी, यहां करें चेक.
Decathlon : स्पोर्ट्स आइटम बनाने वाली फ्रांस की कंपनी Decathlon का भारत में काफी क्रेज है. 16 साल पहले भारत में एंट्री करने वाली ये कंपनी साइकिल, ट्रेडमिल से लेकर शूज, जैकेट और तमाम स्पोर्ट्स आइटम बनाती है. भारत में तेजी से बढ़ते इसके रिटेल आउटलेट इसकी पॉपुलैरिटी की झलक दिखाते हैं, लेकिन हाल ही में कंपनी को तगड़ा झटका लगा है. इसे वित्तीय वर्ष 2025 में करोड़ों का नुकसान हुआ है. भारत में धूम मचाने वाली इस स्पोर्ट्स रिटेल कंपनी की यहां कैसे हुई शुरुआत, बिजनेस का कैसे हुआ विस्तार और किसने रखी थी कंपनी की नींव, आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे.
49 साल पहले पड़ी थी नींव
Decathlon की स्थापना फ्रेंच बिजनेसमैन Michel Leclercq ने 1976 में की थी. यानी ये कंपनी 49 साल पुरानी है. माइकल का विजन एक बड़ी स्टोर में किफायती स्पोर्ट्स इक्विपमेंट यानी सभी खेलों के लिए एक ही छत के नीचे सामान मुहैया करना था. Decathlon आज दुनिया के 72 देशों में सक्रिय है और खेलों और आउटडोर एक्टिविटीज़ के लिए गेम-चेंजिंग प्रोडक्ट्स पेश करती है. कंपनी का मकसद हाई-परफॉर्मेंस हाइकिंग, कैंपिंग और साइकलिंग गियर किफायती दाम में लोगों तक पहुंचाना है.
भारत में कैसे कदम रखा?
- Decathlon ने अब से 16 साल पहले यानी 2009 में भारत में एंट्री ली थी. उसने बैंगलोर में कैश-एंड-कैरी और होलसेल स्टोर के रूप में कदम रखा था.
- 2013 में इसे सिंगल-ब्रांड रिटेलिंग की मंजूरी मिली और कंपनी ने अपना बिजनेस मॉडल होलसेल से रिटेल में बदल दिया.
- हालांकि इससे भी पहले, 1999 में Decathlon ने भारत में प्रोडक्शन की आधिकारिक शुरुआत की और 2004 में फुटवियर और हैवी स्टिचिंग का निर्यात शुरू किया था.
- 2012 तक Decathlon की ओर से भारत में बेचे जाने वाले 90% साइकिल Made-In-India थे, और 2014 तक कंपनी के 12 स्टोर भारत में खुल चुके थे.
- 2019 में Decathlon ने अपने बिजनेस का और विस्तार किया और 720 नए प्रोडक्ट्स पेश किए.
- इस दौरान 10 नए सप्लायर्स जोड़े और अधिकांश फ्लिप-फ्लॉप्स की मैन्युफैक्चरिंग भारत में शुरू की.
- Decathlon दुनिया की सबसे बड़ी स्पोर्टिंग गुड्स रिटेलर है, जिसके 1,700 से अधिक स्टोर पूरे विश्व में हैं. जबकि भारत में इसके 100 से ज्यादा स्टोर्स हैं.
- मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी अपनी वैश्विक जरूरत का लगभग 8% हिस्सा भारत से सोर्स करती है.
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65 करोड़ का झटका
- Decathlon की भारतीय शाखा ने वित्तीय वर्ष 2025 में 65 करोड़ रुपये का नेट नुकसान दर्ज किया है, जबकि FY24 में कंपनी ने 197 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. इस बदलाव की वजह बढ़ते ऑपरेटिंग खर्च हैं, जो राजस्व वृद्धि से तेज़ी से बढ़े हैं.
- कंपनी की ऑपरेशन्स से होने वाली आय साल-दर-साल 3% बढ़कर 4,133 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले साल यह 4,008 करोड़ रुपये थी.
- दूसरी आय को शामिल करने पर कुल आय 4,182 करोड़ रुपये रही, जो FY24 की 4,067 करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है.
- खर्चों की बात करें तो कुल मिलाकर कंपनी का खर्च 12.3% बढ़कर 4,264.5 करोड़ रुपये हो गया, जबकि रेवेन्यू वृद्धि केवल 3% रही.
- EBITDA 174 करोड़ रुपये रहा, जो कि पॉजिटिव था. हालांकि ROCE -5.73% और EBITDA मार्जिन 4.20% दर्ज किया गया.
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