कैब-बाइक बुक करने से पहले चेक कर लें सर्ज प्राइस और कैंसिलेशन का नया नियम; समझें पूरा कैलकुलेशन

केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते नए मोटर व्हीकल एग्रीगेटर नियम जारी किए हैं. यह राइड-हेलिंग ऐप्स जैसे ओला, उबर के लिए बड़ा बदलाव ला सकते हैं. इन नियमों से कैब कंपनियों, ड्राइवरों और यात्रियों सभी पर असर पड़ेगा. बाइक टैक्सी को लेकर अब तक नियम साफ नहीं थे. अब राज्य सरकारें निजी मोटरसाइकिल को बाइक टैक्सी के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकती हैं. हर राज्य अपने नियम बनाएगा, जैसे लाइसेंस फीस या नियमों का पालन.

ओला और उबर Image Credit: @Tv9

New Cab Guidelines: केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते नए मोटर व्हीकल एग्रीगेटर नियम जारी किए हैं. यह राइड-हेलिंग ऐप्स जैसे ओला, उबर के लिए बड़ा बदलाव ला सकते हैं. इन नियमों से कैब कंपनियों, ड्राइवरों और यात्रियों सभी पर असर पड़ेगा. नए नियमों में डायनामिक प्राइसिंग को मंजूरी दी गई है. यानी, जब डिमांड ज्यादा होगी, जैसे एयरपोर्ट पर भीड़ के समय, किराया बढ़ सकता है. लेकिन इसकी एक सीमा होगी. ऐसे में आइए इन बदलावों के बारे में विस्तार से जानते है.

उदाहरण से समझे किराए का गणित

नए मोटर व्हीकल एग्रीगेटर नियमों ने राइड-हेलिंग ऐप्स के किराए के नियम बदल दिए हैं. पहले, पीक आवर में आपको बेस किराए का 1.5 गुना तक भुगतान करना पड़ता था, लेकिन अब नए नियमों के तहत पीक आवर में किराया 2 गुना तक हो सकता है. मान लीजिए, दिल्ली के न्यू अशोक नगर से नोएडा सेक्टर 125 की दूरी 8 किलोमीटर है. पुराने नियमों के अनुसार, पीक आवर में बेस किराया 71 रुपए होता था. डायनामिक प्राइसिंग के चलते यह 1.5 गुना बढ़कर 106.50 रुपए तक हो जाता था. लेकिन पिछले हफ्ते लागू हुए नए नियमों के मुताबिक, पीक आवर में किराया 2 गुना तक हो सकता है. यानी, 71 रुपए का किराया अब 142 रुपए तक हो सकता है.

इसी तरह, कैब के लिए भी किराया बढ़ेगा. मान लीजिए, दिल्ली के न्यू अशोक नगर से नोएडा सेक्टर 125 से उबर गो के लिए बेस किराया 266 रुपए है. पुराने नियमों में पीक आवर में डायनामिक प्राइसिंग के कारण यह 1.5 गुना बढ़कर 399 रुपए तक हो जाता था. लेकिन नए नियमों के मुताबिक, पीक आवर में किराया 2 गुना हो सकता है, यानी 266 अब 532 रुपए तक हो सकता है.

कैंसिल करना राइडर पर पड़ेगा भारी

अगर ड्राइवर या यात्री बिना ठोस वजह के राइड कैंसिल करता है, तो उसे किराए का 10% (अधिकतम ₹100) जुर्माना देना होगा. राइड कैंसिल करने पर यात्री सीधे कंपनी को पैसे देगा, लेकिन ड्राइवर के कैंसिल करने पर कौन भरेगा. ड्राइवर या कंपनी इस बात पर कोई क्लेरिफिकेशन नहीं है.

ड्राइवरों को मिलेंगे ये फायदे

ड्राइवर अब कई ऐप्स पर एकसाथ काम कर सकते हैं. उन्हें ₹5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस और ₹10 लाख का टर्म इंश्योरेंस मिलेगा. अगर गाड़ी ड्राइवर की है तो उसे किराए का कम से कम 80% मिलेगा. कंपनी की गाड़ी हो तो 60%. किराया हर दिन, हफ्ते या 15 दिन में चुकाना होगा. ड्राइवरों को ऐप और कानूनी जानकारी की ट्रेनिंग भी मिलेगी.

बाइक टैक्सी परमिट को लेकर अलग से बनेंगे नियम

बाइक टैक्सी को लेकर अब तक नियम साफ नहीं थे. अब राज्य सरकारें निजी मोटरसाइकिल को बाइक टैक्सी के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकती हैं. हर राज्य अपने नियम बनाएगा, जैसे लाइसेंस फीस या नियमों का पालन. कर्नाटक में बाइक टैक्सी पर बैन है, जबकि महाराष्ट्र में सिर्फ ई-बाइक को इजाजत है. यानी, बाइक टैक्सी का भविष्य अब राज्यों के फैसले पर टिका है.

कंपनियों का खर्च बढ़ेगा?

इन नए नियमों से ऐप कंपनियों पर बोझ बढ़ेगा. उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को अपनाने के लिए सालाना लक्ष्य पूरे करने होंगे. नियम तोड़ने पर ₹1 लाख से ₹1 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है. 8 साल से पुरानी गाड़ियां अब ऐप पर नहीं चल सकेंगी. लाइसेंस के लिए एक सेंट्रल पोर्टल होगा. बार-बार गलती करने पर लाइसेंस रद्द भी हो सकता है.

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