गर्मी में टायर के प्रेशर को ऐसे करें मेंटेन, नहीं होगा फटने और एक्सीडेंट का खतरा
गर्मी में कार के टायरों का प्रेशर तेजी से बढ़ता है, जिससे टायर फटने और एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है. गर्मी में टायर का प्रेशर सही तरीके से मेंटेन करना बेहद जरूरी है. सफर से पहले टायर प्रेशर की जांच और नियमित देखभाल से हादसों से बचा जा सकता है. जानिए गर्मी में टायर मेंटेनेंस के आसान और असरदार टिप्स.
Tyre Pressure in Summer: गर्मी के दिनों में कार के टायरों को अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है. गर्मी में टायरों का प्रेशर तेजी से बदलता है. तेज धूप और बढ़ता टेम्परेचर कार के टायरों को खराब कर सकता है. यदि आप टायर के बढ़ते-घटते प्रेशर की अनदेखी करते हैं तो टायर खराब होने के साथ-साथ एक्सीडेंट होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. इसलिए आज हम आपको टायर को मेंटेन करने के कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं.
गर्मी में क्यों बढ़ता है प्रेशर
जब दिन में टेम्परेचर बढ़ता है तो हवा भी गर्म हो जाती है. टायर के अंदर की हवा गर्म होकर फैलने लगती है जिससे प्रेशर बढ़ता है. इससे टायर खराब होने और फटने के चांसेस बढ़ जाते हैं. गर्मी में 10°C टेम्परेचर बढ़ने पर टायर में लगभग 1-2 PSI की बढ़त होती है. यदि आपके टायरों का प्रेशर सामान्यतः 25 PSI है तो तेज धूप में यह 30 PSI या उससे अधिक हो सकता है.
गर्मी में टायर प्रेशर की करें जांच
गर्मी में कार के टायरों के प्रेशर को लगातार चेक करते रहना चाहिए. लंबे सफर के दौरान टायर प्रेशर को बार-बार चेक करें. सफर की शुरुआत में प्रेशर अवश्य जांचें.
टायर की देखभाल जरूरी
गर्मी के मौसम में कार को ओवरलोड नहीं करना चाहिए, इससे टायरों पर अतिरिक्त फोर्स लगता है. समय-समय पर टायरों का अलाइमेंट और बैलेंसिंग करवाते रहना चाहिए. पांच साल से अधिक पुराने टायर का उपयोग यात्रा के लिए खतरनाक हो सकता है, इसलिए उसे जल्द ही बदल दें.
नाइट्रोजन गैस का करें इस्तेमाल
गर्मियों में टायर में हवा भरवाते समय नाइट्रोजन गैस भरवाना न भूलें. नाइट्रोजन एक ठंडी गैस है जो अधिक टेम्परेचर में टायर के तापमान को संतुलित करने में मदद करती है. इससे हवा का फैलाव नहीं होता और टायर फटने के चांसेस कम हो जाते हैं.
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ओवरस्पीडिंग से बचें
गर्मियों में छुट्टियों के दौरान लोग लंबे सफर पर जाते हैं. ऐसे में हाइवे और एक्सप्रेसवे पर बहुत तेज कार चलाने से समय की बचत तो होती है, लेकिन इससे टायर जल्दी गर्म हो जाते हैं और फटने के चांसेस बढ़ जाते हैं, जिससे बड़ा एक्सीडेंट हो सकता है. इसलिए कार को मध्यम स्पीड पर चलाएं.
ब्रेक लेना है जरूरी
लंबे सफर के दौरान हर 100-150 किलोमीटर पर रुकें ताकि आपको और कार को ब्रेक मिल सके. इससे टायर और इंजन को ठंडा होने का समय मिलता है और दोनों के टेम्परेचर में कमी आती है.