छोटी कारों के बाजार में गिरावट के बीच टाटा अल्ट्रोज पर भरोसा कायम, बिक्री में डीजल वेरिएंट का 10 फीसदी योगदान
भारत में हैचबैक कारों की गिरती मांग के बीच Tata Altroz ने अपनी मजबूती बरकरार रखी है. Altroz Facelift को 6.89 लाख रुपये की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया गया है और इसके डीजल वेरिएंट की बिक्री में 10 फीसदी का योगदान बना हुआ है. Tata Motors के चीफ कमर्शियल ऑफिसर विवेक श्रीवत्स ने बताया कि बदलते सेफ्टी और एमिशन नॉर्म्स के कारण एंट्री लेवल हैचबैक का बाजार सिकुड़ा है, लेकिन प्रीमियम हैचबैक स्पेस बढ़ रहा है.
Tata Altroz sales: टाटा मोटर्स ने हाल ही में अल्ट्रोज फेसलिफ्ट को 6.89 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया है. ऐसे समय में जब भारत में छोटी कारों का सेगमेंट, विशेषकर हैचबैक, तेजी से सिकुड़ रहा है, टाटा मोटर्स का अल्ट्रोज पर भरोसा बरकरार है. वर्ष 2020 की शुरुआत में लॉन्च की गई अल्ट्रोज की बिक्री शुरुआती सफलता के बाद कुछ धीमी हो गई थी. पिछले छह महीनों में देशभर के डीलरशिप्स पर टाटा अल्ट्रोज की कुल 11,416 यूनिट्स भेजी गईं. इसकी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी मारुति सुजुकी बलेनो ने मासिक आधार पर इससे अधिक औसत बिक्री दर्ज की है.
एंट्री-लेवल हैचबैक कारों में गिरावट
Express Drives से बातचीत में टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के चीफ कमर्शियल ऑफिसर विवेक श्रीवत्स ने कहा, “अगर मैं पीछे मुड़कर देखूं तो हैचबैक सेगमेंट जो कभी बाजार का 50 फीसदी हिस्सा था, अब लगभग 22 फीसदी पर आ गया है. लेकिन इस सेगमेंट में सबसे बड़ी गिरावट एंट्री-लेवल हैचबैक में आई है.” श्रीवत्स ने स्वीकार किया कि नए और सख्त एमिशन व सेफ्टी नॉर्म्स के चलते एंट्री-लेवल हैचबैक की बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई है.
साथ ही, समय के साथ ग्राहकों की प्राथमिकताएं भी बदल गई हैं. एंट्री-लेवल हैचबैक ज्यादातर टाइट बजट वाले ग्राहकों के लिए होती हैं, जिनमें आम तौर पर वे सभी आधुनिक टेक्नोलॉजी और सेफ्टी फीचर्स नहीं होते जो आज के खरीदार अपेक्षा करते हैं. यही वजह है कि जहां कुल हैचबैक बिक्री पूरे यात्री वाहन बाजार में 22 फीसदी तक गिर गई है, वहीं प्रीमियम हैचबैक स्पेस 10 फीसदी से बढ़कर 32 फीसदी तक पहुंच गया है.
उन्होंने यह भी बताया कि जब 2020 में अल्ट्रोज लॉन्च हुई थी, तब उसकी 40 फीसदी बिक्री पहली बार कार खरीदने वालों से आई थी, जबकि 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 70 फीसदी तक पहुंच गया है. श्रीवत्स का मानना है कि भारत में हैचबैक सेगमेंट निकट भविष्य में कुल पैसेंजर व्हीकल बाजार का लगभग 20 फीसदी बना रहेगा.
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अल्ट्रोज की बिक्री में डीजल वेरिएंट का 10 फीसदी योगदान
वे दिन बीत चुके हैं जब डीजल हैचबैक के लिए भारत में कई विकल्प मौजूद थे. टाटा अल्ट्रोज फिलहाल देश की एकमात्र हैचबैक है जिसमें डीजल इंजन का विकल्प उपलब्ध है. ऐसे में जब डीजल सेगमेंट सिकुड़ रहा है, टाटा मोटर्स डीजल को लेकर इतना आश्वस्त क्यों है?
श्रीवत्स ने बताया कि पिछले वर्ष ईवी और सीएनजी के साथ-साथ डीजल की बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई है. इसके विपरीत, पिछले वित्त वर्ष में पेट्रोल कारों की बिक्री में गिरावट देखी गई. उन्होंने यह भी कहा कि ईंधन के रूप में डीजल, मौजूदा उत्सर्जन मानकों के अनुरूप, पेट्रोल की तुलना में कम उत्सर्जित करता है. इसके बावजूद इसे अक्सर गलत तरीके से बदनाम किया जाता है. यही कारण है कि डीजल वेरिएंट अब भी अल्ट्रोज की कुल बिक्री में 10 फीसदी का योगदान दे रहा है.