785 ऑडिट फर्मों ने FY24 के लिए दाखिल नहीं किया जरूरी रिटर्न, कंपनी एक्ट का उल्लंघन; नवंबर 2023 तक करना था जमा
785 ऑडिट फर्म्स ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) के लिए जरूरी स्टेटटरी रिटर्न दाखिल नहीं किए. ये रिटर्न नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) के लिए अनिवार्य हैं. इन ऑडिट फर्म्स को NFRA-2 फॉर्म नवंबर 2023 तक जमा करना था. लेकिन NFRA की अस्थायी लिस्ट के अनुसार, मार्च 2025 तक इन 785 फर्म्स ने ये रिटर्न जमा नहीं किए.
NFRA-2: 785 ऑडिट फर्म्स ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) के लिए जरूरी रिटर्न (statutory returns) दाखिल नहीं किए. ये रिटर्न नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) के लिए अनिवार्य हैं और इसे NFRA-2 फॉर्म कहा जाता है. इस फॉर्म को हर साल उन ऑडिटरों को जमा करना होता है, जो लिस्टेड कंपनियों या कुछ खास गैर-लिस्टेड कंपनियों का ऑडिट करते हैं. FE की रिपोर्ट के मुताबिक 785 ऑडिट फर्म्स ने अब तक (statutory returns) फाइल नही किए है.
क्या है NFRA-2?
NFRA-2 एक सालाना रिटर्न है, जिसे उन ऑडिटरों को भरना होता है, जो ऐसी कंपनियों का ऑडिट करते हैं. इनके शेयर भारत या विदेश के किसी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं. इसके अलावा, कुछ गैर-लिस्टेड कंपनियां भी इस दायरे में आती हैं, जिनका पेड-अप कैपिटल 500 करोड़ रुपये से ज्यादा, सालाना टर्नओवर 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा या लोन, डिबेंचर और डिपॉजिट 500 करोड़ रुपये से ज्यादा हैं. बीमा कंपनियां, बैंकिंग कंपनियां, बिजली प्रोडक्शन या आपूर्ति करने वाली कंपनियां, और ऐसी कंपनियां जो पब्लिक इंटरेस्ट से जुड़ी हैं, उनके ऑडिटरों को भी ये फॉर्म भरना जरूरी है.
कब तक जमा करना था?
इन ऑडिट फर्म्स को NFRA-2 फॉर्म नवंबर 2023 तक जमा करना था. लेकिन NFRA की अस्थायी लिस्ट के अनुसार, मार्च 2025 तक इन 785 फर्म्स ने ये रिटर्न जमा नहीं किए. यह कंपनियों के नियमों और NFRA नियमों, 2018 का गंभीर उल्लंघन है.
क्या नियम तोड़ने की सजा है?
अगर कोई ऑडिट फर्म NFRA-2 फॉर्म जमा नहीं करती, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है. यह नियम कंपनीज एक्ट के सेक्शन 132 के तहत लागू है. इस फॉर्म में ऑडिट फर्म्स को कई जरूरी जानकारी देनी होती है, जैसे:
- ऑडिटर की पहचान
- उनके क्लाइंट्स (कंपनियों) का डिटेल
- ऑडिट रिपोर्ट और फीस से जुड़ी जानकारी
- ऑडिट से जुड़े अन्य संबंधों का डिटेल
- अनुशासनात्मक कार्रवाइयों की जानकारी
- क्वालिटी कंट्रोल नीतियां
- ऑडिट रिपोर्ट वापस लेने का डिटेल
इसके अलावा, इस फॉर्म के जरिए ऑडिट फर्म्स NFRA को सहयोग करने और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त जानकारी देने की सहमति भी देती हैं.
बिग 6 फर्म्स का रोल
भारत में करीब 96,000 चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) फर्म्स हैं, लेकिन NSE मेन बोर्ड की कंपनियों के 34 फीसदी ऑडिट असाइनमेंट्स सिर्फ 6 बड़ी फर्म्स (जिन्हें बिग 6 कहा जाता है) के पास हैं. हालांकि, NFRA की इस सूची में बिग 6 फर्म्स के नाम शामिल नहीं हैं. इस लिस्ट में ज्यादातर छोटी और SME फर्म्स हैं, जिन्होंने FY24 के लिए रिटर्न जमा नहीं किए.
क्यों जरूरी है NFRA-2?
NFRA-2 फॉर्म इसलिए जरूरी है क्योंकि यह ऑडिट फर्म्स की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है. यह फॉर्म NFRA को ऑडिटरों के कामकाज की निगरानी करने में मदद करता है, ताकि कंपनियों की वित्तीय रिपोर्टिंग सही और विश्वसनीय हो. अगर ऑडिटर ये फॉर्म जमा नहीं करते, तो यह न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे कंपनियों और निवेशकों का भरोसा भी कम हो सकता है. जो फर्म्स NFRA-2 जमा नहीं करतीं, उन्हें न केवल जुर्माना देना पड़ सकता है, बल्कि उनकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ सकते हैं.