सोने की तेजी पर लग सकता है ब्रेक? फेड रिजर्व की बैठक तय करेगी दिशा; 4 हफ्तों में 10% से ज्यादा उछला भाव
सोने की कीमतों में पिछले 4 हफ्तों में 10 फीसदी से अधिक की तेजी देखी गई है और यह लगातार चौथा सप्ताह है जब सोने का बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की 16-17 सितंबर को होने वाली बैठक सोने की दिशा तय करेगी. रूस-यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया में तनाव और अमेरिकी टैरिफ ने भी सोने की चमक को बढ़ाया है.
Gold Rally: सोने की चमक लगातार बरकरार है और पिछले 4 हफ्तों में इसमें जोरदार तेजी आई है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी 17 सितंबर की पॉलिसी डिसिजन से पहले सोने की कीमतों में तेजी पर कुछ समय के लिए ब्रेक लग सकता है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि लॉन्ग टर्म में सोने की चमक बरकरार रहेगी. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों के बीच सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है, लेकिन फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों से संबंधित निर्णय और वैश्विक आर्थिक आंकड़े इसकी कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं.
4 हफ्तों में 10 फीसदी उछला सोना
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी और करेंसी रिसर्च के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने बताया कि सोने की कीमतों में पिछले चार हफ्तों में 10 फीसदी से अधिक की उछाल देखी गई है. यह लगातार चौथा सप्ताह है जब सोने की कीमतें बढ़त के साथ बंद हुई हैं. हालांकि, सप्ताह के मध्य में इसकी रफ्तार कुछ धीमी पड़ी.
फेडरल रिजर्व की बैठक तय करेगी बाजार की दिशा
प्रणव मेर ने कहा, “निवेशक और कारोबारी अब सतर्क हो गए हैं और मौजूदा ऊंचे स्तरों पर नए तेजी के सौदे जोड़ने से बच रहे हैं. पश्चिम एशिया और रूस-यूक्रेन में भू-राजनीतिक तनाव सोने की कीमतों को समर्थन दे रहे हैं, लेकिन फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे बाजार की दिशा तय करेंगे.” मेर ने आगे कहा कि सोना और चांदी की कीमतों में सकारात्मक रुख बरकरार रहने की उम्मीद है, लेकिन कीमतों में कुछ कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है.
16 सितंबर से शुरू होगी बैठक
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय बैठक 16 सितंबर को शुरू होगी और 17 सितंबर को पॉलिसी डिसिजन की घोषणा होगी. बाजार की नजर इस बात पर है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करेगा या मौजूदा रेट को बनाए रखेगा. ब्याज दरों में कटौती से सोने की कीमतों को और समर्थन मिल सकता है.
आश्चर्यजनक नहीं है तेजी
एंजल वन के प्रथमेश माल्या ने कहा, “हाल के हफ्तों में रूस-यूक्रेन संघर्ष में बढ़ोतरी और अमेरिका द्वारा भारतीय आयात पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ ने सोने की कीमतों में तेजी को बढ़ावा दिया है. यह तेजी आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि अनिश्चितता के दौर में निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख करते हैं.”
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