900 अरब डॉलर के भारतीय म्यूचुअल फंड मार्केट अपनी मौजूदगी बढ़ाएगी स्टेट स्ट्रीट, पेश करेगी ग्लोबल ETF

अमेरिकी निवेश प्रबंधन कंपनी स्टेट स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट भारत के 900 अरब डॉलर के म्यूचुअल फंड मार्केट में हिस्सेदारी बढ़ाने तैयारी में है. कंपनी भारतीय पार्टनर के साथ डाटा-ड्रिवन इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी विकसित करेगी और ग्लोबल ETF पोर्टफोलियो पेश करेगी.

म्यूचुअल फंड Image Credit: Getty image

ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म स्टेट स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट भारत के तेजी से बढ़ते म्यूचुअल फंड मार्केट में एंट्री की तैयारी में है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी एक भारतीय म्यूचुअल फंड में हिस्सेदारी खरीदने को लेकर एडवांस बातचीत में है. यह कदम 900 अरब डॉलर के भारतीय एसेट मैनेजमेंट मार्केट में कंपनी की मौजूदगी को मजबूत करेगा.

5 ट्रिलियन AUM

State Street करीब 5 ट्रिलियन डॉलर के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) संभालती है. यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है. भारत में यह सौदा इसे देश के तेजी से बढ़ते रिटेल निवेशक बेस तक सीधी पहुंच दिला सकता है. एक ऐसा बाजार जहां विदेशी कंपनियों को अब तक डिस्ट्रिब्यूशन और रेगुलेटरी अड़चनों का सामना करना पड़ा है.

डाटा-ड्रिवन स्ट्रैटेजी पर जोर

रिपोर्ट के मुताबिक संभावित पार्टनरशिप के तहत स्टेट स्ट्रीट अपने प्रोप्राइटरी इन्वेस्टमेंट टेक्नोलॉजी और क्वांट मॉडल्स भारतीय एसेट मैनेजर के साथ साझा करेगी. इसका उद्देश्य डेटा-ड्रिवन इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी और क्वांट फंड विकसित करना है. कंपनी अपने ग्लोबल मॉडल पोर्टफोलियो भी भारत में पेश करने की योजना बना रही है, जिनमें विदेशी इक्विटी और ETF शामिल होंगे. ये ETF स्मॉलकेस के जरिये उपलब्ध कराए जाएंगे. यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म जिसमें स्टेट स्ट्रीट पहले से हिस्सेदारी रखती है. इससे भारतीय निवेशकों को डिजिटल और ग्लोबल डायवर्सिफिकेशन का आसान विकल्प मिलेगा.

भारत का तेजी से बढ़ता निवेश बाजार

भारत में खुदरा निवेशकों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. SIP के जरिये हर महीने रिकॉर्ड निवेश हो रहा है. बीते 50 महीनों से म्यूचुअल फंड्स में लगातार इनफ्लो दर्ज किया जा रहा है. पिछले पांच वर्षों में भारत का इक्विटी मार्केट कैपिटलाइजेशन 5.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है, जिससे यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है. इस तेजी ने दुनियाभर के एसेट मैनेजर्स का ध्यान आकर्षित किया है.

विदेशी कंपनियों की बढ़ती दिलचस्पी

State Street पहली कंपनी नहीं है, जिसने भारत के म्यूचुअल फंड बाजार में दिलचस्पी दिखाई है. इससे पहले BlackRock, Amundi और Schroders जैसी बड़ी कंपनियां भी भारत पर नजरें गढ़ाए हुए हैं. BlackRock ने हाल ही में Jio Financial Services के साथ मिलकर भारत में दोबारा एंट्री की है. इसका फोकस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए लो-कॉस्ट म्यूचुअल फंड बिजनेस बनाने पर है. वहीं, Amundi SA और Schroders Plc ने भी भारतीय पार्टनर्स के साथ मिलकर स्थानीय वितरण नेटवर्क तक पहुंच बनाई है. जबकि, Jefferies Financial Group भी भारतीय एसेट मैनेजमेंट इंडस्ट्री में प्रवेश की तैयारी कर रही है.

रणनीतिक अवसर

State Street के लिए यह साझेदारी भारत के रिटेल निवेशक बाजार में प्रवेश का रणनीतिक गेटवे साबित हो सकती है. कंपनी की विशेषज्ञता क्वांटिटेटिव मॉडल, इंडेक्स स्ट्रैटेजी और ETF प्रबंधन में है, जबकि भारतीय पार्टनर स्थानीय वितरण और निवेशक नेटवर्क में मजबूत स्थिति रखता है. दोनों के संयोजन से भारतीय निवेश बाजार में नई गतिशीलता आ सकती है.