वोडाफोन को बड़ी राहत, आयकर विभाग ने कंपनी के खिलाफ ₹8,500 करोड़ के ट्रांसफर प्राइसिंग केस को लिया वापस
आयकर विभाग ने वोडाफोन इंडिया के खिलाफ ₹8,500 करोड़ के ट्रांसफर प्राइसिंग केस को वापस ले लिया है. कंपनी पर 2008 के कॉल सेंटर व्यवसाय की बिक्री को लेकर आयकर विभाग ने टैक्स मामला दायर किया था. विभाग का आरोप था कि कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में वास्तविक बाजार मूल्य से कम कीमत लगाई जिससे सरकार को नुकसान हुआ.
Vodafone Idea (Vi) को एक बड़ी राहत मिली है. ‘लाइव मिंट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग ने सोमवार को कंपनी के खिलाफ लंबित 8,500 करोड़ रुपये के ट्रांसफर प्राइसिंग मामले को वापस ले लिया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर इस पुराने विवाद को लेकर आयकर विभाग ने खुद ही केस वापस लेने की अर्जी दी थी. यह मामला अहमदाबाद स्थित वोडाफोन इंडिया के कॉल सेंटर व्यवसाय की बिक्री से संबंधित था. मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस अर्जी को मंजूरी दे दी है. कोर्ट का औपचारिक आदेश जारी होना बाकी है.
क्या था मामला
यह मामला Vodafone India Services Pvt. Ltd. से जुड़ा था जो अपने विदेशी मूल संगठन के साथ ट्रांसफर प्राइसिंग विवाद में फंस गया था. यह टैक्स मामला FY08 से जुड़ा था और इसकी शुरुआत वोडाफोन इंडिया के अहमदाबाद स्थित कॉल सेंटर व्यवसाय की बिक्री से हुई थी जिसे पहले 3 ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था. यह कारोबार हचिसन व्हाम्पोआ प्रॉपर्टीज (इंडिया) लिमिटेड को कंपनी के इंटरनल रिस्ट्रक्चरिंग के तहत बेचा गया था. इस लेन-देन के बाद, आयकर विभाग ने अक्टूबर 2012 में आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 143(3) और 144C(13) के तहत एक आदेश जारी किया जिसमें आरोप लगाया गया कि वोडाफोन ने एक undisclosed international transaction किया है. विभाग का दावा था कि इस सौदे में कॉल ऑप्शंस और व्यावसायिक मूल्य वाले intangible rights का हस्तांतरण एक रिलेटेड एंटिटी को किया गया, जिससे यह भारतीय ट्रांसफर प्राइसिंग नियमों के तहत एक अंतरराष्ट्रीय लेन-देन की श्रेणी में आता है. आयकर विभाग का आरोप था कि कंपनी ने कुछ अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में बाजार मूल्य से कम कीमत तय की थी जिसके कारण सरकार को टैक्स का नुकसान हुआ. इसी आधार पर विभाग ने कंपनी पर 8,500 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड लगाई थी.
4 नवंबर को आएगा औपचारिक आदेश
‘लाइव मिंट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को Commissioner of Income Tax ने सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच के समक्ष यह मामला वापस लेने का आवेदन दायर किया. मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने उनका आवेदन स्वीकार करते हुए आयकर विभाग को मामला वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी. अदालत का औपचारिक आदेश 4 नवंबर को जारी किया जाएगा.
बॉम्बे हाईकोर्ट गई थी वोडाफोन
2014 में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) ने विभाग के रुख का समर्थन किया और कहा कि यह लेनदेन भारत के ट्रांसफर प्राइसिंग कानूनों के दायरे में आता है जिसके बाद वोडाफोन ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अक्टूबर 2015 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ITAT के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि यह लेनदेन पूरी तरह घरेलू था और इसमें कोई अंतरराष्ट्रीय तत्व शामिल नहीं था. इसलिए आयकर विभाग को इस पर ट्रांसफर प्राइसिंग प्रावधान लागू करने का अधिकार नहीं था. इसके परिणामस्वरूप 8,500 करोड़ रुपये का टैक्स डिमांड रद्द कर दिया गया. आयकर विभाग ने इस निर्णय को 2016 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन वर्षों तक यह मामला लंबित रहने के बाद अब इसे वापस ले लिया गया है.