ITR भरते समय इन 8 बातों का खुलासा जरूरी, नहीं तो रिजेक्ट हो सकता है रिटर्न, देखें पूरी लिस्ट
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है. अगर आप समय पर रिटर्न नहीं भर पाते, तो 31 दिसंबर 2025 तक लेट फीस के साथ रिटर्न भर सकते हैं. ITR में 8 जरूरी खुलासे करने होंगे, वरना रिटर्न खारिज हो सकता है. आइए जानें ये क्या हैं.

ITR Filing 2025: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 15 सितंबर, 2025 इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख है. वे टैक्सपेयर्स जो इस दिन तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं, तो 31 दिसंबर 2025 तक रिटर्न फाइल कर सकते हैं, लेकिन उसके लिए लेट फीस देनी होगी. रिटर्न फाइल करते समय कुछ जरूरी बातें बतानी होती हैं. अगर टैक्सपेयर्स ने इन बातों की जानकारी नहीं दिया, तो आपका रिटर्न ऐसा माना जाएगा जैसे आपने इसे भरा ही नहीं. ऐसी जानकारी है, जिसका खुलासा करना अनिवार्य है. इस रिपोर्ट में आप पूरी लिस्ट देख सकते हैं.
विदेशी संपत्ति (Schedule FA)
अगर आप भारत के निवासी हैं, तो आपको विदेश में बैंक खाते, शेयर, फंड, बीमा, ESOPs, जमीन-जायदाद या साइन करने का अधिकार जैसी चीजों का खुलासा करना होगा. अगर आप ये नहीं बताते और संपत्ति की कीमत 20 लाख रुपये से ज्यादा है, तो 10 लाख रुपये का जुर्माना और 6 महीने से 7 साल तक की जेल हो सकती है. अगर संपत्ति (जमीन-जायदाद को छोड़कर) 20 लाख रुपये से कम है, तो जुर्माना और जेल नहीं होगी.
विदेशी आय (Schedule FSI)
आपको विदेश से हुई आमदनी का देश के हिसाब से ब्यौरा देना होगा, जैसे आय का प्रकार, राशि और वहां दिया गया टैक्स. इसे छिपाने पर 10 लाख रुपये का जुर्माना और 6 महीने से 7 साल तक की जेल हो सकती है. अगर संपत्ति की कीमत 20 लाख रुपये से कम है, तो जुर्माना और जेल से छूट मिल सकती है.
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क्रिप्टो/एनएफटी (Schedule VDA)
क्रिप्टो या एनएफटी की हर खरीद-बिक्री का ब्यौरा देना होगा, जैसे खरीद की तारीख, बिक्री की तारीख, बिक्री की कीमत और लागत.
अनलिस्टेड शेयर (Unlisted Equity Shares)
अगर आपने साल में कभी अनलिस्टेड शेयर रखे हैं, तो कंपनी का नाम, खरीद-बिक्री की तारीख, शेयर की संख्या, कीमत और लागत बतानी होगी. अगर आपने गैर-सूचीबद्ध शेयर रखे का विकल्प चुना, तो ये जानकारी देना अनिवार्य है.
निदेशक की जानकारी (Directorship Details)
अगर आप किसी कंपनी में निदेशक हैं, तो आपको DIN, कंपनी का नाम, PAN और कंपनी का लिस्टेड या अन-लिस्टेड होने का ब्यौरा देना होगा. सभी कंपनियों की जानकारी देनी जरूरी है.
संपत्ति और देनदारी (Schedule AL)
अगर आपकी कुल आय 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है, तो आपको अपनी संपत्ति जैसे जमीन-जायदाद, गहने, गाड़ियां, शेयर, म्यूचुअल फंड, नकदी, लोन और देनदारियों का ब्यौरा देना होगा. इनका मूल्य कैपिटल गेन और पोर्टफोलियो स्टेटमेंट के साथ मिलान करना होगा.
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फर्म में साझेदारी (Schedule IF)
अगर आप किसी फर्म में साझेदार हैं, तो फर्म का नाम, PAN, आपका दर्जा, हिस्सेदारी का प्रतिशत और वेतन या ब्याज की शर्तें बतानी होंगी. फर्म के ITR-5 के आंकड़ों से इसे मिलान करना जरूरी है, ताकि कोई नोटिस ना आए.
बैंक खाता और वेरिफिकेशन (Bank Account & Verification)
रिफंड के लिए बैंक खाते को पहले से वेरिफाई करना होगा. सही IFSC कोड और खाते का प्रकार बताना जरूरी है. ITR को 30 दिनों के अंदर ई-वेरिफाई करना होगा, वरना रिटर्न भरा हुआ नहीं माना जाएगा.
विदेशी संपत्ति का खुलासा कौन करेगा?
भारत में रहने वाले निवासियों को अपने सभी विदेशी संपत्तियों और आय का खुलासा Schedule FA में करना होगा. इसमें विदेशी बैंक खाते, शेयर, ESOPs, जमीन-जायदाद, ट्रस्ट और कम बैलेंस वाले खाते भी शामिल हैं, भले ही उनसे भारत में कर योग्य आय ना हो.
विदेशी संपत्ति छिपाने की सजा क्या है?
विदेशी संपत्ति छिपाना ब्लैक मनी एक्ट, 2015 के तहत गंभीर अपराध है. इससे ITR खारिज हो सकता है. हर संपत्ति के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना और 7 साल तक की जेल हो सकती है. हालांकि, फाइनेंस एक्ट 2024 में राहत दी गई है. अगर चल संपत्ति की कीमत 20 लाख रुपये से कम है और छिपाने का इरादा नहीं था, तो 1 अक्टूबर 2024 से जुर्माना और जेल नहीं होगी. सीबीडीटी ने 18 अगस्त 2025 को स्पष्ट किया कि ऐसी स्थिति में कोई मुकदमा भी नहीं होगा. लेकिन जमीन-जायदाद छिपाने पर ये छूट नहीं मिलेगी.
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