ITR फाइल करने की डेडलाइन आज, 1 दिन की देरी पर लगेंगे ₹5832 एक्स्ट्रा, 16 सितंबर से ऐसे फाइल करें रिटर्न

वित्त वर्ष 2024-25 (AY 2025-26) के लिए आज, 15 सितंबर 2025, बिना लेट फीस के ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख है. समय पर रिटर्न ना भरने पर 31 दिसंबर तक लेट फीस के साथ दाखिल कर सकते हैं, अन्यथा अपडेटेड रिटर्न के लिए अतिरिक्त टैक्स और पेनल्टी देनी होगी. आखिरी वक्त की हड़बड़ी से बचने के लिए आसान स्टेप्स अपनाएं.

ITR Filing 2025 Image Credit: Canva/ Money9

ITR Filing 2025: वित्त वर्ष 2024-25 (AY 2025-26) के लिए बिना लेट फीस के रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 15 सितंबर यानी आज है. डेडलाइन खत्म होने के बाद 31 दिसंबर तक लेट रिटर्न भर सकते हैं, जिसके लिए टैक्सपेयर्स को लेट फीस भरनी होगी. ये मौका चूकने के बाद अपडेटेड रिटर्न भरना होगा, जिसके लिए लेट फीस और अतिरिक्त टैक्स भी जमा कराना होगा. ऐसे में आखिरी वक्त की हड़बड़ी से बचने के लिए ये आसान कदम काफी मददगार साबित होंगे.

इन 4 स्टेप से फाइल करें रिटर्न

  • सभी कागजात तैयार रखें – ओल्ड या न्यू टैक्स रिजीम तय करें. इसके लिए जरूरी कागजात तैयार रखें. Form 26AS और AIS (Annual Information Statement) का मिलान कर लें.
  • फॉर्म 16 – सैलरी, TDS का सबूत.
  • AIS – ये सरकार के पास आपकी कमाई और टैक्स की जानकारी का रिकॉर्ड होता है.
  • सेविंग प्रूफ – पुरानी व्यवस्था चुन रहे हैं, तो 80C, 80D, होम लोन के ब्याज से जुड़े डॉक्यूमेंट है.
  • बैंक स्टेटमेंट – सभी खातों का ब्याज और अन्य आमदनी की जानकारी तैयार रखें. इनकम टैक्स पोर्टल पर अपडेटेड पैन और आधार अपलोड करें. ताकि रिफंड ना फंसे.

सही ITR फॉर्म चुनें

आय के आधार पर आईटीआर फॉर्म का चयन करें. सैलरी, पेंशन, किराया या ब्याज से कमाई करते हैं, तो आईटीआर-1 चुनें. अगर शेयर बाजार या प्रॉपर्टी से लाभ हुआ हो या विदेश से कमाई होती है तो आईटीआर-2 का चयन करें. बिजनेसमैन को आईटीआर 3 या 4 का चयन करना होता है. इसके साथ ही 5, 6 और 7 फॉर्म भी उपलब्ध है. आमदनी की कैटेगरी के आधार पर इसका चयन करें.

आईटीआर भरने के तीन तरीके

  • सरकारी पोर्टल – आप चाहें तो इनकम टैक्स पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन रिटर्न भर सकते हैं.
  • थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर – अगर आपके पास कम समय है या टैक्स से संबंधित जानकारी कम हो तो आप थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर की मदद से आईटीआर फाइल कर सकते हैं.
  • ऑफलाइन – अगर आप तकनीकी जानकार नहीं हैं, तो ऑफलाइन यूटिलिटी डाउनलोड करें.

ITR वेरिफिकेशन

रिटर्न फाइलिंग के 30 दिन में ई-वेरीफिकेशन करना जरूरी होता है. यदि आप रिटर्न भरने के 30 दिन बाद ई-वेरिफाई करते हैं और तब तक रिटर्न भरने की निश्चित तारीख निकल जाती है, तो रिटर्न वेरिफाई वाली तिथि रिटर्न भरने की तिथि मानी जाएगी और देरी से रिटर्न भरने के परिणाम भुगतने होंगे यानी लेट फीस और रिटर्न में देरी होगी.

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आखिरी तारीख चूक गए तो क्या करें?

15 सितंबर के बाद 31 दिसंबर तक लेट रिटर्न भर सकते हैं, जिसके लिए टैक्सपेयर्स को लेट फीस भरनी होगी. अगर आप यह भी मौका खो देते है, तो आप अपडेटेड रिटर्न भी भर सकते हैं. हालांकि इसके लिए अतिरिक्त टैक्स भी जमा कराना होगा.

कितनी लगेगी लेट फीस?

देर से रिटर्न फाइल करने पर बकाया या कम भुगतान किए गए टैक्स पर ब्याज लगेगा. यानी देनदारी ज्यादा है, तो कुछ दिनों की देरी टैक्स बिल बढ़ा सकती है.

  • धारा 234A – 16 सितंबर से रिटर्न फाइल करने तक हर महीने 1 फीसदी ब्याज लगेगा.
  • धारा 234B – अगर आपने टैक्स देनदारी का 90 फीसदी से कम एडपवांस टैक्स चुकाया है, तो 1 अप्रैल से हर महीने 1 फीसदी ब्याज लगता है.

अगर किसी टैक्सपेयर्स का सालाना आय 12 लाख रुपये हैं और उसने 15 सितंबर के बाद रिटर्न फाइल किया है, तो एक दिन में उसे कितना अतिरिक्त खर्च देना होगा.

डिटेल्सराशि (₹)
देर से शुल्क5,000
ब्याज832
कुल राशि5,832