अडानी ग्रुप की इस कंपनी को इनकम टैक्स का नोटिस, 23 करोड़ रुपये लगा जुर्माना; जानें पूरा मामला

अडानी ग्रुप की कंपनी ACC लिमिटेड को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से बड़ा झटका लगा है. विभाग ने असेसमेंट ईयर 2015-16 और 2018-19 के लिए कुल 23.07 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि वह आयकर आयुक्त के समक्ष इस जुर्माने को चुनौती देगी. यह मामला उस समय का है जब ACC अडानी समूह का हिस्सा नहीं थी.

ACC लिमिटेड Image Credit: www.acchelp.in

ACC Limited Income Tax Penalty: इनकम टैक्स (I-T) डिपार्टमेंट ने ACC लिमिटेड पर कुल 23.07 करोड़ रुपये के दो अलग-अलग फाइन लगाए हैं. इस फाइन का विरोध अडानी ग्रुप की यह कंपनी अपीलीय अथॉरिटी के सामने करेगी. इनकम टैक्स ने असेसमेंट ईयर 2015-16 के लिए कथित तौर पर “आय का गलत विवरण प्रस्तुत करने” के लिए 14.22 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. विभाग ने असेसमेंट ईयर 2018-19 के लिए आय कम बताने पर 8.85 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

1 अक्टूबर को मिला नोटिस

ACC ने गुरुवार को रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, “कंपनी निर्धारित समय-सीमा के भीतर आयकर आयुक्त के समक्ष अपील दायर करके दोनों आदेशों का विरोध करेगी और साथ ही संबंधित आदेशों के तहत की गई जुर्माना मांगों पर रोक लगाने की भी मांग करेगी.” कंपनी को ये दोनों डिमांड 1 अक्टूबर, 2025 को प्राप्त हुईं और उसने कहा कि इन जुर्मानों का वित्तीय गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

अडानी ग्रुप के अधिग्रहण से पहले का मामला

ACC, अडानी सीमेंट की यूनिट अंबुजा सीमेंट की एक सहायक कंपनी है, जिसके पास कंपनी में 50 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है. इनकम टैक्स की दोनों मांगें उस समय की हैं जब यह अरबपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह का हिस्सा नहीं बनी थी. सितंबर 2022 में अडानी समूह ने 6.4 बिलियन अमरीकी डॉलर के सौदे में स्विट्जरलैंड के होल्सिम समूह से अंबुजा सीमेंट्स और उसकी सहायक कंपनी ACC लिमिटेड का अधिग्रहण किया था.

कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में कमाया 21,762 करोड़ रुपये का रेवेन्यू

फाइलिंग में कहा गया है कि पहला मामला वर्ष 2014-15 का है. आयकर विभाग ने कंपनी के 49.25 करोड़ रुपये के खर्च को मानने से इनकार कर दिया. विभाग का कहना है कि इन खर्चों को घटाकर कंपनी ने अपनी आय कम दिखाई थी. इसके परिणामस्वरूप, विभाग ने 14.22 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है, जो अस्वीकृत खर्च पर लगने वाले टैक्स के बराबर है. दूसरा मामला वर्ष 2018-19 का है.

इस बार विभाग ने कंपनी के 12.79 करोड़ रुपये के एक और व्यय को अस्वीकार कर दिया और फिर से आय को कम दिखाने का आरोप लगाया. इस मामले में जुर्माना और भी सख्त है. विभाग ने 8.85 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है, जो अस्वीकृत खर्च पर लगने वाले टैक्स का 200 फीसदी है. इन मामलों के बावजूद, कंपनी का बिजनेस बहुत बड़ा है. उसने वित्त वर्ष 2025 में 21,762 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया और 3.9 करोड़ टन सीमेंट की बिक्री की है.

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