अडानी की कच्छ कॉपर ऑस्ट्रेलियाई BHP के साथ तांबे की डील के करीब, 30000 करोड़ में हो सकता है समझौता
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी कच्छ कॉपर ने इस वर्ष की शुरुआत में मुंद्रा में अपनी तांबा रिफाइनरी प्रोजेक्ट की पहली यूनिट चालू की, जिससे उद्योग में इसकी स्थिति और मजबूत हुई है.

गौतम अडानी कंपनी कच्छ कॉपर कथित तौर पर ऑस्ट्रेलिया की माइनिंग दिग्गज कंपनी बीएचपी के साथ तांबे (कॉपर कंसंट्रेट) सप्लाई हासिल के लिए बातचीत कर रही है. ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, संभावित डील में प्रति वर्ष 1.6 मिलियन टन (MTPA) तांबा की सप्लाई से जुड़ी हो सकती है. मौजूदा मार्केट रेट के आधार पर इस डील की वैल्यू लगभग 30,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होने का अनुमान है. हालांकि, तांबे की कीमत में उतार-चढ़ाव के चलते डील की फाइनल राशि में बदलाव देखने को मिल सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों कंपनियां इस सप्लाई डील को अंतिम रूप दे रही हैं.
तांबे की कीमत
नवंबर तक लंदन मेटल एक्सचेंज (LME) पर तांबे की कीमतें करीब 9,474 डॉलर प्रति टन थीं. बाजार अनुमानों में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई है. इसके अनुसार, अगले तीन महीनों में कीमतें बढ़कर 9,715 डॉलर प्रति टन हो जाने की उम्मीद है और दिसंबर 2025 तक संभावित रूप से 10,000 डॉलर प्रति टन को पार कर सकती हैं.
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी कच्छ कॉपर ने इस वर्ष की शुरुआत में मुंद्रा में अपनी तांबा रिफाइनरी प्रोजेक्ट की पहली यूनिट चालू की, जिससे उद्योग में इसकी स्थिति और मजबूत हुई है. अडानी एंटरप्राइजेज 0.5 एमटीपीए की शुरुआती क्षमता वाला कॉपर स्मेल्टर स्थापित करने के लिए लगभग 1.2 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है. दूसरे स्टेज में कैपिसिटी को दोगुना करके 1 एमटीपीए करने की योजना बनाई गई है.
तांबे का सबसे बड़ा सप्लायर
बीएचपी चिली, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना और एरिजोना जैसे प्रमुख स्थानों से तांबे की सप्लाई हासिल करता है. यह भारत को तांबे का सबसे बड़ा सप्लायर भी है. भारतीय कंपनियां आमतौर पर लगभग 25 प्रतिशत तांबे की मात्रा वाले तांबे के कंसन्ट्रेट का आयात करती हैं, जिसे फिर स्थानीय स्मेल्टरों में प्रोसेस किया जाता है.
तांबे की सप्लाई की प्राइस लंदन मेटल एक्सचेंज से जुड़ी हुई है. इसमें करेंसी हेजिंग, फ्रेट, ट्रीटमेंट और रिफाइनिंग चार्जेज जैसी अतिरिक्त लागतें भी शामिल होती हैं. यही कीमतें डील के फाइनल होने में अहम भूमिका निभाती हैं.
भारत में तांबे का उत्पादन
भारत में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड तांबे के अयस्क का उत्पादन करने वाली एकमात्र पब्लिक सेक्टर की कंपनी है. ये लगभग 4.0 एमटीपीए के कुल घरेलू उत्पादन में योगदान देती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह देश की कुल तांबे की कंसन्ट्रेट की जरूरतों का सिर्फ 4.5 फीसदी है, जो आयात पर महत्वपूर्ण निर्भरता को दर्शाता है.
केंद्रीय खान मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, भारत की प्रति व्यक्ति तांबे की खपत 0.6 किलोग्राम से बढ़कर 1 किलोग्राम होने का अनुमान है, इसकी तुलना में, वैश्विक औसत प्रति व्यक्ति खपत 3.2 किलोग्राम है, जो आने वाले वर्षों में भारत की तांबे की बढ़ती डिमांड के संकेत देता है.
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