Angel One ने दिया झटका! लगातार 3 तिमाही से घट रहे मुनाफे के बीच ब्रोकरेज चार्ज बढ़ाने का किया ऐलान

ब्रोकरेज ऐप Angel One ने अपने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है. कंपनी का पिछली तीन तिमाही से लगातार प्रॉफिट घट रहा है. बहरहाल, कंपनी ने 17 नवंबर से ब्रोकरेज चार्ज बढ़ाने का ऐलान किया है. जानिए नए फी स्ट्रक्चर से ग्राहकों पर क्या असर होगा.

एंजल वन Image Credit: Money9live

ब्रोकरेज फर्म Angel One Ltd ने अपने ब्रोकरेज फी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है. कंपनी 17 नवंबर 2025 से अपने ब्रोकरेज चार्ज बढ़ाने जा रही है, जो कई सालों में पहली बढ़ोतरी है. यह कदम ऐसे समय आया है, जब रिटेल ट्रेडिंग एक्टिविटी में लगातार गिरावट देखी जा रही है. खासकर SEBI की तरफ से डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग पर लगाए गए नए नियमों के बाद से ज्यादातर ब्रोकरेज फर्म ने रिटेल ट्रेडर्स की एक्टिविटी में कमी आने की बात मानी है.

कंपनी ने क्या कहा?

Angel One ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि नया प्राइसिंग मॉडल इस बात को सुनिश्चित करेगा कि कंपनी टेक्नोलॉजी और सिक्योरिटी में लगातार निवेश कर सके, जिस पर उसके ग्राहक भरोसा करते हैं. कंपनी का यह फैसला इस वजह से भी अहम है कि पिछली तीन तिमाही से लगातार कंपनी के प्रॉफिट में कमी आ रही है.

कितनी होगी बढ़ोतरी?

Equity Delivery ट्रेड्स पर अब ब्रोकरेज की तरफ से 20 रुपये या 0.1% जो कम हो प्रति ट्रेड चार्ज किया जाएगा. इसके अलावा मिनिमम चार्ज 5 रुपये होगा, जो पहले 2 रुपये था. इसके अलावा कैश सेग्मेंट में इंट्राडे ट्रेड्स पर अब चार्ज 20 रुपये या 0.1% या जो कम हो लागू होगा. वहीं, मिनिमम चार्ज 5 रुपये होगा, जबकि यह पहले 0.03% रुपये था. इसके साथ ही कंपनी ने बताया कि अधिकतम ब्रोकरेज कैप 20 रुपये प्रति ऑर्डर ही रहेगा, जो इंडस्ट्री नॉर्म्स के मुताबिक है. इसका मतलब है कि छोटे निवेशकों और लो-वॉल्यूम ट्रेडर्स के लिए ट्रेडिंग कॉस्ट बढ़ जाएगी.

रेगुलेटरी प्रेशर बढ़ा

पिछले एक साल में SEBI ने डेरिवेटिव्स मार्केट में एक्स्ट्रीम-स्पेकुलेशन को रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं. नवंबर 2024 में, SEBI ने F&O कॉन्ट्रैक्ट की न्यूनतम वैल्यू बढ़ाई. इसके अलावा वीकली इंडेक्स ऑप्शन को एक प्रति एक्सचेंज तक सीमित कर दिया. इन बदलावों का असर सीधा रिटेल ट्रेडर्स की एक्टिविटी पर पड़ा, जहां 90% से ज्यादा रिटेल ट्रेडर्स ऑप्शन ट्रेडिंग में पैसा गंवाते हैं.

Angel One का मुनाफा कितना घटा?

सेबी की कड़ाई की वजह से Angel One जैसी तमाम डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. सितंबर तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 50% घटकर Rs 2,120 करोड़ रह गया. यह लगातार तीसरी तिमाही है जब मुनाफे में गिरावट दर्ज की गई. वहीं, रेवेन्यू 20.7% घटकर Rs 12,020 करोड़ रहा. जबकि, ग्रॉस क्लाइंट एक्विजिशन 41.9% घटा,
और कुल ऑर्डर वॉल्यूम में 26.3% की गिरावट आई है.

पूरी इंडस्ट्री पर दबाव

Angel One की तरह ही दूसरी कंपनियां भी इस दबाव का सामना कर रही हैं. मसलन Zerodha, Groww और Upstox जैसी कंपनियों को भी नुकसान हुआ है. इन कंपनियों ने भी रिटेल ट्रेडिंग में सुस्ती और बढ़ती कंप्लायंस कॉस्ट की वजह से मार्जिन पर असर पड़ने की बात कही है.