SECI के खिलाफ अनिल अंबानी ने खोला मोर्चा, नोटिस को हाईकोर्ट में दी चुनौती, इस बात का है खतरा

रिलायंस पावर और उसकी सब्सिडियर कंपनी पर SECI के ओर से भेजे गए नोटिस को दिल्‍ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. अनिल अंबानी की कंपनी ने नोटिस पर कड़ा रुख अख्तियार किया है. बता दें SECI ने सनटेक को रिलायंस के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) खत्म करने की चेतावनी दी थी.

अनिल अंबानी की कंपनी ने SECI के नोटिस को दी चुनौती Image Credit: money9

Anil Ambani company challenged SECI notice: रिलायंस पावर और उसकी सब्सिडियरी कंपनियों पर सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) की ओर से भेजे गए नोटिस को लेकर अनिल अंबानी ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. उनकी कंपनी रिलायंस ग्रुप और रिलायंस एनयू सनटेक प्राइवेट लिमिटेड ने SECI के नोटिस को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है. रिलायंस ने उस नोटिस के खिलाफ मोर्चा खोला है, जिसमें SECI ने रिलायंस के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) खत्म करने की चेतावनी दी थी. फिलहाल दिल्ली हाई कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है, यानी SECI अभी रिलायंस एनयू सनटेक के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठा सकता है.

कैसे शुरू हुआ था विवाद?

यह विवाद तब शुरू हुआ, जब SECI ने 1 जुलाई 2025 को रिलायंस एनयू सनटेक को कारण बताओ नोटिस जारी किया और पूछा कि उनका PPA क्यों न रद्द किया जाए. यह मामला रिलायंस पावर की एक अन्य सहायक कंपनी, रिलायंस एनयू BESS प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, जिस पर एक अलग प्रोजेक्ट के लिए जाली बैंक गारंटी देने का आरोप लगा था. इस वजह से रिलायंस पावर और रिलायंस एनयू BESS पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया था. हालांकि, रिलायंस पावर पर यह प्रतिबंध बाद में हटा लिया गया.

कंपनी ने क्‍या दी दलील?

रिलायंस एनयू सनटेक का कहना है कि वह इस कथित गड़बड़ी में शामिल नहीं थी और जब उसने 30 सितंबर 2024 को अपनी बोली जमा की थी, उसे अपनी सहयोगी कंपनी की गलती की कोई जानकारी नहीं थी. कंपनी ने नवंबर 2024 में SECI को प्रतिबंध और कोर्ट केस की जानकारी दी थी, जबकि इससे पहले 30 अप्रैल 2025 को PPA पर हस्ताक्षर हुए थे. वहीं रिलायंस पावर लिमिटेड ने साफ किया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन को फ्रॉड घोषित करने का रिलायंस पावर के कारोबार, वित्त, शेयरधारकों, कर्मचारियों या अन्य हितधारकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. रिलायंस पावर एक स्वतंत्र, स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी है, जिसका रिलायंस कम्युनिकेशंस से कोई व्यावसायिक या वित्तीय संबंध नहीं है. साथ ही, अनिल डी. अंबानी रिलायंस पावर के बोर्ड में शामिल नहीं हैं, इसलिए रिलायंस कम्युनिकेशंस से जुड़ा कोई भी कदम रिलायंस पावर के संचालन या प्रबंधन को प्रभावित नहीं करता. अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर 2025 को होगी, जिसमें यह तय होगा कि रिलायंस एनयू सनटेक को अपनी सहयोगी कंपनी की गलती की सजा मिलनी चाहिए या नहीं.

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350 MW का मिला सोलर प्रोजेक्ट

रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने हाल ही में SJVN लिमिटेड से 350 MW का सोलर पावर प्रोजेक्ट हासिल किया है, जिसमें 175 MW/700 MWh बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) शामिल है. यह प्रोजेक्ट 3.33 रुपये प्रति किलोवाट की प्रतिस्पर्धी दर पर हासिल किया गया, जिसमें 600 MW सोलर डीसी क्षमता और 175 MW/700 MWh BESS क्षमता स्थापित की जाएगी. इस ऑर्डर के साथ रिलायंस पावर भारत की सबसे बड़ी सोलर + BESS कंपनी बन गई है, जिसके पास 2.4 GW सोलर डीसी और 2.5 GWH से अधिक BESS क्षमता का क्लीन एनर्जी पाइपलाइन है. यह प्रोजेक्ट 1,200 MW सोलर + 600 MW/2,400 MWh BESS टेंडर का हिस्सा था.