OLA पर गिरी एक और गाज, इस राज्य में 90% स्टोर हो सकते है बंद; 428 करोड़ रुपये के घाटे में कंपनी
महाराष्ट्र में OLA के लगभग 90 फीसदी शोरूम बंद होने वाले हैं. राज्य में कंपनी के 460 शोरूम हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर के पास गाड़ियां रखने का जरूरी परमिट (ट्रेड सर्टिफिकेट) ही नहीं है. इसी को देखते हुए सरकार ने अपना डंडा चलाया है. 3 जुलाई को महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने एक पत्र में बताया कि 432 शोरूम की जांच की गई.

OLA Electric Result: ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. मिंट के मुताबिक महाराष्ट्र में कंपनी के लगभग 90 फीसदी शोरूम बंद होने वाले हैं. राज्य में OLA के 460 शोरूम हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर के पास गाड़ियां रखने का जरूरी परमिट (ट्रेड सर्टिफिकेट) ही नहीं है. इसी को देखते हुए सरकार ने अपना डंडा चलाया है. इससे भारत के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक स्कूटर बाजार में ओला की बिक्री पर असर पड़ सकता है. कंपनी पहले ही टीवीएस और बजाज ऑटो से पीछे होकर तीसरे स्थान पर आ गई है.
कंपनी ने नियमों का नहीं किया पालन
3 जुलाई को महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने बताया कि 432 शोरूम की जांच की गई. इसमें से केवल 44 के पास ट्रेड सर्टिफिकेट था, बाकी 388 शोरूम के पास ये सर्टिफिकेट नही था. दरअसल, ट्रेड सर्टिफिकेट एक नियम है, जो शोरूम में बिना रजिस्टर गाड़ियां रखने और बिक्री के लिए जरूरी है. महाराष्ट्र में पिछले साल 2.12 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बिके. यह देश में सबसे ज्यादा है. ओला ने पिछले साल 3.44 लाख स्कूटर बेचे. इनमें से 12 फीसदी महाराष्ट्र में बिके. लेकिन अब कंपनी को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसमें सर्विस सेंटर की कमी और रजिस्ट्रेशन में रुकावट शामिल है.
इससे पहले भी अप्रैल में बंद हुए 121 शोरूम
ओला के पूरे भारत में 4,436 शोरूम हैं. इससे पहले भी अप्रैल में, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने 121 शोरूम बंद किए और 270 को नोटिस भेजा. फरवरी में कंपनी ने बताया कि रजिस्ट्रेशन में दिक्कत की वजह से उनकी बिक्री और रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों में अंतर आया. जून में ओला ने 20,120 स्कूटर बेचे, जबकि टीवीएस ने 25,407 और बजाज ने 23,119 स्कूटर बेचे. कंपनी के चेयरपर्सन का कहना है कि रेगुलेटरी समस्याएं खत्म हो गई हैं, लेकिन दिक्कतें अभी भी बनी हुई हैं.
ओला ने तिमाही नतीजे किए घोषित
इन सब के बीच ओला ने सोमवार को अपने तिमाही नतीजे घोषित कर दिया है. कंपनी का नुकसान बढ़कर 428 करोड़ रुपये हो गया. यह पिछले साल की इसी तिमाही में 347 करोड़ रुपये था. हालांकि, पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) के 870 करोड़ रुपये के नुकसान की तुलना में यह कम है. |
कंपनी की इनकम 49.6 फीसदी घटकर 828 करोड़ रुपये रही. यह पिछले साल 1,644 करोड़ रुपये थी. लेकिन पिछली तिमाही के 611 करोड़ रुपये से यह बेहतर है. बिक्री में भारी कमी आई, क्योंकि बाजाज ऑटो, टीवीएस मोटर और एथर एनर्जी जैसे कंपनी से कड़ा मुकाबला है. इस तिमाही में ओला ने 68,192 स्कूटर बेचे. यह पिछले साल 1,25,198 थे. |
कंपनी का EBITDA नुकसान 237 करोड़ रुपये रहा. यह पिछले साल 205 करोड़ रुपये था. मार्जिन -28.6% रहा. यह पहले 12.5 फीसदी था. ऑटो सेगमेंट का EBITDA 11.6 फीसदी रहा. यह पिछली तिमाही में 90.6 फीसदी था. जून में ऑटो बिजनेस पहली बार EBITDA पॉजिटिव रहा. ग्रॉस मार्जिन 18.4 फीसदी से बढ़कर 25.8 फीसदी हो गया. |
ओला ने कहा कि उसने लागत कम करने के लिए Project Goal शुरू किया, जिससे ऑटो ऑपरेटिंग खर्च 178 करोड़ से घटकर 105 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी 2025-26 में 3.25-3.75 लाख गाड़ियां बेचने और 4,200-4,700 करोड़ रुपये की इनकम का गोल है. शेयर की कीमत 40.01 रुपये थी. यह 0.48 फीसदी बढ़ी है. |
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