ब्लिंकिट, स्विगी और जेप्टो ने किया बड़ा खेल? जानिए क्यों उठी इनके खिलाफ जांच की मांग

देश की दिग्गज क्विक कॉमर्स कंपनियां Zomato का Blinkit, Swiggy और Zepto पर प्रीडेटरी प्राइसिंग का आरोप लगा है, ये क्या है, यही सब इस आर्टिकल में बताया गया है.

AICPDF ने CCI में Blinkit, Zepto और Swiggy Instamart के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. Image Credit: money9live.com

देश में सामान बेचने वाले रिटेलर्स के सबसे बड़े समूह ने तीन क्विक कॉमर्स कंपनियों, जोमैटो की ब्लिंकिट (Blinkit), स्विगी (Swiggy) और जेप्टो (Zepto) के खिलाफ जांच के लिए प्रतिस्पर्धा आयोग (कॉम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया – CCI) से अपील की है. उन्होंने इस बारे में CCI को लेटर लिखा है.

ब्लिंकिट, स्विगी और जेप्टो के खिलाफ क्या शिकायत है?

भारत में क्विक कॉमर्स शॉपिंग का नया ट्रेंड बन गया है, जहां कंपनियां 10 मिनट में किराणे से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स सामान तक की डिलीवरी का वादा करती है.

18 अक्टूबर के एक लेटर में, ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन (AICPDF), जो Nestle और Hindustan Unilever जैसी बड़ी कंपनियों के 4 लाख रिटेल डिस्ट्रिब्यूटर्स का प्रतिनिधित्व करता है, ने CCI से शिकायत की कि क्विक कॉमर्स कंपनियां हद से ज्यादा डिस्काउंट देकर और उनकी लागत से कम कीमत पर सामान बेचकर ग्राहकों को लुभा रही हैं, जिसे प्रीडेटरी प्राइसिंग कहा जाता है.

दरअसल शिकायत ये है कि क्विक कॉमर्स कंपनियां सस्ते में सामान बेच रही है. मान लीजिए कोई सामान 100 रुपये का है तो ये उसे 90 रुपये में बेच रहे हैं इससे बाकी रिटेलर्स को नुकसान हो रहा है. इससे बाजार में कॉम्पिटिशन भी खत्म हो रहा है.

समूह ने लेटर में आरोप लगाया कि ऐसा करके “पुराने रिटेलर्स के लिए कॉम्पिटिशन करना या बाजार में जिंदा रहना मुश्किल होता जा रहा है. लेटर में लिखा गया कि प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) पुराने रिटेलर्स और छोटे रिटेलर्स के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाए और उन्हें इससे बचाएं.

एक अनुसान के मुताबिक इस साल भारत के क्विक कॉमर्स ने 6 अरब डॉलर से भी ज्यादा की सालाना बिक्री कर दी है. जिसमें ब्लिंकिट की हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी है वहीं स्विगी और जेप्टो की लगभग 30 फीसदी हिस्सेदारी है. ये जानकारी रिसर्च फर्म Datum Intelligence ने दी है.

बता दें कि CCI ने अगस्त में पाया था कि बड़े ई-कॉमर्स खिलाड़ी, अमेजॉन और वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट, प्रीडेटरी प्राइसिंग के जरिए भारत के कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं, लेकिन कंपनियों ने इन आरोपों से इनकार किया है.