चीन ने अमेरिका को दिया करारा जवाब, लगा दिया 84 फीसदी टैरिफ
US-China Tariff: बीते दिन अमेरिका ने चीन पर 50 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था. 54 फीसदी अमेरिकी टैरिफ के जबाव में चीन ने 34 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जिसे अब बढ़ाकर 84 फीसदी कर दिया है. हालांकि, चीन ने अमेरिका से बातचीत करने और व्यापार विवादों को सुलझाने का आग्रह किया है.

US-China Tariff: अमेरिकी टैरिफ का चीन ने बुधवार को करारा जवाब दिया है. चीन ने अमेरका के प्रोडक्ट्स पर 84 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है, जो 10 अप्रैल से प्रभावी होगा. बीते दिन अमेरिका ने चीन पर 50 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था. 54 फीसदी अमेरिकी टैरिफ के जबाव में चीन ने 34 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. इसके जवाब में अमेरिका ने चीन पर 50 फाीसदी का अतिरिक्त टैक्स लगाया था, जिससे कुल टैरिफ 104 फीसदी हो गई थी.
अब चीन ने अमेरिका के अतिरिक्त टैरिफ का जवाब उसके बरबार ही 50 फीसदी टैक्स लगाकर दिया है. यानी अब अमेरिका से चीन इंपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट्स पर 84 फीसदी का टैरिफ लगेगा.
तेज हो गया ट्रेड वॉर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को कई देशों पर कई तरह के टैरिफ लगाए थे, जिसमें चीन पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया था. चीन ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी आयात पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगाया था. ट्रंप के चीनी आयात पर टैरिफ को बढ़ाकर 104 फीसदी करने के बाद ट्रेड वॉर और तेज हो गया.
अमेरिकी मार्केट कमजोर
चीन ने 12 अमेरिकी संस्थाओं को इंपोर्ट कंट्रोल लिस्ट में शामिल किया और छह फर्मों को अपनी अविश्वसनीय सूची में शामिल किया. नतीजतन, वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स में भारी गिरावट देखी गई, जिसमें डॉव फ्यूचर्स में 1.7 फीसदी गिरावट, एसएंडपी 500 फ्यूचर्स में 1.5 फीसदी की गिरावट और नैस्डैक फ्यूचर्स में 1.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
बातचीत के लिए तैयार है चीन
बता दें कि चीन ने अमेरिका से बातचीत करने और व्यापार विवादों को सुलझाने का आग्रह किया है. चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ ने 9 अप्रैल को देश के राज्य परिषद सूचना कार्यालय द्वारा प्रकाशित श्वेत पत्र जारी किया, जिसमें अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार तनाव पर अपना रुख स्पष्ट किया गया. रिपोर्ट में श्वेत पत्र के हवाले से कहा गया है कि चीन ने अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए ‘बलपूर्वक’ जवाबी कदम उठाए हैं, लेकिन वह अमेरिका के साथ बातचीत के जरिए विवादों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है.
चीन के इस ताजा कदम से दोनों देशों के बीच चल रहे ट्रेड वॉर को बढ़ावा मिला है, जिसने वैश्विक बाजारों को हिलाकर रख दिया है. चूंकि चीनी सरकार का बयान 9 अप्रैल को भारतीय बाजार बंद होने के बाद आया है, इसलिए निवेशक 11 अप्रैल को बाजार खुलने का बेसब्री से इंतजार करेंगे.
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