कोका कोला नहीं ये सिंधी परिवार बनाता है Coke, Thumbs Up, Sprite; रेसिपी का सीक्रेट मजेदार
Coca Cola लगभग 140 साल पुरानी अमेरिकी कंपनी है, जिसे एक फार्मासिस्ट ने शुरू किया था. भारत में कोका कोला को 1993 में आया लेकिन कोका कोला खुद प्रोडक्शन और सेल्स के बिजनेस में नहीं है. तो कोका कोला के लिए कौन बनाता है कोक और बाकी प्रोडक्ट्स, कौन कोका कोला को भारत में लेकर आया है?

Coca Cola SLMG Plant: अमेरिका की कंपनी कोका कोला लगभग 140 साल पुरानी है, एक फार्मसिस्ट ने इसे शुरू किया था जो आज आपको कोक के अलावा ThumbsUp, माजा, स्प्राइट, लिम्का और भी कई तरह की कोल्ड ड्रिंक और सॉफ्ट ड्रिंक पिलाती है. भारत में कोका कोला पहली बार 1956 में आई लेकिन भारत के कड़े नियमों के चलते इसे 1977 में यहां से अपना बिजनेस समेटना पड़ा. यहां आपको बताएंगे कौन सा परिवार कोका कोला को वापस भारत लेकर आया, कोका कोला खुद कोक और इसकी बॉटल नहीं बनाती तो भारत में इसके लिए कौन प्रोडक्शन करता है. कौन सी कंपनी भारत में कोका कोला के लिए काम करती है? और इसका कितना बड़ा बिजनेस है… चलिए सब जानते हैं.
भारत में कोका कोला को कौन लाया?
कोका कोला पहले तो 1956 में भारत आई लेकिन फिर उसे 1977 में यहां से जाना पड़ा. इसके बाद कोका कोला ने सीधे 1993 में भारत में दोबारा एंट्री की. इसकी एंट्री करवाने वाला भारत का लधानी परिवार है. दरअसल लधानी परिवार का SLMG ग्रुप कोका कोला के प्रोडक्ट्स बनाकर बेचता है.

भारत और साउथ वेस्ट एशिया में SLMG कोका कोला का सबसे बड़ा प्लांट है. फिलहाल इसके 8 प्लांट है जिनमें से 7 उत्तर प्रदेश के बरेली, मथुरा, उन्नाव, सफेदाबाद, बाराबंकी, अमेठी और अयोध्या में स्थित हैं जबकि एक यूनिट बिहार के पटना में है. कंपनी बिजनौर, गोरखपुर और बक्सर में भी प्लांट खोलने की तैयारी में है.
कोका कोला खुद नहीं बनाता कोक?
जिस बॉटल में आप कोक या माजा पीते हैं उसका प्रोडक्शन कोका कोला नहीं करता है. इसके लिए भारत में कोका कोला ने SLMG बेवरेजेस कंपनी से करार किया हुआ है. भारत में कोका कोला के सारे प्रोडक्ट्स SLMG के प्लांट में बनते हैं. हालांकि सारे बेवरेजेस की रेसिपी कोका कोला के पास ही है लेकिन कोका कोला इसे बनाता नहीं है, बनाने का काम SLMG के पास है.
SLMG- कैसे होता है प्रोडक्शन
SLMG का प्लांट तीन हिस्सों में बंटा है. पहला लैब. SLMG की लैब में कोक बनने से पहले भी टेस्टिंग होती है और मार्केट में इसकी सप्लाई होने के बाद भी टेस्ट होता है. SLMG की इसी लैब सारे पैरामीटर्स जांचे जाते हैं, पैकेजिंग, डिजाइन, बॉटल का शेप, साइज, रॉ मटेरियल की टेस्टिंग ये सारी चीजें लैब में होती है.

प्लांट का दूसरा और तीसरा हिस्सा एक ही जगह पर है. कुल 8 लाइन्स हैं जहां बॉटलिंग और लेबलिंग का काम होता है. यहां जर्मनी से इंपोर्ट हुई हाई-एंड मशीन है जो बोतल बनाने से लेकर लेबेलिंग और पैकेजिंग का काम करती है. SLMG कुल 17 प्रोडक्ट्स बनाती है जिसमें कोक, डायट कोक, किनले बॉटल (पानी) माजा, लिम्का, स्प्राइट, Rim Zim, चार्ज्ड और भी. ये सारे कोका कोला के ब्रांड है जिनका प्रोडक्शन SLMG करता है.

SLMG को भी नहीं पता रेसिपी
कोक की रेसिपी का सीक्रेट मजेदार है. दरअसल ये सीक्रेट इतना बड़ा है कि खुद SLMG को भी नहीं पता कि रेसिपी क्या है जबकि SLMG 30 साल से कोक बना रही है. कोक की रेसिपी के बारे में कहीं जानकारी नहीं है.
कोक की रेसिपी क्या है, ये केवल और केवल कोका कोला कंपनी ही जानती है, जो पुणे से इस रेसिपी को भेजती है. SLMG प्लांट रिसिपी बॉक्स के बार कोड को स्कैन कर उस रेसिपी को सीधे मिक्स कर देता है.

प्रोसेसिंग यूनिट में सबसे पहले बोतल बनती है. ये बोतल प्रीफॉर्म से बनती है. प्रीफॉर्म में मशीन प्रेशर से ब्लो करती है जिससे प्रीफॉर्म बोतल के आकार में आ जाती है. ये गुब्बारे की तरह होता है, छोटे से गुब्बारे में जैसे हवा भर कर उसे फुला एक आकार में फुला दिया जाता है वैसे ही प्रीफॉर्म प्लास्टिक होता है जिसे ब्लो कर बोतल बनाया जाता है.

इसके बाद इन बोतल में बेवरेज को डाला जाता है, फिर बोतल पर लेबलिंग होती है, फिर बोतल का ढक्कन लगता है, इसके बाद ये बोतलें 28 के पैक में जमा होती फिर ये सारे पैक 144 का एक केस में जमा होते हैं फिर मशीन से इनको पैक किया जाता है और स्टोरेज में रखा जाता है.

बता दें कि इस पूरे प्रोसेस को मशीन से ही किया जाता है, कोई टेक्निशियन या कर्मचारी तभी आता है जब मशीन में कोई गड़बड़ी सामने आती है बाकी पूरा काम मशीन ही करती है.
अमेठी में बना है SLMG का सबसे बड़ा प्लांट
अमेठी जिले के त्रिशुंडी इंडस्ट्रियल एरिया में SLMG का सबसे बड़ा प्लांट है जो 30 एकड़ में फैला है और इसे 700 करोड़ की लागत से बनाया गया है. यहां 435 कर्मचारी काम करते हैं. इस प्लांट में कुल 2.5 लाख बोतलें हर रोज बनाई जाती है. करीब 4600 बोतलें हर मिनट बनती है.
लधानी परिवार
SLMG को शुरू करने वाला लधानी परिवार है जो पाकिस्तान के सिंध प्रांत से भारत में आया था. SN लधानी इसके को-फाउंडर थे जिन्होंने अपने तीन और भाइयो के साथ मिलकर बनाया था जिनका नाम- लक्ष्मण दास लधानी, मोहन दास लधानी और गुलाब चंद लधानी है. आप SLMG का फुल फॉर्म दरअसल इन चारों का नाम ही है. आज की तारीख में परितोष लधानी SLMG का कामकाज देख रह हैं जो फिलहाल जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.

SLMG का बिजनेस
Tracxn के मुताबिक, SLMG की शेयर और पेड-अप कैपिटल 50 करोड़ रुपये है और कंपनी का 31 मार्च 2024 को रेवेन्यू 4,550 करोड़ दर्ज किया गया है. रिसर्च एंड मार्केट की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में कंपनी की वैल्यूएशन 1.37 लाख करोड़ रुपये थी जो 2028 में बढ़कर 1.98 लाख करोड़ हो सकती है.
SLMG बॉटलिंग के अलावा ड्रिस्ट्रिब्यूशन और सेल्स का भी काम करती है और उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कंपनी के पास 1500 डिस्ट्रिब्यटर्स का नेटवर्क है जो करीब 15 लाख आउटलेट को बेचने का काम करते हैं.
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