News9 Global Summit: इस साल INDIA-EU FTA पर लगेगी मुहर, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का असली इंजन: यूरोपीय संघ
बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता के बीच यूरोप ने भारत के साथ रिश्ते को नई दिशा देने की बात कही है. News9 Global Summit में यूरोपीय कमिश्नर ने कहा कि साल के अंत तक दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेट को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
विश्वभर में बढ़ती अनिश्चितता और आर्थिक उतार-चढ़ाव के बीच यूरोपीय संघ (EU) ने भारत के साथ अपने रिश्तों को नई ऊर्जा देने का ऐलान किया है. जर्मनी में आयोजित News9 Global Summit को संबोधित करते हुए यूरोपीय आयोग के व्यापार आयुक्त मरोश शेफकोविच (Maroš Šefčovič) ने भारत को “एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार” और “वैश्विक अर्थव्यवस्था का असली इंजन” करार दिया. उन्होंने कहा कि यह समय है जब समान विचारधारा वाले देशों को मिलकर वैश्विक समृद्धि और स्थिरता के लिए काम करना चाहिए, और भारत इस दिशा में यूरोप का साथी है.
India-EU FTA 2025 तक पूरा करने की तैयारी
शेफकोविच ने कहा कि यूरोपीय संघ और भारत के बीच एक “ग्राउंडब्रेकिंग फ्री ट्रेड एग्रीमेंट” (FTA) को लेकर बातचीत अब निर्णायक मोड़ पर है. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने अब तक 13 दौर की बातचीत पूरी कर ली है और प्रयास है कि यह ऐतिहासिक समझौता 2025 के अंत तक अंतिम रूप में आ जाए. उन्होंने कहा, “मैं और भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल लगातार संपर्क में हैं क्योंकि हम जानते हैं कि इस समझौते से भारत और यूरोप दोनों को अपार लाभ होगा.”
EU आयुक्त ने बताया कि पिछले दशक में भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार में 90% की बढ़त दर्ज की गई है. वर्ष 2024 में दोनों के बीच लगभग 120 अरब यूरो Goods (वस्तु) का व्यापार हुआ, जिससे यूरोपीय संघ, अमेरिका और चीन को पछाड़ कर भारत का Goods Sector में सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया,
भारत में वर्तमान में 6,000 से अधिक यूरोपीय कंपनियां सक्रिय हैं, जो करीब 20 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देती हैं, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 60 लाख लोगों की आजीविका उनसे जुड़ी है. शेफकोविच ने यह भी बताया कि यूरोप का भारत में निवेश पिछले पांच वर्षों में लगभग दोगुना होकर 140 अरब यूरो तक पहुंच गया है.
वैश्विक अनिश्चितता के बीच साझेदारी को और मजबूत करने का संकल्प
शेफकोविच ने अपने संबोधन में कहा कि जब दुनिया अनिश्चितताओं और अप्रत्याशित आर्थिक परिस्थितियों से गुजर रही है, तब भारत जैसे साझेदारों के साथ संबंध मजबूत करना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि यूरोप ने एक नई रणनीतिक एजेंडा तैयार किया है जो भारत के साथ संबंधों को गहराई और विस्तार दोनों देगा. उनके अनुसार, “हम मिलकर ऐसे सेक्टर पर काम कर रहे हैं जहां सहयोग से वास्तविक आर्थिक लाभ और ज्यादा वैल्यू है, जिससे व्यापार, निवेश और सप्लाई चेन सभी मजबूत होंगे.”
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शेफकोविच ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ मिलकर टैरिफ और नॉन-टैरिफ बैरियर को कम करने पर काम कर रहे हैं, ताकि “Open and rules-based global trade”” की भावना को सशक्त किया जा सके. शेफकोविच ने भरोसा जताया कि यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष अर्सुला वॉन डेर लेयेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तय लक्ष्य के अनुरूप यह समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए ‘वास्तविक बदलाव’ लेकर आएगा. उन्होंने अपने भाषण के आखिर में कहा, “हम इस साल के अंत तक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के मंजिल तक पहुंचने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. भारत और यूरोप दोनों के लिए यह साझेदारी आने वाले दशक की आर्थिक दिशा तय करेगी.”