EU ने Rosneft रिफाइनरी पर लगाया प्रतिबंध, भारत की Nayara Energy भी निशाने पर, जानें क्या होगा असर?

EU यानी यूरोपीय संघ ने यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए पहली बार रूस की Rosneft रिफाइनरी पर प्रतिबंध लगाए हैं. इसके अलावा इस बार भारत की Nayara Energy रिफाइनरी को भी निशाने पर लिया गया है. जानते हैं EU के इस कदम का भारत पर क्या असर होगा?

रूस से रिकॉर्ड मात्रा में तेल खरीद रहा भारत. Image Credit: Getty image

EU Sanctions on Russia July 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से रूस के साथ व्यापारिक संबंध रखने वाले देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की धमकी के बाद अब यूरोपीय संघ (EU) ने रूस की प्रमुख रिफाइनरी कंपनी Rosneft पर प्रतिबंधों का ऐलान किया है. यह पहली बार है जब इन प्रतिबंधों का सीधा असर भारत पर पड़ेगा, क्योंकि निशाने पर भारत की एक प्रमुख तेल रिफाइनरी कंपनी Nayara Energy भी है. इस कंपनी में Rosneft की 49.13% हिस्सेदारी है.

क्यों लगाए गए प्रतिबंध?

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि रूस के साथ तेल का व्यापार करने वाले देश असल में यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को फंड कर रहे हैं. ट्रंप का तर्क है कि अगर ये देश रूस के साथ व्यापार बंद कर दें तो रूस की आर्थिक ताकत कमजोर हो जाएगी और युद्ध भी जल्द खत्म हो जाएगा. हालांकि, भारत और चीन सहित कई देशों ने अमेरिका और EU की इस धारणा को दोहरे मापदंड वाला बताया है.

यूरोपीय संघ ने क्या किया?

EU ने रूसी तेल रिफाइनरी पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही रूस से तेल खरीद पर Oil Price Cap को भी घटा दिया है. रूसी कच्चे तेल की अधिकतम कीमत सीमा अब 60 डॉलर प्रति बैरल कर दी गई है. EU का दावा है कि इस कदम से यूक्रेन में युद्ध को फंड करने वाली रूसी कमाई पर असर पड़ेगा. यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काया कैलास ने X (पूर्व ट्विटर) पर कहा,
“हम पहली बार किसी फ्लैग रजिस्ट्री और भारत में Rosneft की सबसे बड़ी रिफाइनरी को प्रतिबंधित कर रहे हैं.”

भारत पर क्या असर पड़ेगा?

भारत अपनी जरूरत का करीब 40% कच्चा तेल रूस से आयात करता है. वहीं रूस के लिहाज से भारत उसका दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार है. हालांकि, ये प्रतिबंध तेल के आयात पर कितना असर डालेंगे, यह साफ नहीं है. लेकिन रिफाइनिंग के बाद इस तेल के यूरोप को निर्यात पर असर तय है.

Nayara Energy पर क्या होगा असर?

Nayara Energy को सबसे ज्यादा असर झेलना पड़ सकता है. गुजरात के वाडिनार में इसकी 2 करोड़ टन सालाना क्षमता वाली रिफाइनरी है, और यह देशभर में 6,750 से ज्यादा पेट्रोल पंप चलाती है. EU प्रतिबंधों के चलते Nayara अब यूरोपीय देशों को पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों का निर्यात नहीं कर पाएगी.

भारत को मिलेगा फायदा?

भले ही Nayara Energy यूरोपीय बाजार से कट जाए, लेकिन ओवरऑल भारत को इस स्थिति से फायदा मिल सकता है. EU द्वारा रूस से तेल खरीद पर लगाई गई 60 डॉलर प्रति बैरल की कैपिंग भारत के लिए सस्ता तेल खरीदने का अवसर पैदा करती है.