पैसे के लिए भूल गए पहलगाम, भारत की 20 एक्सपोर्ट कंपनियां जांच के दायरे में; पाकिस्तान से कर रहीं बैक डोर बिजनेस
भारत की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने 20 निर्यात कंपनियों को जांच के दायरे में लिया है. इन पर शक है कि ये कंपनियां UAE के माध्यम से पाकिस्तान के साथ गैरकानूनी व्यापार कर रही हैं. इस व्यापार का इस्तेमाल पैसे की हेराफेरी के लिए किया जा रहा है.
Back door business with pakistan: हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने लोगों को अंदर तक झकझोर दिया है. इस हमले को लेकर लोगों में गुस्सा भरा हुआ है. ये आतंकी हमले पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित हैं. लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसे बिजनेसमैन हैं जो पाकिस्तान के साथ बैक डोर व्यापार कर रहे थे. इसी कड़ी में भारत की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने 20 निर्यात कंपनियों को जांच के दायरे में लिया है. इन पर शक है कि ये कंपनियां UAE के माध्यम से पाकिस्तान के साथ गैरकानूनी व्यापार कर रही हैं. इस व्यापार का इस्तेमाल पैसे की हेराफेरी के लिए किया जा रहा है. एक अधिकारी ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि ये कंपनियां नकली व्यापार के जरिए भारत से पैसे विदेश भेज रही थीं.
इन प्रोडक्ट की हो रही जांच
जांच में सस्ते गहने, कीमती पत्थर, कॉस्मेटिक्स, इत्र, ड्राई फ्रूट्स और इलेक्ट्रिक सामान जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं. पिछले 14 महीनों के लेनदेन की जांच की जा रही है. इनमें प्रोडक्ट की कीमत और एजेंटों को दी गई कमीशन को बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया. कई अकाउंट का इस्तेमाल करके पैसे के सोर्स को छिपाया गया.
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उदाहरण से समझें पूरा गणित
बाजार में 100 रुपये कीमत के साधारण इलेक्ट्रिक कंडक्टर को 8,000 से 19,000 रुपये में आयात किया गया. इसी तरह 100-150 रुपये के सस्ते गहनों को UAE और फिर पाकिस्तान को 30,000 रुपये में निर्यात किया गया. एक मामले में UAE के एजेंट को दी गई कमीशन की राशि कुल कीमत से भी अधिक थी. अधिकारी ने बताया कि इस जानकारी को अन्य एजेंसियों के साथ साझा किया गया है ताकि आतंकवाद से किसी भी संभावित संबंध की जांच की जा सके.
अपराधी अपना रहे नए तरीके
कड़े कस्टम नियमों और डिजिटल अर्थव्यवस्था के कारण नकद लेन-देन मुश्किल हो गया है. इसलिए, अपराधी व्यापार के जरिए पैसे की हेराफेरी के नए तरीके अपना रहे हैं. पिछले साल डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने हॉन्गकॉन्ग के साथ मिलकर एक मामला पकड़ा था. इसमें सस्ते नकली हीरों को 100 गुना अधिक कीमत पर भारत में आयात किया गया ताकि विदेशी मुद्रा बाहर भेजी जा सके.