चीन के रेयर अर्थ बैन से भारत में Apple एयर पॉड्स का प्रोडक्शन अटका; Foxconn की बढ़ी टेंशन
तेलंगाना के Foxconn प्लांट में Apple एयरपॉड्स के प्रोडक्शन में रुकावट आई है. इसका कारण चीन द्वारा रेयर अर्थ मैटेरियल dysprosium के एक्सपोर्ट पर लगाया गया बैन है. यह मैटेरियल मैगनेट और डिफेंस कंपोनेंट्स में भी उपयोग होती है. Foxconn ने केंद्र से एंड यूजर सर्टिफिकेट की प्रक्रिया में मदद मांगी है.
Foxconn Apple AirPods: चीन द्वारा रेयर अर्थ मैटेरियल पर लगाए गए बैन का असर भारत में दिखने लगा है. Appleकी सप्लायर कंपनी Foxconn के हैदराबाद स्थित फैक्ट्री में एयरपॉड्स की मैन्युफैक्चरिंग अटक गई है. इसका कारण रेयर अर्थ मैटेरियल dysprosium को बताया जा रहा है. एयरपॉड्स के बनाने में यूज होने वाले इस मैटेरियल की कमी से इसके प्रोडक्शन में भारी गिरावट देखने को मिली है और इसकी रफ्तार स्लो हो गई है. हालांकि कंपनी का कहना है कि फिलहाल प्रोडक्शन जारी है. इस संकट से Appleकी चीन से बाहर प्रोडक्शन करने की नीति को झटका लग सकता है.
क्या है Foxconn प्लांट की स्थिति
Foxconn इंटरकनेक्ट टेक्नोलॉजी का यह प्लांट हैदराबाद से लगभग 45 किलोमीटर दूर कोनगरा कलन में स्थित है. यह कंपनी ताइवान की हॉन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप की सहायक है. Apple ने भारत में अप्रैल 2023 से एयरपॉड्स का प्रोडक्शन शुरू किया था. इसका मकसद चीन पर निर्भरता घटाना था. लेकिन अब चीन की नीतियों ने भारत में भी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं.
dysprosium की कमी बनी बड़ी बाधा
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एयरपॉड्स में नियोडिमियम और dysprosium जैसी रेयर अर्थ मैटेरियल लगते हैं. dysprosium चीन से आता है और उसके एक्सपोर्ट पर लगी रोक के कारण सप्लाई में बाधा आई है. Foxconn ने यह समस्या तेलंगाना सरकार को बताई थी. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है.
एंड यूजर सर्टिफिकेट की प्रक्रिया जारी
dysprosium के एक्सपोर्ट के लिए एंड यूजर सर्टिफिकेट की जरूरत होती है. Foxconn ने विदेश मंत्रालय और चीन के दूतावास से यह सर्टिफिकेट प्राप्त किया है. अब यह सर्टिफिकेट चीनी सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है. मंजूरी मिलने के बाद ही सप्लायर इस मैटेरियल का एक्सपोर्ट कर सकेगा. तब तक कंपनी सीमित स्टॉक से काम चला रही है.
Apple की सप्लाई चेन पर असर
भारत में Appleके दो बड़े सप्लायर हैं Foxconn और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स. Foxconn दुनिया में Apple का सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर है. रेयर अर्थ मैटेरियल की सप्लाई अटकने से कुछ समय के लिए सभी तरह के प्रोडक्शन की स्पीड स्लो हुई थी लेकिन अब हालात में कुछ सुधार हुआ है. कंपनी को उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक मंजूरी मिल जाएगी.
चीन की नई नीति बनी चिंता का कारण
चीन ने अप्रैल 2025 में सात रेयर अर्थ मैटेरियल के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी. यह कदम अमेरिका के टैरिफ बैन के जवाब में उठाया गया था. जिसके कारण मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ रही है और समय पर सप्लाई नहीं हो पा रही है. इससे न केवल Apple बल्कि कई अन्य कंपनियों को भी परेशानी हो रही है.
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अन्य क्षेत्रों पर भी दिख रहा असर
dysprosium केवल इलेक्ट्रॉनिक्स में ही नहीं बल्कि डिफेंस और कम्युनिकेशन कंपोनेंट्स में भी काम आता है. यह मैटेरियल मशीनों को ज्यादा तापमान में भी काम करने की क्षमता देता है. वाणिज्य मंत्रालय ने बताया है कि ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भी ऐसी ही दिक्कतें जताई हैं. सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए चीन में भारतीय दूतावास से बातचीत कर रही है.