Anil Ambani: दुनिया के छठे सबसे अमीर से दिवालियापन तक, क्या अब ये 2 कंपनियां करा देंगी अनिल अंबानी का कमबैक?
Anil Ambani Comeback: अनिल अंबानी की कारोबारी गिरावट नाटकीय रही है. उन्होंने बढ़ते कर्ज, कानूनी परेशानियों और बाजार के पतन के कारण अपने साम्राज्य को बर्बाद होते देखा है. हालांकि, तेज बदलाव से संकटग्रस्त रिलायंस समूह के लिए लंबे समय से चली आ रही वापसी की उम्मीदें फिर से जगी हैं.
Anil Ambani Comeback: अनिल अंबानी की रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर इन दिनों सुर्खियों में है. दोनों कंपनियों को कारोबारी मोर्चे पर एक के बाद एक सफलता मिलती जा रही है, जिसके चलते इन कंपनियों के शेयरों की कीमतें आसमान छू रही हैं. कभी वित्तीय बर्बादी की चेतावनी देने वाले को अब अनिल अंबानी में कॉर्पोरेट पुनरुत्थान की झलक दिखाई दे रही है. क्योंकि उनकी दो प्रमुख कंपनियों- रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर में जून में अब तक 22 फीसदी से अधिक की तेजी आई है. पिछले साल रिलायंस पावर में 173 फीसदी और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर में 141 फीसदी की उछाल देखी गई थी. इस तेज बदलाव से संकटग्रस्त रिलायंस समूह के लिए लंबे समय से चली आ रही वापसी की उम्मीदें फिर से जगी हैं.
निवेशकों का भरोसा
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेशकों का भरोसा फिर से बढ़ने की वजह, इस महीने की शुरुआत में मिली एक अहम कानूनी राहत है. नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने कंपनी के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही को निलंबित कर दिया है, जो IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज की याचिका के बाद शुरू की गई थी. अपीलीय निकाय ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के इस दावे को स्वीकार कर लिया कि उसने धुरसर सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड को 92.68 करोड़ रुपये का पूरा बकाया चुका दिया है, जिससे एक अहम जोखिम दूर हो गया है.
शेयरों में रैली
इसका असर तुरंत देखने को भी मिला है. पिछले महीने में 72.5 फीसदी और पिछले हफ्ते में 13.4 फीसदी की बढ़त के साथ शेयर में तेजी का रुझान जारी है. टेक्निकल फ्रंट पर यह 5 दिन से लेकर 200-दिन तक के सभी आठ प्रमुख सिंपल मूविंग एवरेज से ऊपर कारोबार कर रहा है. इसका रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 76.9 पर है, जो इसे ओवरबॉट जोन में रखता है. हालांकि 31.1 पर MACD तेजी का संकेत देता है.
कंपनी की उपलब्धी
कोर्ट में जीत के अलावा, कंपनी रणनीतिक प्रगति कर रही है. हाल ही में यह पहली निजी भारतीय फर्म बन गई है, जो स्वतंत्र रूप से फुल स्केल पर एयरक्राफ्ट अपग्रेड प्रोग्राम का प्रबंधन करती है. यह 5,000 करोड़ रुपये का डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट है, जिसे अगले 7-10 वर्षों तक चलने की उम्मीद है. यह हाई वैल्यू वाली डिफेंस और एयरोस्पेस प्रोजेक्ट में एक महत्वपूर्ण मोड़ है.
शानदार वित्तीय नतीजे
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के Q4FY25 के नतीजों ने रैली को और सहारा दिया है. कंपनी ने वित्तीय वर्ष के दौरान 3,300 करोड़ रुपये की कमी के बाद बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जीरो स्टैंडअलोन नेट डेट की सूचना दी. इसने पिछली तिमाही में 3,298 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई करते हुए 4,387 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड मुनाफा दर्ज किया. एडजस्टेड EBITDA 681 फीसदी बढ़कर 8,876 करोड़ रुपये हो गया, जबकि 31 मार्च 2025 तक इसका नेट एसेट्स तिमाही-दर-तिमाही 44 फीसदी बढ़कर 14,287 करोड़ रुपये हो गई.
लहर पर सवार रिलायंस पावर
इस बीच रिलायंस पावर पॉजिटिव ग्रोथ की लहर पर सवार है. मंगलवार 10 जून को शेयर ने 52 वीक के हाई लेवल 67.68 रुपये को छुआ, जिससे एक महीने में 76 फीसदी, पिछले सप्ताह 10 फीसदी और अकेले जून में 22.4 फीसदी की तेजी देखी गई.
इसकी एक प्रमुख ड्राइवर पावर सहायक कंपनी रिलायंस एनयू सनटेक रही है. इसने एशिया की सबसे बड़े सिंगल-लोकेशन सोलर और बैटरी एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट के लिए SECI के साथ 25-वर्षीय बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस परियोजना में 930 मेगावाट सोलर क्षमता और 465 मेगावाट/1,860 मेगावाट घंटा BESS शामिल है, जिसमें अनुमानित निवेश 10,000 करोड़ रुपये है.
एक अन्य सब्सिडियरी रिलायंस एनयू एनर्जीज ने SJVN से 350 मेगावाट सोलर-BESS परियोजना हासिल की और भूटान की ड्रुक होल्डिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के साथ उस देश की सबसे बड़ी सोलर परियोजना को साथ मिलकर डेवलप करने के लिए कमर्शियल टर्म शीट पर साइन किए.
मुनाफे में आ गई कंपनी
वित्तीय रूप से कंपनी फिर से मुनाफे में आ गई है. Q4FY25 में रिलायंस पावर ने 126 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज किया. जबकि एक साल पहले 397.56 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और सार्वजनिक निवेशक बसेरा होम फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तरजीही शेयर आवंटन के जरिए 348.15 करोड़ रुपये की इक्विटी निवेश से इस बदलाव को बढ़ावा मिला.
अपनी गति को बढ़ाते हुए रिलायंस पावर को SECI द्वारा निषेध आदेश के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट से अंतरिम राहत भी मिली, जिससे उसे नए रिन्यूएबल एनर्जी टेंडर में भागीदारी फिर से शुरू करने की अनुमति मिली.
टेक्निकल चार्ट रिलायंस पवार
टेक्निकल चार्ट पर, शेयर सभी प्रमुख SMA से ऊपर कारोबार कर रहा है. RSI 77.1 पर है, जो ओवरबॉट स्थितियों को दर्शाता है. हालांकि 5.4 पर MACD अभी भी तेजी का संकेत देता है. पिछले तीन वर्षों में 2,600 फीसदी से अधिक और 389 फीसदी की पांच साल की बढ़त के साथ, रिलायंस पावर स्ट्रीट पर सबसे शानदार प्रदर्शन करने वाले पावर स्टॉक में से एक बना हुआ है.
अनिल अंबानी का पतन
अनिल अंबानी की कारोबारी गिरावट नाटकीय रही है. 2008 में 42 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति होने के बाद, उन्होंने बढ़ते कर्ज, कानूनी परेशानियों और बाजार के पतन के कारण अपने साम्राज्य को बर्बाद होते देखा. 2020 में उन्होंने यूके की एक अदालत में दिवालियापन की घोषणा की. उनके प्रमुख उपक्रमों, रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस कैपिटल ने क्रमशः 2019 और 2021 में दिवालियापन के लिए आवेदन किया. सेबी ने उन्हें अगस्त 2024 में सिक्योरिटी मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया और वे 2019 में एरिक्सन को बकाया राशि का भुगतान न करने के कारण जेल जाने से बाल-बाल बचे, जिसे उनके भाई मुकेश अंबानी ने आखिरी समय में मदद की थी.
क्या वापसी कर पाएंगे अनिल अंबानी?
फिर भी दो शेयरों में उछाल और कर्ज के स्तर में गिरावट के साथ यह लहर अनिल अंबानी को मझधार से वापसी के किनारे तक पहुंचाने में कितना सफल साबित होगी, ये तो भविष्य के गर्भ में है. बाजार की गति को नजरअंदाज करना मुश्किल है. अब मुख्य सवाल यह है कि क्या पुनरुत्थान के ये शुरुआती संकेत एक स्थायी रिवाइवल में डेवलप होंगे या एक लंबी अनिश्चित रास्ते में एक छोटी रैली बनकर रह जाएंगे.
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