GeM पोर्टल पर 10 महीनों में 4 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड खरीद, कोयला मंत्रालय रहा सबसे बड़ा खरीदार
वित्तीय वर्ष 2024-25 में GeM पोर्टल पर वस्तुओं और सेवाओं की खरीद 50% बढ़कर 4.09 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई. सेवाओं का योगदान 2.54 लाख करोड़ रुपये रहा. कोयला मंत्रालय 1.63 लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर के साथ शीर्ष खरीदार रहा. 2024-25 में 19 नई सर्विस कैटेगरी जोड़ने से खरीद प्रक्रिया अधिक कुशल और ट्रांसपैरेंट बनी.

GeM Portal: GeM पोर्टल पर 10 महीनों में 4 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड खरीद GeM पोर्टल पर वस्तुओं और सेवाओं की खरीद में इस वित्तीय वर्ष के अप्रैल से जनवरी के बीच लगभग 50% की बढ़ोतरी हुई है. कुल खरीद 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक रही. यह बढ़ोतरी विभिन्न विभागों और मंत्रालयों द्वारा पोर्टल के माध्यम से अधिक खरीदारी करने के कारण हुई. इसमें से सेवाओं का योगदान 2.54 लाख करोड़ रुपये का रहा, जबकि वस्तुओं की खरीद 1.55 लाख करोड़ रुपये की रही.
केवल 10 महीनों में रिकॉर्ड बिक्री
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, GeM ने पिछले वित्तीय वर्ष के 4 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक आंकड़े को इस वित्तीय वर्ष के मात्र 10 महीनों में पार कर लिया. 23 जनवरी 2025 तक, GeM पर कुल 4.09 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग 50% अधिक है. यह पोर्टल 9 अगस्त 2016 को शुरू किया गया था, ताकि सभी केंद्रीय मंत्रालय और विभाग ऑनलाइन माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद कर सकें.
2024-25 में नई सेवाओं की शुरुआत
वर्तमान वित्तीय वर्ष में GeM पर 19 नई सर्विस कैटेगरी जोड़ी गई हैं. इनमें डेबिट कार्ड की छपाई, बल्क ईमेल सेवा, डार्क फाइबर लीजिंग, डेटा सेंटर का संचालन और मैनेजमेंच जैसी विशेष सेवाएं शामिल हैं. इस विस्तार से सरकारी संस्थानों को भरोसेमंद विक्रेताओं से सेवाएं प्राप्त करने में मदद मिली है. इसके चलते खरीद प्रक्रिया की एफिशिएंसी में सुधार हुआ है. GeM पर वर्तमान में 1.6 लाख सरकारी खरीदार और 22.5 लाख विक्रेता और सर्विस प्रोवाडर रजिस्टर हैं.
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कोयला मंत्रालय रहा सबसे बड़ा खरीदार
आंकड़ों के अनुसार, कोयला, रक्षा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, ऊर्जा, और इस्पात मंत्रालय GeM पर सबसे बड़े खरीदार रहे. कोयला मंत्रालय ने लगभग 1.63 लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर के साथ टॉप स्थान प्राप्त किया. इसमें कोयला सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा हैंडलिंग और ट्रांसपोर्ट सेवाओं के लिए 42,000 करोड़ रुपये के 320 से अधिक बड़े ऑर्डर शामिल थे. GeM पोर्टल के माध्यम से हो रही इस बढ़ोतरी ने सरकारी खरीद प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सरल बनाया है. इससे सरकार और विक्रेताओं दोनों को लाभ हुआ है.
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