HAL की ताबड़तोड़ डील! मिला बड़ा खजाना, IAF से थर-थर कॉपेंगे चीन-पाक, शेयर पर रखें नजर
दिग्गज डिफेंस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी HAL के शेयरों में हलचल देखने को मिल सकती है. दरअसल इसने सुपरएलॉय की सप्लाई के लिए बड़ा ऑर्डर दिया है, साथ ही GE के साथ होने वाली डील जल्द ही फाइनल होने वाली है, इससे अब भारत में ही जेट इंजन बन सकेंगे.
HAL update: भारतीय डिफेंस सेक्टर को मजबूत बनाने के मकसद से स्वदेशी जेट इंजन निर्माण पर जोर दिया जा रहा है. इसी सिलसिले में देश की दिग्गज डिफेंस कंपनी HAL ने एक बड़ा कदम उठाया है. उसने मिश्र धातु निगम लिमिटेड (MIDHANI) को 600 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया है. यह ऑर्डर सुपरएलॉय की सप्लाई के लिए है, जिसका इस्तेमाल इंजन निर्माण में होगा. इसके अलावा HAL और US के बीच लंबे समय से अटकी GE-414 डील भी जल्द फाइनल होने वाली है. HAL की इस ताबड़तोड डील से इंडियन एयरफोर्स यानी IAF की ताकत बढ़ेगी, जिससे चीन और पाक जैसे देशों के पसीने छूटेंगे.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक GE-414 जेट इंजनों के को-प्रोडक्शन के लिए बहुप्रतीक्षित समझौता इस वित्त वर्ष के अंत तक पूरा हो सकता है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अमेरिका की GE एयरोस्पेस के बीच होने वाली इस डील के तहत जेट इंजनों का निर्माण भारत में होगा, जो डिफेंस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा. इस डील से भारत को आने वाले वर्षों में जेट इंजन निर्माण के क्षेत्र में खास जगह बनाने में भी मदद मिलेगी. GE-414 इंजन भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए बन रहे LCA मार्क 2 फाइटर जेट्स को ताकत देंगे, जिनके अगले चार साल में शामिल होने की उम्मीद है.
कितने मिलेंगे इंजन?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक GE और HAL में इस साल के आखिर तक 97 तेजस MK1A जेट के लिए डील हो सकती है. जनरल इलेक्ट्रिक यानी GE साल 2026 से करीब 24 F- 404 इंजन की डिलीवरी शुरू करेगा, इससे भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा.
इस खास मैटेरियल के लिए दिया बड़ा ऑर्डर
स्वदेशी जेट इंजन बनाने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने मिश्र धातु निगम लिमिटेड (MIDHANI) को 600 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया है. अल्फा डिफेंस की रिपोर्ट के मुताबिक HAL इन हाइटेक सुपरएलॉय मैटेरियल का इस्तेमाल रूसी मूल के AL31 इंजनों में करेगा, जो सुखोई-30 MKI फाइटर जेट्स को ताकत देते हैं.
सुपरएलॉय है जेट इंजन की रीढ़
सुपरएलॉय किसी भी इंजन प्रोग्राम की रीढ़ होते हैं. ये मैटेरियल अपनी असाधारण ताकत, हाई टेम्परेचर सहनशीलता और टिकाऊपन के लिए जानी जाती हैं. ये जेट इंजनों, पावर प्लांट्स और तेल रिफाइनरियों के ठीक से काम करने के लिए जरूरी हैं. रिपोर्ट के अनुसार, MIDHANI निकेल-आधारित सुपरएलॉय की आपूर्ति करेगा, जिसमें क्रोमियम, एल्यूमिनियम, टाइटेनियम और दूसरे हाई परफॉर्म करने वाले तत्व शामिल हैं.
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शेयरों में दिख सकती है हलचल
भारत सरकार के डिफेंस सेक्टर को बढ़ावा देने से HAL को भी फायदा मिल रहा है. एक के बाद एक हुई इसकी कई डील ने कंपनी को मजबूत स्थिति में ला दिया है. बीते 6 महीनों में इसके शेयरों में 24.72% की तेजी देखने को मिली है, हालांकि अभी इसके शेयरों में थोड़ी गिरावट देखने को मिल रही है, नतीजतन शेयर की कीमत 4,889.50 रुपये है. वहीं 5 साल में इसने 942 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. GE से हो रही डील के चलते आने वाले दिनों में इसके शेयरों में दोबारा हलचल देखने को मिल सकती है.
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