भारत में विदेशी कंपनियां कर रही ‘सेहत’ के साथ समझौता, बेच रहीं घटिया प्रोडक्ट्स?

हाल में आई एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि विदेशी कंपनियों भारत में जो खाने के प्रोडक्ट बेच रही वह स्वास्थ्य रेटिंग के पैमाने पर बेहद नीचे आते हैं. भारत जैसे कम आय वाले देशों में ये कंपनियां कम गुणवत्ता वाले उत्पाद बेच रही हैं...

भारत में विदेशी कंपनियां कर रही ‘सेहत’ के साथ समझौता, बेच रहीं घटिया प्रोडक्ट्स? Image Credit: FreePik/ Canva

अगर आप अपने घर में एक नजर दौड़ाए तो आपको पेप्सिको, यूनिलीवर और डैनोन जैसी कई कंपनियों के प्रोडक्ट्स अपने घर में मिलेंगे. आप रोजमर्रा के जीवन में इनके प्रोडक्टस का इस्तेमाल भी कर रहे होंगे जैसे इनके बनाए टूथपेस्ट, चाय पत्ती, शैंपू, कुरकुरे, पेप्सी आदि. अगर हां, तो आपका स्वास्थ्य खतरे में है.

एक रिपोर्ट में पाया गया है कि ये तमाम कंपनियां भारत में खराब क्वालिटी के प्रोडक्ट बेच रही हैं. यह आरोप ग्लोबल पब्लिक नॉन-प्रॉफिट फाउंडेशन ‘एक्सेस टू न्यूट्रीशन इनिशिएटिव’ (ATNI) ने अपने साझा किए एक रिपोर्ट में लगाया है.

कम आय वाले देशों में कम स्वास्थ्य स्टार रेटिंग वाले उत्पाद

इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार एटीएमआई की रिपोर्ट में बताया गया कि ये कंपनियां कम इनकम वाले देश के साथ भेदभाव करती हैं और इन देशों को कम हेल्दी प्रोडक्टस मुहैया कर रही हैं. वहीं हाई इनकम वाले देशों में ये कंपनियां जो प्रोडक्ट बेच रही हैं उनकी हेल्थ स्टार रेटिंग कहीं ज्यादा है. सिर्फ भारत ही नहीं कंपनी कम हेल्थ स्टार रेटिंग वाले प्रोडक्ट इथियोपिया, घाना, केन्या, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस, तंजानिया और वियतनाम जैसे कम आय वाले देशों में भी बेचे जा रहे हैं.

इस रिपोर्ट में 30 कंपनियों की रैंकिंग की गई जिनके उत्पादों की स्वास्थ्य स्कोर में कम आय और उच्च आय वाले देशों में बड़ा अंतर पाया गया. इन कंपनियों में पेप्सिको, डैनोन और यूनिलीवर जैसे नाम भारत में प्रमुख हैं.

किसे कितनी स्टार रेटिंग मिली?

रिपोर्ट में बताया गया कि कम आय वाले देशों में इन कंपनियों के खाद्य उत्पादों की औसत रेटिंग 1.8 थी, जबकि उच्च-आय वाले देशों में यह 2.3 रही. स्वास्थ्य स्टार रेटिंग ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में विकसित की गई एक रेटिंग सिस्टम है जिसमें 5 अंकों की स्कोरिंग दी जाती है.

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वजन घटाने का ट्रेंड बढ़ा रहा पैकेज्ड फूड का बाजार

रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च आय वाले देशों में वजन घटाने वाली दवाओं के बढ़ते इस्तेमाल से पैकेज्ड फूड सेक्टर में दबाव बढ़ रहा है. इसके कारण बड़ी खाद्य कंपनियां नए उत्पादों और बाजारों की तलाश में हैं. कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां अब हाई इनकम वाले देशों की तुलना में कम और मध्यम आय वाले देशों से ज्यादा मुनाफा कमा रही हैं.

भारत में खाद्य सुरक्षा पर बढ़ती सख्ती

भारत में राष्ट्रीय खाद्य नियामक ‘फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ (FSSAI) ने देश में किसी भी तरह का प्रोडक्ट बेच रही कंपनियों को ये सख्त हिदायत देती है कि वह अपने पैकेज्ड फूड या किसी भी प्रोडक्ट के पैकेट पर पर कुल शुगर, नमक और सैचुरेटेड फैट जैसे पोषण संबंधी जानकारी दें.

अब ये प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए सही और स्वस्थ्य प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें.