अक्टूबर से शुरू होगी देश की पहली प्राइवेट गोल्ड माइन, हर साल 500 kg तक निकलेगा सोना; डोमेस्टिक प्रोडक्शन को मिलेगा बूस्ट
भारत में अक्टूबर 2025 से पहली निजी गोल्ड माइन से बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू होगा. आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में जोनागिरी प्रोजेक्ट से शुरुआत में हर साल 500 किलो सोना निकलेगा, जिसे बाद में 1 टन तक बढ़ाने की योजना है. यह कदम देश में सोने के डोमेस्टिक प्रोडक्शन को बढ़ाएगा और आयात पर निर्भरता घटाएगा. प्रोजेक्ट को सभी मंजूरियां मिल चुकी हैं और निर्माण कार्य पूरा हो गया है.
Jonnagiri Project: भारत अब सोने के मामले में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है. आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में जोनागिरी गोल्ड प्रोजेक्ट से अक्टूबर 2025 से बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन शुरू होने वाला है. आजादी के बाद यह पहली बार होगा जब किसी प्राइवेट कंपनी की सोने की खदान से बड़े स्तर पर कमर्शियल लेवल पर सोना निकाला जाएगा. यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब सोने की कीमतें बढ़ रही हैं और भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना आयातक है. इससे देश में सोने का डोमेस्टिक प्रोडक्शन बढ़ेगा और इंपोर्ट पर निर्भरता घटेगी.
देश में बढ़ेगा गोल्ड का प्रोडक्शन
जोनागिरी प्रोजेक्ट से शुरुआत में हर साल लगभग 500 किलो सोना निकाला जाएगा. धीरे धीरे प्रोडक्शन बढ़ाकर इसे करीब 1 टन सालाना तक ले जाने की योजना है. अभी भारत में सालाना लगभग 1.5 टन ही सोना निकाला जाता है. पूरी क्षमता से काम शुरू होने पर यह खदान अगले 15 साल तक हर साल 1000 किलो तक सोना दे सकती है. इससे देश के टोटल प्रोडक्शन में अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी.
कम होगी आयात पर निर्भरता
भारत में सोने की ज्यादातर जरूरत आयात से पूरी होती है जिससे विदेशी करेंसी पर दबाव पड़ता है. इस प्रोजेक्ट से आयात पर निर्भरता कम होगी और सोने के दामों में वैश्विक स्तर पर होने वाले उतार चढ़ाव का असर भी घटेगा. यह कदम आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत मिनरल्स की घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देगा. इससे देश की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी.
खदान में अच्छे सोने के भंडार
जोनागिरी प्रोजेक्ट में 13.1 टन सोने के रिजर्व की पुष्टि हो चुकी है. रिपोर्ट के अनुसार इसमें लगभग 42.5 टन तक सोने की संभावना है. यह इसे भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट गोल्ड प्रोजेक्ट में से एक बनाता है. इस प्रोजेक्ट से देश में सोने के भंडार को लेकर नई दिशा मिलेगी.
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अब प्रोडक्शन की तैयारी
प्रोजेक्ट को एनवायरमेंट और ऑपरेशन की सभी मंजूरियां मिल चुकी हैं. प्लांट का निर्माण कार्य और इंस्टालेशन पूरा हो चुका है और ट्रायल रन चल रहे हैं. अक्टूबर 2025 के अंत तक कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू होने की उम्मीद है. इस प्रोजेक्ट को बी प्रभाकरण और उनका परिवार अपनी कंपनी जियोमाइसोर सर्विसेस के माध्यम से चला रहे हैं. Thriveni Earthmovers माइन और प्रोसेसिंग प्लांट को ऑपरेट करेगी.