लंबी सुस्ती के बाद सोने ने फिर दिखाई तेजी, 800 रुपये उछला; चांदी पकड़ी हुई है रफ्तार; जानें ताजा रेट

दिल्ली के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को माहौल गरम रहा. वैश्विक स्तर पर उठापटक और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी के सोने ने बाजार को चौंका दिया. चांदी ने भी तेजी पकड़ी है. जानें, इस उछाल के पीछे आखिर कौन से बड़े कारण छिपे हैं.

सोने की कीमत Image Credit: Getty image

Gold and Silver rate today: 15 सितंबर से शुरू हुए सप्ताह में सोना लगातार लुढ़कते जा रहा था लेकिन 19 सितंबर को दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों ने जोरदार छलांग लगाई. महज एक दिन में सोना 800 रुपये चढ़कर 1,14,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया. यह उछाल वैश्विक बाजारों में मजबूती, अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग के कारण देखा गया.

ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, गुरुवार को 99.9 फीसदी शुद्धता वाला सोना 1,13,200 रुपये पर बंद हुआ था, जो शुक्रवार को बढ़कर 1,14,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. इसी तरह, 99.5 फीसदी शुद्धता वाला सोना भी 700 रुपये की तेजी के साथ 1,13,500 रुपये प्रति 10 ग्राम (टैक्स समेत) पर पहुंच गया. पिछले सत्र में यह 1,12,800 रुपये था.

चांदी में भी तेजी

सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी लगातार दूसरे दिन उछाल दर्ज किया गया. शुक्रवार को चांदी 500 रुपये महंगी होकर 1,32,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई, जबकि पिछले कारोबारी दिन यह 1,31,500 रुपये प्रति किलोग्राम थी.

तेजी के कारण

विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में भारी निवेश और केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी ने कीमतों को सहारा दिया है. इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के इस साल के अंत तक ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीदें भी सोने को मजबूती दे रही हैं. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव और व्यापारिक मतभेदों ने निवेशकों को सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने की ओर खींचा है.

वैश्विक बाजार का रुख

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना मजबूती दिखा रहा है. शुक्रवार को स्पॉट गोल्ड 0.18 फीसदी बढ़कर 3,651.18 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि चांदी लगभग 1 फीसदी चढ़कर 42.16 डॉलर प्रति औंस पर रही. एलकेपी सिक्योरिटीज के विश्लेषक जतिन त्रिवेदी का कहना है कि अब बाजार की नजरें अगले हफ्ते आने वाले अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों पर टिकी हैं, जिनमें जीडीपी, पीएमआई और पीसीई प्राइस इंडेक्स अहम रहेंगे.

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फेड की दर कटौती का असर

ऑगमोंट की हेड ऑफ रिसर्च रेनीशा चैनानी ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस हफ्ते ब्याज दरों में कटौती तो की, लेकिन आगे की नीति पर सावधानी बरती. कमजोर होती अमेरिकी लेबर मार्केट को देखते हुए दरों में कटौती की गई, लेकिन महंगाई को लेकर चिंता अभी बनी हुई है.