28 से 2 अगस्त तक 1 हफ्ते में 1770 रुपये उछला सोना, जानिए किस दिन कितना झुलसा सोने-चांदी का बाजार

बीते सप्ताह गोल्ड मार्केट में कुछ ऐसा हुआ कि निवेशक भी चौंक गए. अंतरराष्ट्रीय मंच पर लिए गए कुछ फैसलों और राजनीतिक बयानों ने बाजार की चाल ही बदल दी. खासतौर पर एक तारीख पर ऐसा झटका लगा कि हफ्तेभर की चाल ही बदल गई. पूरी कहानी जानिए यहां…

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Gold this week: बीते हफ्ते बुलियन बाजार में सोने की कीमतों ने निवेशकों को कई बार चौंकाया. कभी वैश्विक व्यापार तनाव कम होने से भाव गिरे, तो कभी अमेरिका-चीन वार्ता या ट्रंप की टैरिफ डेडलाइन ने इसे ऊपर चढ़ा दिया. 28 जुलाई से 2 अगस्त 2025 के बीच सोना कभी हल्का टूटा तो कभी तेजी से उछला, लेकिन कुल मिलाकर सप्ताह के अंत तक इसका भाव चढ़ा हुआ ही रहा.

हफ्ते की शुरुआत में गिरावट, अंत में तेज उछाल

28 जुलाई को 24 कैरेट सोना 98,040 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर खुला था. ये पिछले सप्ताह के मुकाबले थोड़ा कमजोर रहा, क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) के बीच टैरिफ युद्ध टलने से निवेशकों की सुरक्षित संपत्ति यानी गोल्ड की मांग में कमी आई. वहीं डॉलर में मामूली कमजोरी ने भाव को ज्यादा गिरने नहीं दिया.

29 जुलाई को भाव 98,780 रुपये पर पहुंचा. इसकी वजह अमेरिका-चीन के बीच स्टॉकहोम में चल रही बातचीत और अमेरिकी डॉलर की मजबूती रही, जिसने बाजार को असमंजस में डाले रखा. हालांकि 30 जुलाई को 98,710 रुपये पर हल्की गिरावट दिखी, क्योंकि न तो फेडरल रिजर्व की ओर से कोई नई घोषणा हुई और न ही बाजार को किसी बड़े संकेत का इंतजार खत्म हुआ.

31 जुलाई को एक बार फिर हल्की तेजी दिखी और दाम 98,840 रुपये तक पहुंचे. इसकी वजह निवेशकों की फेड के फैसले से पहले की पोजिशनिंग और डॉलर में नरमी रही.

1 अगस्त को झटका, 2 अगस्त को स्थिरता

सबसे बड़ा उछाल 1 अगस्त को देखने को मिला जब सोना 99,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित टैरिफ डेडलाइन ने दुनिया भर के बाजारों में हलचल पैदा कर दी. निवेशकों ने अनिश्चितता से बचने के लिए गोल्ड की ओर रुख किया.

2 अगस्त को भी भाव थोड़ा बढ़कर 99,810 रुपये तक पहुंचा, जो दिखाता है कि बाजार अभी भी सतर्क है. केंद्रीय बैंकों की नीतियों को लेकर असमंजस और वैश्विक आर्थिक जोखिमों के चलते गोल्ड में निवेशकों की दिलचस्पी बनी रही.

MCX में सोने का हाल

केंद्रीय बैंक और डॉलर की चाल रही बड़ी वजह

पिछले हफ्ते गोल्ड की चाल को तय करने में तीन प्रमुख कारक सक्रिय रहे – वैश्विक व्यापार तनाव, डॉलर और यूरो की चाल और अमेरिका का फेडरल रिजर्व. अमेरिका और यूरोप के बीच समझौते से जहां शुरुआत में सोने पर दबाव बना, वहीं ट्रंप की टैरिफ नीति और चीन से बातचीत की स्थिति ने बाद में इसमें मजबूती दी. फेड की ब्याज दरों पर स्पष्टता न होना भी एक बड़ा फैक्टर रहा, जिससे निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर झुके.

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चांदी भी रही दबाव में, कीमतों में हल्की गिरावट

जहां सोने ने सप्ताह के अंत तक मजबूती दिखाई, वहीं चांदी में थोड़ी कमजोरी रही. 28 जुलाई को चांदी की कीमत 1,13,340 रुपये प्रति किलो थी, जो 2 अगस्त तक घटकर 1,10,560 रुपये पर आ गई. ये गिरावट डॉलर की मजबूती और उद्योगिक मांग में हल्की नरमी की वजह से देखी गई. हालांकि, कीमतें अभी भी उच्च स्तर पर बनी हुई हैं.

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