Axis Mutual Fund Scam: फ्रंट रनिंग मामले में ED ने वीरेश जोशी को किया अरेस्ट, 200 करोड़ की हेराफेरी का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक्सिस म्यूचुअल फंड के पूर्व फंड मैनेजर और चीफ ट्रेडर वीरेश जोशी को मनी लॉन्ड्रिंग के एक गंभीर मामले में गिरफ्तार किया है. जोशी पर फ्रंट रनिंग जैसे अवैध और अनैतिक तरीकों से 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है. जानें पूरा मामला.

एक्सिस म्यूचुअल फंड और ईडी की गिरफ्तारी Image Credit: @Canva/Money9live

Axis Mutual Fund Front Running and ED: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Axis Mutual Fund के पूर्व चीफ ट्रेडर और फंड मैनेजर वीरेश जोशी को मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में गिरफ्तार किया है. जोशी पर आरोप है कि उन्होंने फ्रंट-रनिंग जैसे गैरकानूनी तरीके से निवेशकों को करीब 200 करोड़ रुपये का चूना लगाया. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ED ने रविवार, 3 अगस्त को बताया कि जोशी को शनिवार (2 अगस्त) को हिरासत में लिया गया था और अब उन्हें 8 अगस्त तक ED की कस्टडी में भेज दिया गया है. ये गिरफ्तारी प्रीवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत हुई है.

क्या है वीरेश जोशी पर आरोप?

ED के मुताबिक, जोशी ने 2018 से 2021 के बीच एक्सिस म्यूचुअल फंड के लिए जो ट्रेड्स होने थे, उनकी सेंसिटिव जानकारियों का दुरुपयोग करते हुए खुद या अपने सहयोगियों के नाम पर पहले से ट्रेड कर दिए. इन ट्रेड्स से अवैध रूप से मोटा मुनाफा कमाया गया. साथ ही इस अवैध काम के लिए दुबई में एक टर्मिनल के जरिए मुल अकाउंट्स (फर्जी खातों) का इस्तेमाल किया गया. इस घोटाले में जोशी अकेले नहीं बल्कि उनके साथ कई दूसरे ट्रेडर्स और ब्रोकर भी शामिल थे, जो पहले से एक्सिस म्यूचुअल फंड की ट्रेड जानकारी पाकर फ्रंट-रनिंग कर रहे थे.

कितनी हुई फ्रॉड से कमाई?

अब तक की जांच में ED ने पाया है कि करीब 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई हुई है. हालांकि एजेंसी का मानना है कि यह रकम अभी और ज्यादा हो सकती है. यह पैसा फर्जी कंपनियों और बैंक खातों के जरिए इधर-उधर घुमाया गया. इन सभी खातों के मालिक जोशी और उनके रिश्तेदारों के नाम पर थे. जांच के दौरान ED ने 17.4 करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज की है, जिसमें शेयर, म्यूचुअल फंड और बैंक बैलेंस शामिल हैं. इस मामले में दिसंबर 2024 में मुंबई पुलिस ने FIR दर्ज की थी, जिसके आधार पर अब मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज हो चुका है. ED का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है और इस मामले में कई और गिरफ्तारियां आने वाले समय में हो सकती हैं.

कब से चल रही है जांच?

2022 में इस घोटाले की जांच सबसे पहले इनकम टैक्स विभाग ने शुरू की थी. इसके बाद ED ने फेमा (FEMA) के तहत नागरिक प्रावधानों के आधार पर जांच की शुरुआत की. अब मनी लॉन्ड्रिंग एंगल सामने आने के बाद ED ने 1 अगस्त को देशभर में दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम, लुधियाना, अहमदाबाद, भावनगर, भुज और कोलकाता के कई ठिकानों पर छापेमारी कर कार्रवाई की.

क्या है फ्रंट-रनिंग?

फ्रंट-रनिंग शेयर बाजार में एक गैरकानूनी और अनैतिक तरीका है जिसमें कोई ट्रेडर या ब्रोकर क्लाइंट के ऑर्डर की जानकारी पहले से लेकर, उससे पहले खुद के लिए ट्रेड करता है. इससे बाकी निवेशकों को नुकसान होता है और बाजार की पारदर्शिता पर बड़ा असर भी पड़ता है.

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