रूस ही नहीं अमेरिका से भी ज्यादा क्रूड ऑयल खरीद रहा भारत, ट्रंप के आने के बाद 51 फीसदी बढ़ा इंपोर्ट
डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और अमेरिका के ऊर्जा व्यापार में तेजी आई है. जनवरी से जून 2025 के बीच भारत ने अमेरिका से 51 फीसदी ज्यादा क्रूड ऑयल आयात किया. जुलाई में यह हिस्सा कुल तेल आयात का 8 फीसदी पहुंच गया. एलएनजी और एलपीजी का व्यापार भी तेजी से बढ़ा है.
US crude oil imports: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए 25 फीसदी टैरिफ लगाया है. ट्रंप का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करे क्योंकि तेल के पैसे से ही रूस यूक्रेन से पिछले तीन साल से युद्ध कर रहा है. लेकिन अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि भारत ने ना सिर्फ रूस बल्कि अमेरिका से भी तेल की खरीद बढ़ा दी है. ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत ने अमेरिका से क्रूड ऑयल का आयात 51 फीसदी तक बढ़ा दिया है. यह बढ़ोतरी सिर्फ तेल तक सीमित नहीं है, बल्कि LNG और LGP के आयात में भी तेजी आई है. दोनों देशों के बीच ऊर्जा व्यापार अब रणनीतिक साझेदारी का अहम हिस्सा बनता जा रहा है.
51 फीसदी की बढ़ोतरी
जनवरी से जून 2025 के बीच भारत ने अमेरिका से औसतन 0.271 मिलियन बैरल प्रतिदिन क्रूड ऑयल खरीदा, जो 2024 की इसी अवधि में 0.18 मिलियन बैरल प्रतिदिन था. अप्रैल से जून 2025 के बीच यह वृद्धि 114 फीसदी तक पहुंच गई. इससे पता चलता है कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए अब अमेरिका पर तेजी से भरोसा कर रहा है.
जुलाई में भी जारी रही तेजी
जुलाई 2025 में भारत ने जून की तुलना में अमेरिका से 23 फीसदी ज्यादा क्रूड ऑयल मंगाया. पिछले साल अमेरिका का भारत के कुल क्रूड आयात में हिस्सा सिर्फ 3 फीसदी था, जो जुलाई 2025 में बढ़कर 8 फीसदी हो गया. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष में भारत अमेरिकी तेल आयात में 150 फीसदी तक की वृद्धि कर सकता है.
LNG और LGP में भी उछाल
भारत केवल कच्चे तेल में ही नहीं, बल्कि LNG और LGP जैसे अन्य ऊर्जा स्रोतों में भी अमेरिका से आयात बढ़ा रहा है. वित्त वर्ष 2024-25 में LNG आयात 2.46 अरब डॉलर रहा, जो 2023-24 के 1.41 अरब डॉलर से लगभग दोगुना है. खबर है कि भारत लॉन्ग टर्म LNG सप्लाई के लिए अमेरिका के साथ एक बड़ा अनुबंध करने की तैयारी में है.
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मजबूत हो रहे हैं रिश्ते
भारत के विदेश मंत्रालय ने भरोसा जताया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत और अमेरिका के संबंध और मजबूत होंगे. प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा कि दोनों देशों की साझेदारी साझा हितों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है. ऊर्जा व्यापार इस रिश्ते को और मजबूत बना रहा है.