Gold-Silver हुए धड़ाम, सोना 6800 रुपये सस्ता हुआ, चांदी 17400 रुपये फिसली; जानिए क्यों टूटे दाम?
सोने चांदी के दाम में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के सराफा बाजार में शुक्रवार को सोना जहां 6800 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हुआ, वहीं चांदी के दाम में 17400 रुपये प्रतिकिलो की गिरावट देखने को मिली है.
Gold Rate Today: सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. दिल्ली सर्राफा बाजार में 99.9 फीसदी शुद्धता वाला सोना लुढ़ककर 1,25,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है, जो पिछले सत्र के 1,32,400 रुपये के भाव से लगभग 6,800 रुपये कम है. इसी तरह 99.5 फीसदी शुद्धता वाला सोना घटकर 1,25,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है. सोने के साथ चांदी की चमक भी फीकी पड़ी. चांदी के दाम गिरकर 1,52,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गए, जबकि पिछले सत्र में यह 1,70,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी.
मांग पड़ी ठंडी
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक दीवाली के बाद स्थानीय बाजार शुक्रवार से दोबारा खुले, लेकिन ग्राहकी सामान्य रही. सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, त्योहारों के बाद मांग में स्वाभाविक रूप से सुस्ती आती है और इस बार ग्लोबल ट्रेंड भी कमजोर रहे, जिससे कीमतों पर दबाव बना.
ग्लोबल मार्केट में भी बिकवाली तेज
अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 0.93% टूटकर 4,087.55 डॉलर प्रति औंस पर आ गया. पिछले सत्र में इसमें बढ़त दर्ज हुई थी, लेकिन अब बाजार ने करेक्शन मोड पकड़ लिया है. स्पॉट सिल्वर भी 1.66% गिरकर 48.12 डॉलर प्रति औंस पर आ गई.
कमजोर संकेतों से दबाव में सोना
विश्लेषकों के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर तनाव में कमी, डॉलर की मजबूती और भारत-अमेरिका ट्रेड वार्ता से जुड़े संकेतों ने सोने की सुरक्षित निवेश वाली चमक को कुछ हद तक कम किया है.
क्या है एक्सपर्ट की राय?
HDFC Securities के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी ने कहा, “शार्प सेल-ऑफ के बाद ट्रेडर्स नई खरीदारी से बच रहे हैं. कई भारतीय बाजार बंद थे और दिवाली के बाद मांग में गिरावट दिख रही है.” इसी तरह Mirae Asset के प्रवीण सिंह के मुताबिक,
“सोना निकट भविष्य में 4,000–4,200 डॉलर प्रति औंस के दायरे में रह सकता है. फेड की दर कटौती की उम्मीद नीचे की गिरावट को सीमित करेगी.”
क्या है आगे का रास्ता?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा गिरावट खरीदारों के लिए अवसर बन सकती है, लेकिन शॉर्ट-टर्म में कीमतें दायरे में रहकर उतार-चढ़ाव दिखाएंगी. सरकारी नीतियां, वैश्विक दरें और डॉलर इंडेक्स आने वाले दिनों में दाम तय करने वाले प्रमुख कारक होंगे.