एक तरफ तेजी का तूफान… दूसरी तरफ गिरावट की आंधी, Goldman Sachs ने बताया कौन-सा मेटल बनेगा स्टार
इंडस्ट्रियल मेटल्स जैसे कॉपर, एल्यूमिनियम, लिथियम और आयरन ओर निर्माण, टेक्नोलॉजी, ऊर्जा और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स के लिए बेहद जरूरी हैं. Goldman Sachs ने साल 2026 के लिए इन मेटल का बड़ा अनुमान जारी किया है, जिसमें कॉपर को सबसे मजबूत दावेदार बताया गया है, जबकि बाकी मेटल्स पर दबाव बने रहने की संभावना जताई है.
Goldman Sachs on Metals price: दुनिया भर में मेटल्स की कीमतों को लेकर निवेशक जहां कन्फ्यूज हैं, वहीं Goldman Sachs ने तस्वीर साफ कर दी है. आने वाले सालों में कौन-सा मेटल चमकेगा और कौन अपनी चमक खो देगा इस पर बैंक का ताजा अनुमान बाजार की दिशा बदल सकता है. रिपोर्ट कहती है कि एक तरफ कॉपर तेजी के नए रिकॉर्ड छूने को तैयार है, तो दूसरी तरफ आयरन ओर, लिथियम और अल्यूमिनियम जैसे मेटल्स बड़ी गिरावट की ओर बढ़ रहे हैं. यानी 2026 में मेटल्स की दुनिया में एक स्टार का उदय और कई दिग्गजों का पतन देखने को मिल सकता है.
इंडस्ट्रियल मेटल्स जैसे कॉपर, एल्यूमिनियम, लिथियम और आयरन ओर निर्माण, टेक्नोलॉजी, ऊर्जा और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स के लिए बेहद जरूरी हैं. इनकी कीमतें दुनिया की अर्थव्यवस्था, सप्लाई की स्थिति और सरकारी नीतियों से काफी प्रभावित होती हैं. इसी बीच Goldman Sachs ने साल 2026 के लिए इन मेटल का बड़ा अनुमान जारी किया है, जिसमें कॉपर को सबसे मजबूत दावेदार बताया गया है, जबकि बाकी मेटल्स पर दबाव बने रहने की संभावना जताई है.
2026 में कॉपर बनेगा स्टार!
Goldman Sachs का मानना है कि आने वाले सालों में कॉपर की मांग तेजी से बढ़ेगी. इसके पीछे कई बड़े कारण हैं. इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बढ़ती डिमांड, बिजली ग्रिड के विस्तार, रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स और AI और डेटा सेंटर के लिए भारी पावर इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है. इन सभी कारणों को देखते हुए बैंक ने H1 2026 का LME Copper प्राइस फोरकास्ट बढ़ाकर $10,710 प्रति टन कर दिया है. पहले यह अनुमान $10,415 था.
अन्य मेटल्स पर Goldman क्यों है निगेटिव?
Goldman Sachs के अनुसार, कॉपर के मुकाबले बाकी मेटल्स पर सप्लाई बढ़ने का दबाव बहुत ज्यादा है. खासतौर पर चीन द्वारा विदेशों में किए जा रहे निवेश और प्रोडक्शन क्षमता बढ़ने की वजह से बाजार में मेटल्स की सप्लाई बढ़ रही है. डिमांड उतनी तेज़ नहीं बढ़ रही. इस वजह से कीमतों में गिरावट की संभावना है. इसमें एल्यूमिनियम, लिथियम और आयरन ओर सबसे ज्यादा प्रभावित माने जा रहे हैं.
कितनी होगी कीमतों में गिरावट? Goldman Sachs का अनुमान
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2026 के अंत तक इन मेटल्स में भारी गिरावट देखी जा सकती है:
- अल्यूमिनियम: 18% गिरावट की संभावना
- लिथियम: लगभग 23% की भारी गिरावट
- Iron Ore: करीब 17% की गिरावट
Goldman Sachs का कहना है कि जैसे-जैसे प्रोडक्शन बढ़ रहा है, इन मेटल्स की कीमतें बढ़ने के बजाय कम हो सकती हैं.
क्यों दिख रहा है मेटल्स में रुख?
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अभी तक मेटल्स में कुछ तेजी देखी गई है. इसके कारण इस प्रकार हैं:
- अमेरिका में ब्याज दर कम होने की उम्मीद
- डॉलर की कमजोरी
- चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार
- AI से जुड़ी कंपनियों की बढ़ती कैपिटल खर्च
- कुछ जगहों पर सप्लाई में बाधा

डेटा सोर्स: Trade Brains, Bloomberg, Groww
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