वोडा-आइडिया को राहत पैकेज देगी सरकार, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्लान पर काम शुरू
इस कदम का उद्देश्य टेलीकॉम ऑपरेटर के 83,000 करोड़ रुपये से अधिक के भारी-भरकम बकाया का समाधान करना है, जिसने लंबे समय से उसकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित किया है. आने वाले महीनों में केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने एक व्यापक पैकेज पेश किए जाने की उम्मीद है.
सरकार ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया (Vi) के लिए राहत पैकेज तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस कदम का उद्देश्य टेलीकॉम ऑपरेटर के 83,000 करोड़ रुपये से अधिक के भारी-भरकम बकाया का समाधान करना है, जिसने लंबे समय से उसकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित किया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दूरसंचार विभाग (DoT) ने संभावित अगले कदमों पर कानूनी सलाह लेना शुरू कर दिया है.
विभाग की योजना
एक बार यह सलाह मिल जाने के बाद, विभाग देश भर के टेलीकॉम सर्किलों की सभी क्षेत्रीय इकाइयों को मूल AGR मांग नोटिसों की समीक्षा करने का निर्देश देने की योजना बना रहा है, ताकि कैलकुलेशन संबंधी संभावित त्रुटियों या बिलिंग में दोहराव की जांच की जा सके.
मिल सकती है सीधी राहत
रीअसेसमेंट के साथ-साथ, अधिकारी एक ऐसे प्रस्ताव पर भी काम कर रहे हैं जो कंपनी की ब्याज और जुर्माने की देनदारियों पर सीधी राहत प्रदान कर सकता है. यह एक ऐसा उपाय है जिस पर कंपनी को डूबने से बचाने के प्रयासों के तहत सर्वोच्च न्यायालय में चर्चा के दौरान विचार-विमर्श किया गया था.
वोडा-आइडिया को क्यों राहत दे रही सरकार
आने वाले महीनों में केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने एक व्यापक पैकेज पेश किए जाने की उम्मीद है, जिसमें संशोधित एजीआर बकाया और ब्याज व जुर्माने में राहत शामिल हो सकती है. सूत्रों ने बताया कि सरकार इस प्रक्रिया को तेज करना चाहती है, क्योंकि वोडाफोन आइडिया को बड़ी प्रतिद्वंद्वियों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल से मुकाबला करने के लिए धन जुटाने और अपने ऑपरेशन को मजबूत करने की तत्काल जरूरत है.
एक अधिकारी ने कहा, ‘हम महत्वाकांक्षी हैं और अगले कुछ महीनों में इस प्रक्रिया को पूरा करना चाहते हैं. कानूनी मामलों के विभाग से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के लिए संपर्क किया जा रहा है ताकि आगे की रणनीति को स्पष्ट किया जा सके। यह कार्य तत्काल आधार पर किया जा रहा है क्योंकि कंपनी के विस्तार और प्रतिस्पर्धी जरूरतों को ध्यान में रखना जरूरी है.’
एजीआर डिमांड का री असेसमेंट
ओरिजनल एजीआर मांग का री असेसमेंट एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि मूल राशि में किसी भी तरह की कमी से ब्याज, ब्याज पर जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज स्वतः ही कम हो जाएगा.
इस बीच, वोडाफोन आइडिया ने सितंबर में समाप्त तिमाही में 5,524 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 7,176 करोड़ रुपये था. कंपनी की नियामकीय फाइलिंग के अनुसार, बैंक लोन पर कम वित्तीय लागत और टैरिफ बढ़ोतरी के कारण एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर (ARPU) में वृद्धि के कारण यह सुधार हुआ है.
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