डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन ₹12.92 लाख करोड़ के पार, YoY में 7% की बढ़ोतरी; टैक्स रिफंड में आई गिरावट
सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 10 नवंबर तक भारत का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12.92 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में करीब 7 फीसदी अधिक है. वहीं, टैक्स रिफंड में 17.72 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. कॉरपोरेट टैक्स 5.37 लाख करोड़ रुपये और नॉन-कॉरपोरेट टैक्स 7.19 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा है, जिससे संकेत मिलता है कि टैक्स कलेक्शन की रफ्तार मजबूत बनी हुई है.
Direct Tax Collection: सरकार की ओर से मंगलवार, 11 नवंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन लगातार बढ़त बनाए हुए है. 10 नवंबर तक भारत का कुल नेट कलेक्शन 12.92 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 7 फीसदी अधिक है. यह बढ़ोतरी बताती है कि अर्थव्यवस्था में टैक्स अनुपालन और कॉरपोरेट गतिविधियों में सुधार हो रहा है. आइए विस्तार में इस बारे में बताते हैं.
डायरेक्ट टैक्स में दिखी बढ़ोतरी
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों में यह भी बताया गया है कि ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 15.35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. इसमें पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 2.15 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. हालांकि, इस दौरान सरकार की ओर से जारी किए गए टैक्स रिफंड्स में 17.72 फीसदी की गिरावट आई है. अब तक कुल 2.42 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए हैं, जो दर्शाता है कि रिफंड प्रोसेस कुछ धीमा रहा है, लेकिन टैक्स संग्रह मजबूत बना हुआ है.
कॉरपोरेट टैक्स में स्थिरता
अगर हम कॉरपोरेट टैक्स की बात करें तो यह सरकार की कुल टैक्स आमदनी का बड़ा हिस्सा है. आंकड़ों के मुताबिक, कंपनियों से ग्रॉस कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 6.91 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि 1.54 लाख करोड़ रुपये रिफंड के रूप में लौटाए गए. इस तरह, नेट कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 5.37 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा. इससे साफ होता है कि कंपनियों की कमाई और टैक्स भुगतान दोनों में स्थिरता बनी हुई है.
NCT का क्या हाल?
दूसरी ओर, नॉन-कॉरपोरेट टैक्स (NCT) यानी व्यक्तिगत और छोटे करदाताओं से मिलने वाला टैक्स भी उल्लेखनीय रहा. इस कैटेगरी में वे करदाता आते हैं जो व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (HUFs), फर्म, एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स (AoPs), बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स (BoIs), स्थानीय संस्थाएं और कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति (Artificial Juridical Persons) हैं. इस कैटेगरी से ग्रॉस टैक्स कलेक्शन 8.08 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जिसमें से 88 हजार करोड़ रुपये रिफंड के रूप में जारी किए गए. यानी नेट NCT कलेक्शन 7.19 लाख करोड़ रुपये रहा.
बेहतर स्थिति!
कुल मिलाकर देखा जाए तो, भारत का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन इस वित्त वर्ष में एक मजबूत रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. भले ही टैक्स रिफंड्स में गिरावट आई हो, लेकिन नेट कलेक्शन में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है. यह तेजी कंपनियों की मुनाफाखोरी में सुधार, व्यक्तिगत आय में बढ़ोतरी और बेहतर टैक्स प्रशासन का नतीजा है. अगर यही रुझान जारी रहा, तो चालू वित्त वर्ष में सरकार अपने रेवेन्यू टारगेट को हासिल करने में सफल हो सकती है.
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