कूकीज, केक बाजार में मचेगी हलचल, कोलकाता के अनमोल का बिग प्लान; उत्तर भारत पर नजर

Anmol Industries: . अगर बातचीत सफल होती है, तो यह इंस्टीट्यूशनल फंडिंग का पहला दौर होगा. इस प्रक्रिया के तहत कई निजी इक्विटी फर्म्स से संपर्क किया जाएगा. हालांकि, कंपनी की तरफ से आधिकारिक रूप से अभी कुछ भी नहीं कहा गया है. कंपनी की वर्तमान में लगभग 25 भारतीय राज्यों में उपस्थिति है और यह पश्चिम एशियाई देशों और उत्तरी अमेरिका जैसे विदेशी बाजारों में अपने उत्पाद बेचती है.

अनमोल इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने फिर शुरू की बड़ी तैयारी. Image Credit: Getty image

Anmol Industries: बिस्किट, केक, कुकीज और रस्क बनाने वाली कोलकाता बेस्ड अनमोल इंडस्ट्रीज लिमिटेड (AIL) ने 15-20 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए मायनॉरिटी स्टेक बेचने के लिए फिर से बातचीत शुरू कर दी है. कंपनी ने निवेशकों की तलाश में मदद के लिए पीडब्ल्यूसी को नियुक्त किया है. लाइव मिंट ने सोर्स के हवाले से लिखा, ‘प्रमोटर कंपनी में लगभग 20-25 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार करेंगे. इस सौदे से कुल एसेट्स की वैल्यू लगभग 90 करोड़ डॉलर से 1 अरब डॉलर के बीच होगी और संस्थापक तीन से पांच साल में कंपनी को लिस्ट कराने की योजना बना रहे हैं.

इंस्टीट्यूशनल फंडिंग का पहला दौर

पहले भी कंपनी ने फंड जुटाने के कई प्रयास किए और पब्लिक लिस्टिंग की भी कोशिश की, जिसके लिए उसे साल 2018 में रेगुलेटरी मंजूरी मिल गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, फ्रेश फंड रेजिंग से अनमोल को अपने मौजूदा जियोग्राफिकल क्षेत्रों में दोगुना विस्तार करने और उत्तरी व पूर्वी भारत से आगे विस्तार करने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा. अगर बातचीत सफल होती है, तो यह इंस्टीट्यूशनल फंडिंग का पहला दौर होगा. इस प्रक्रिया के तहत कई निजी इक्विटी फर्म्स से संपर्क किया जाएगा. हालांकि, कंपनी की तरफ से आधिकारिक रूप से अभी कुछ भी नहीं कहा गया है.

पारिवारिक व्यवसाय में नजर आ रहे बदलाव

अनमोल के फंड रेजिंग के प्रयास ऐसे समय में सामने आए हैं, जब कई पारिवारिक स्वामित्व वाले व्यवसाय अपनी ग्रोथ के अगले चरण को गति देने और पेशेवर रूप से संचालित व्यवस्था में एक सुचारू उत्तराधिकार योजना सुनिश्चित करने के लिए प्राइवेट मार्केट का लाभ उठाने पर विचार कर रहे हैं.

इस साल हल्दीराम, थियोब्रोमा और वीआईपी इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों में समान डील हुई हैं. बालाजी वेफर्स, इस्कॉन बालाजी, हाईफन फूड्स और रत्नदीप रिटेल जैसी अन्य कंपनियां भी फंड जुटाने की प्रक्रिया के अलग-अलग चरणों में हैं.

कब हुई थी शुरुआत

1990 के दशक के मध्य में चौधरी परिवार द्वारा स्थापित अनमोल इंडस्ट्रीज ने 2016 में अपने बेकरी और बिस्किट व्यवसाय का विलय कर दिया था. कंपनी अनमोल ब्रांड के तहत बिस्किट, केक, कुकीज और रस्क बनाती है, जो मुख्य रूप से पूर्वी और उत्तरी भारत में बेचे जाते हैं.

कंपनी की क्षमता

अनमोल की भारत के उत्तरी और पूर्वी राज्यों में आठ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं और यह अपने प्रोडक्ट्स को लगभग 3,000 सुपर-स्टॉकिस्ट, डिस्ट्रीब्यूटर्स और सब-डिस्ट्रीब्यूटर्स नेटवर्क के माध्यम से बेचती है. कंपनी की ज्वाइंट प्रोडक्शन क्षमता 3,66,092 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MTPA) है, जिसमें पिछले साल बिहार में अपने नए प्लांट के चालू होने के बाद 60,600 MTPA क्षमता का इजाफा हुआ है.

वित्तीय प्रदर्शन

कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में 1,524.9 करोड़ रुपये की ऑपरेशनल इनकम दर्ज की, जबकि एक साल पहले यह 1,699.5 करोड़ थी. इसका मुनाफा भी वित्त वर्ष 2023 के 126.6 करोड़ रुपये से घटकर 122.1 करोड़ रुपये रह गया. इक्रा की मार्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में, अनमोल ने 38.5 करोड़ रुपये के लाभ के साथ 805.7 करोड़ रुपये की आय अर्जित की. कंपनी वित्त वर्ष 2026 में 2,000 करोड़ रुपये की वार्षिक रेकरिंग आय का लक्ष्य रख रही है.

देश में बिस्कुट की मांग

इक्रा ने आगे कहा कि बढ़ते शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के कारण, वर्तमान में प्रति व्यक्ति खपत कम होने के कारण, देश में बिस्कुट की मांग का परिदृश्य अनुकूल बना रहेगा.

इससे अनमोल जैसी बिस्किट कंपनियों की रेवेन्यू वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा. कंपनी की वर्तमान में लगभग 25 भारतीय राज्यों में उपस्थिति है और यह पश्चिम एशियाई देशों और उत्तरी अमेरिका जैसे विदेशी बाजारों में अपने उत्पाद बेचती है.

पूर्वी राज्यों में दबदबा

हालांकि, कंपनी का प्रमुख बाजार भारत के पूर्वी राज्य बने हुए हैं, जहां पिछले तीन वर्षों में इसके रेवेन्यू का 67-69 फीसदी हिस्सा रहा है.

अनमोल की उत्तर प्रदेश में भी अच्छी उपस्थिति है, जिसने वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की बिक्री में 11 फीसदी का योगदान दिया, जबकि वित्त वर्ष 2025 में उत्तरी बिहार स्थित इसके नए प्लांट से बिक्री में लगभग 12 फीसदी की वृद्धि देखी गई.

रिपोर्ट्स के अनुसार, बिस्किट और बेकरी बाजार में इसके मुख्य प्रतिस्पर्धियों में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, आईटीसी लिमिटेड और पारले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. अन्य प्रतिस्पर्धी में हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल लिमिटेड, बिस्क फार्म (साज फूड प्रोडक्ट्स) और क्रेमिका शामिल हैं.

भारत का बिस्किट बाजार

कॉमर्स मंत्रालय के अधीन एक ट्रस्ट, इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के बिस्किट बाजार का रेवेन्यू 2025 में लगभग 13.58 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. बिस्किट, कुकीज और क्रैकर्स बाजार में अगले पांच वर्षों में 6.80% की कंपाउंडिंग एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) दर्ज होने का अनुमान है, जो लगभग 18.87 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा.

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