बदल रहा है GST, सोना-चांदी-हीरा भी होगा सस्ता ? जानें अभी कितना लगता है टैक्स
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से ऐलान किया है कि इस बार दिवाली से पहले जनता को बड़ा तोहफा मिलेगा. उन्होंने नेक्स्ट-जेनरेशन GST रिफॉर्म्स यानी जीएसटी 2.0 लाने की बात कही है, जिससे आम आदमी, किसान, मिडिल क्लास और छोटे कारोबारियों की जेब पर बोझ कम होगा. ऐसे में एक सवाल यह भी उठता है कि सोना, चांदी और हीरे पर क्या असर पड़ेगा. क्या ये सस्ते होंगे या महंगे. आइए जानते हैं.
देश में GST लागू हुए आठ साल पूरे हो चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से ऐलान किया है कि इस बार दिवाली से पहले जनता को बड़ा तोहफा मिलेगा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नेक्स्ट-जेनरेशन GST रिफॉर्म्स लाने जा रही है. जिससे आम आदमी, किसान, मिडिल क्लास और छोटे कारोबारियों की जेब पर बोझ कम होगा. न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, जीएसटी की 12 फीसदी कैटेगरी में आने वाले 99 फीसदी सामान सस्ते हो जाएंगे. ऐसे में एक सवाल यह भी उठता है कि सोना, चांदी और हीरे पर क्या असर पड़ेगा. क्या ये सस्ते होंगे या महंगे. आइए जानते हैं.
मौजूदा समय में सोना, चांदी और हीरे पर GST का प्रावधान
भारत में सोना, चांदी और हीरे पर सरकार ने 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी या 28 फीसदी वाले सामान्य स्लैब लागू नहीं किए हैं. इन पर अलग से विशेष GST स्लैब बनाए गए हैं. सोना और चांदी, चाहे वह बार, कॉइन, बिस्किट या गहनों के रूप में हो, इन पर 3 फीसदी GST स्लैब लागू होता है. हीरे पर दो तरह की दरें लागू हैं. अगर हीरा कच्चे रूप में है या cut & polished है, तो उस पर 0.25 फीसदी GST स्लैब लागू होता है. लेकिन अगर हीरे को ज्वेलरी के रूप में बेचा जा रहा है, तो उस ज्वेलरी की वैल्यू पर 3 फीसदी GST स्लैब लगता है.
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जब हम सोने, चांदी की ज्वेलरी बनवाते हैं, तो उसमें मेकिंग चार्जेस शामिल होते हैं. इन मेकिंग चार्जेस पर सरकार ने 5 फीसदी GST स्लैब रखा है. इस तरह से सोना और चांदी 3 फीसदी स्लैब में आते हैं. हीरा 0.25 फीसदी और 3 फीसदी स्लैब में आता हैं, और ज्वेलरी बनाने की सर्विस यानी मेकिंग चार्जेस 5 फीसदी स्लैब में आते हैं.
GST रिफॉर्म्स के बाद सोना, चांदी और हीरे पर असर
रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल केंद्र सरकार नेस्ट-जेन GST का मसौदा राज्यों को भेज चुकी है. नए प्रस्ताव के अनुसार, सोना-चांदी पर पहले की तरह 3 फीसदी और हीरे पर 0.25 फीसदी टैक्स लागू रहेगा. यानी इन पर GST पहले जैसा ही लगेगा. इसका मतलब है कि इनकी कीमतों पर जीएसटी 2.0 के रिफॉर्म से कोई बदलाव नहीं होगा.
राज्य सरकार की सहमति जरूरी
फिलहाल, सरकार 20 और 21 अगस्त को प्रस्तावित GST रिफॉर्म को लेकर GST काउंसिल द्वारा बनाए गए तीन सदस्यीय ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक हो सकती है. इस बैठक में केंद्र सरकार की ओर से सुझाए गए न्यू GST स्ट्रक्चर की समीक्षा की जाएगी. बैठक के बाद GoMs की सिफारिशों को जीएसटी काउंसिल के पास भेजा जाएगा. राज्य सरकार की सहमति जरूरी जीएसटी परिषद में 33 सदस्य हैं, जिनमें केंद्रीय वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल हैं. जीएसटी पर किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए राज्य सरकार की सहमति जरूरी है क्योंकि इसका असर राज्यों के रेवेन्यू कलेक्शन पर पड़ेगा.