गिरते बाजार में भी 13 फीसदी भागा GMDC का शेयर, जानें क्या करती है कंपनी, क्यों आई तूफानी तेजी
गिरते बाजार में GMDC यानी गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के शेयरों में 13 फीसदी की तूफानी तेजी देखने को मिली है. कंपनी असल में रेयर अर्थ माइनिंग से जुड़ी और हाल में ही राजस्थान में मिले रेयर अर्थ खजाने को लेकर निवेशकों में उत्साह है.

देश की आजादी से पहले बनी GMDC मोटे तौर पर लिग्नाइट, बॉक्साइट और फ्लोरस्पार जैसे मिनरल की माइनिंग करती है. लेकिन, राजस्थान में मिले रेयर अर्थ खजाने और कंपनी के ऐलान के बाद इसके शेयरों में तूफानी तेजी देखने को मिली है. गुजरात खनिज विकास निगम लिमिटेड गुजरात सरकार की कंपनी है. शुक्रवार को इसका शेयर 13 फीसदी से ज्यादा तेजी के साथ बंद हुआ. वहींं, 6 महीने में इसका शेयर 32 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है.
GMDC शेयर में क्यों आई तेजी?
असल में यह देश में रेयर अर्थ माइनिंग को बढ़ावा देने की सरकार की योजना और कंपनी की भूमिका की वजह से है. GMDC गुजरात सरकार की कंपनी है और Critical Minerals माइनिंग में विशेषज्ञता रखती है. हाल में ही कंपनी ने Rare-Earth Elements की माइनिंग में भी कदम रखने की योजना का ऐलान किया है. इस मामले में PMO की एक्शन मोड में है और शुक्रवार को ही तमाम हितधारकों की एक बैठक भी हुई है. इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए निवेशक GMDC की क्षमता को एक नए अवसर के रूप में देख रहे हैं.
रेयर अर्थ पर PMO क्यों हुआ सक्रिय?
PMO इस मामले में तभी से सक्रिय है, जब से अप्रैल में चीन ने रेयर अर्थ मटेरियल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था. इसकी वजह से भारत के कई उद्योग प्रभावित हो रहे हैं. खासतौर पर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर असर हो रहा है. लिहाजा, इन चिंताओं को दूर करने के लिए PMO ने मीटिंग बुलाई, जिसमें रेयर अर्थ से जुड़े तमाम हितधारकों से बात की गई.
क्या है GMDC की योजना ?
GMDC प्रबंधन ने पहले भी यह संकेत दिया था कि कंपनी Rare Earth Projects में निवेश करने के लिए लगभग 3,000-4,000 करोड़ रुपये का इंतजाम कर रही है. हालांकि, योजनाओं का विस्तार अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन कंपनी इसे एक Value Driver मान रही है.
क्या है सरकार की भूमिका?
Ministry of Heavy Industries के मंत्री HD कुमारस्वामी ने बताया कि सरकार Rare Earth Magnet की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है. इसके अलावा एक 1,345 करोड़ रुपये की PLI योजना पर भी चर्चा चल रही है, जिसके तहत देश में रेयर अर्थ प्रॉसेसिंग को बढ़ावा मिले. मंत्रालय का इरादा रेयर अर्थ सप्लाई चेन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है.
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