HDFC बैंक ने बढ़ाया MCLR, जानें क्या होगा बदलाव?

MCLR एक ब्याज दर है जो बैंक अपने लोन के लिए तय करते हैं. यह दर अलग-अलग अवधियों यानी (tenures) के लिए अलग-अलग हो सकती है, जैसे कि ओवरनाइट, एक महीने, तीन महीने, आदि. HDFC बैंक ने ओवरनाइट MCLR में बढ़ोतरी की है जो 7 दिसंबर से लागू हो गई है.

अगर आपका अकाउंट HDFC और ICICI बैंक में है, तो 14 और 15 दिसंबर को इन बैंकों की सेवाएं मेंटेनेंस के कारण बाधित रहेंगी. Image Credit: Debarchan Chatterjee/NurPhoto via Getty Images

HDFC Bank ने लोन को महंगा करते हुए MCLR को बढ़ा दिया है. MCLR यानी Marginal Cost of Funds Based Lending Rate. देश की सबसे बड़े निजी बैंक ने MCLR को 0.05 फीसदी बढ़ा दिया है. अब नया MCLR 9.15 फीसदी से बढ़कर 9.20 फीसदी हो गई है. हालांकि MCLR को केवल ओवरनाइट टेन्योर के लिए ही बढ़ाया गया है बाकी टेन्योर पर लगने वाले MCLR में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

MCLR एक ब्याज दर है जो बैंक अपने लोन के लिए तय करते हैं. यह दर अलग-अलग अवधियों यानी (tenures) के लिए अलग-अलग हो सकती है, जैसे कि ओवरनाइट, एक महीने, तीन महीने, आदि. HDFC बैंक ने ओवरनाइट MCLR में बढ़ोतरी की है जो 7 दिसंबर से लागू हो गई है.

HDFC Bank MCLR, स्क्रीनशॉट

आपकी जेब पर पड़ेगा असर?

MCLR में बदलाव का मतलब बैंक हर तरह के कर्ज की ब्याज दरों में भी बदलाव करेगा. हालांकि यहां MCLR को केवल ओवरनाइट अवधि के लिए बढ़ाया गया है ऐसे में केवल सबसे छोटी अवधि के लिए जैसे एक दिन (24 घंटे) के लिए लोन लेने वालों की EMI पर असर पड़ेगा. आमतौर पर कोई होम लोन, ऑटो लोन या पर्सनल लोन एक दिन के लिए नहीं लेता. लेकिन बड़े कारोबारी जैसे बैंक्स, कॉर्पोरेट इतनी छोटी अवधि के लिए पैसा उठाते है.

बता दें कि, MCLR वह मिनिमम उधार देने का रेट है जिससे कम पर बैंक लोन नहीं दे सकते. 1 अप्रैल 2016 को RBI ने कर्ज पर ब्याज दरें निर्धारित करने के लिए MCLR लागू किया था. इसके तहत बैंक आरबीआई की ओर से तय मानक से नीचे कर्ज नहीं दे सकते. इसीलिए MCLR का बढ़ना मतलब कर्ज महंगा होना होता है.