यूपी के इस शहर में कमाई जापान से भी ज्यादा, जानें कितना हर महीने कमाते हैं लोग

गौतम बुद्ध नगर, जिसमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा शामिल हैं, उत्तर प्रदेश का सबसे तेजी से विकसित होता जिला बन गया है. यहां की प्रति व्यक्ति आय जापान के बराबर मानी जा रही है. दिल्ली से नजदीकी, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से यह जिला अब राज्य की आर्थिक राजधानी जैसा स्थान हासिल कर रहा है.

जापान बनता नोएडा Image Credit: Freepick

Noida Japan income comparison: उत्तर प्रदेश का गौतम बुद्ध नगर जिला आर्थिक विकास की दौड़ में पूरे राज्य को पीछे छोड़ चुका है. दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहर तेजी से विकसित हो रहे हैं. यह तेजी से उभरता हुआ शहरी क्षेत्र अब राज्य की आर्थिक राजधानी जैसा बन गया है. यहां की प्रति व्यक्ति आय इतनी अधिक है कि इसकी तुलना जापान जैसे विकसित देश से की जा रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि गौतम बुद्ध नगर कैसे बना उत्तर प्रदेश का सबसे अमीर जिला और इसके पीछे कौन-कौन से कारण रहे.

कमाई में है जापान से आगे

द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम बुद्ध नगर की प्रति व्यक्ति आय 10.17 लाख रुपये तक पहुंच गई है. यह उत्तर प्रदेश के औसत से 10 गुना ज्यादा है. खास बात यह है कि अगर इस आंकड़े को पर्चेजिंग पावर पैरिटी यानी PPP के नजरिए से देखा जाए, तो यह जापान के बराबर बैठता है. अगर आसान भाषा में कहें तो यहां रहने वाला एक औसत व्यक्ति उतनी आर्थिक ताकत रखता है जितनी जापान के नागरिक की.

GDP के मामले में भी सबसे आगे

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी 2023-24 के इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, गौतम बुद्ध नगर की कुल घरेलू उत्पाद यानी GDP 2.63 लाख करोड़ रुपये रही. ये आंकड़ा पूरे राज्य की कुल GDP का 10 फीसदी से भी ज्यादा है. अगर तुलना करें तो लखनऊ जैसे राजधानी जिले की अर्थव्यवस्था की तुलना में यह लगभग दोगुनी है. इतना ही नहीं, गौतम बुद्ध नगर की जीडीपी पूरे हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य से भी बड़ी है.

दूसरे जिलों से तुलना में कितना आगे है नोएडा?

अगर यूपी के दूसरे जिलों से तुलना करें तो गौतम बुद्ध नगर एकदम अलग स्तर पर नजर आता है. राजधानी लखनऊ की पर कैपिटा इनकम 2.16 लाख रुपये है, जो कि भारत के राष्ट्रीय औसत के करीब है. गाजियाबाद की प्रति व्यक्ति आय 2.11 लाख रुपये हैं, जिसे PPP के हिसाब से मोरक्को जैसा माना जा सकता है. वहीं हमीरपुर की प्रति व्यक्ति आय 1.46 लाख रुपये है जो अफ्रीकी देश कोटे डी आइवर के बराबर बैठती है.

यूपी की है दो तस्वीर

उत्तर प्रदेश में आर्थिक असमानता की तस्वीर बेहद साफ है. राज्य के सिर्फ 5 जिले गौतम बुद्ध नगर, लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा और कानपुर मिलकर पूरे प्रदेश की GDP का 25 फीसदी से ज्यादा हिस्सा देते हैं. जबकि दूसरी तरफ नीचे के 5 जिले श्रावस्ती, चित्रकूट, संत कबीर नगर, औरैया और भदोही मिलकर सिर्फ 2.5% का योगदान देते हैं. प्रतापगढ़ जैसे जिलों की प्रति व्यक्ति आय, गौतम बुद्ध नगर से 23 गुना कम है. वहीं, श्रावस्ती की पूरी GDP सिर्फ 8,593 करोड़ रुपये है, जो गौतम बुद्ध नगर से 30 गुना छोटी है.

तेजी से विकास की क्या है वजह?

गौतम बुद्ध नगर की यह आर्थिक सफलता कोई संयोग नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई ठोस वजहें हैं. सबसे बड़ा कारण इसकी भौगोलिक स्थिति है. यह जिला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बेहद करीब है, जिससे यहां निवेश और कारोबार के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार हुआ. वहीं दूसरा बड़ा कारण है यहां की योजनाबद्ध विकास नीतियां और मजबूत बुनियादी ढांचा. नोएडा और ग्रेटर नोएडा को खास तौर पर इंडस्ट्रियल और आईटी हब के रूप में तैयार किया गया. यही वजह है कि यहां निजी कंपनियों ने बड़े पैमाने पर निवेश किया. इस जिले में रियल एस्टेट, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, डेटा सेंटर और लॉजिस्टिक्स जैसे सेक्टर तेजी से पनपे हैं. इन क्षेत्रों में न केवल बड़ी कंपनियां आईं, बल्कि हजारों-लाखों लोगों को रोजगार भी मिला. इससे जिले की आमदनी में लगातार इजाफा होता गया और आज यह जिला राज्य के दूसरे हिस्सों से कई गुना आगे निकल चुका है.

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