एक मेड इन इंडिया iPhone से कितना कमाता है Apple, छिपा है 13 गुना का लालच, ट्रंप भी हो जाएंगे फेल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि अगर आईफोन भारत या किसी और देश में बनाए गए तो उन पर 25% टैरिफ लगेगा. ट्रंप ने एपल के सीईओ टिम कुक से कहा था कि वे भारत में आईफोन बनाने का प्लान बंद करें. लेकिन भारत में आईफोन बनाना एपल के लिए बहुत फायदेमंद है. भारत में एक मजदूर को महीने का करीब 19,000 रुपये (230 डॉलर) मिलता है, जबकि अमेरिका में यह खर्च 2.4 लाख रुपये (2,900 डॉलर) तक हो सकता है.

Apple VS Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि अगर आईफोन अमेरिका के अलावा भारत या किसी और देश में बनाए गए तो उन पर 25% टैरिफ लगेगा. लेकिन ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की एक नई रिपोर्ट बताती है कि भारत में बनाए गए आईफोन, अमेरिका में बनाए गए आईफोन से सस्ते होंगे. ऐसे में आइए जानते है कि एक मेड इन इंडिया आईफोन से एपल कितना कमाता है.
भारत में आईफोन बनाना सस्ता क्यों?
भारत में एक आईफोन को असेंबल करने में एपल को सिर्फ 2,500 रुपये (30 डॉलर) खर्च करने होते हैं. अमेरिका में यही काम 32,500 रुपये (390 डॉलर) का पड़ेगा. इसके अलावा भारत सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम से एपल को और फायदा मिलता है. अगर एपल अमेरिका में आईफोन बनाए, तो उसका प्रॉफिट भारत के 37,500 रुपये (450 डॉलर) से घटकर सिर्फ 5,000 रुपये (60 डॉलर) प्रति आईफोन रह जाएगा.
ट्रंप की धमकी और एपल का प्लान
ट्रंप ने एपल के सीईओ टिम कुक से कहा था कि वे भारत में आईफोन बनाने का प्लान बंद करें. लेकिन भारत में आईफोन बनाना एपल के लिए बहुत फायदेमंद है. भारत में एक मजदूर को महीने के करीब 19,000 रुपये (230 डॉलर) मिलते हैं, जबकि अमेरिका में यह खर्च 2.4 लाख रुपये (2,900 डॉलर) तक हो सकता है. यानी भारत में मजदूरी 13 गुना सस्ती है. ऐसे में एपल के सीईओ टिम कुक चाहेंगे कि आईफोन का मैन्यूफैक्चरिंग भारत में ही हो. भारत में सस्ती मजदूरी और सरकारी मदद की वजह से एपल के लिए भारत में आईफोन बनाना फायदेमंद है. ट्रंप का टैरिफ भी भारत में प्रोडक्शन के फायदे को कम नहीं कर पाएगा.
भारत और अन्य देशों की कमाई
अमेरिका के पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों को 6,600 रुपये (80 डॉलर), ताइवान को चिप्स के लिए 12,500 रुपये (150 डॉलर), दक्षिण कोरिया को स्क्रीन और मेमोरी चिप्स के लिए 7,500 रुपये (90 डॉलर), और जापान को कैमरा लेंस के लिए 7,000 रुपये (85 डॉलर) मिलते हैं. भारत और चीन जो आइफोन असेंबल करते हैं दोनों को प्रति फोन सिर्फ 2,500 रुपये (30 डॉलर) मिलते हैं. ये फोन की कीमत का 3% से भी कम है. भारत में आईफोन असेंबली से करीब 60,000 नौकरियां पैदा होती हैं. वहीं चीन में 3 लाख नौकरियां.
Latest Stories

TOKEN2049 के बाद दुबई में चमकी Crypto की दुनिया, यॉट पार्टी में जुटे ट्रंप परिवार सहित कई ग्लोबल निवेशक

अमेरिका में पास हुआ नया बिल, रेमिटेंस टैक्स 5 से घटकर 3.5 फीसदी हुआ, भारतीय NRI पर पड़ेगा बोझ

मैसूर सैंडल सोप सरकारी है या प्राइवेट, जानें कौन है मालिक, कैसे निशाना पर आ गई तमन्ना भाटिया
