अमेरिका में पास हुआ नया बिल, रेमिटेंस टैक्स 5 से घटकर 3.5 फीसदी हुआ, भारतीय NRI पर पड़ेगा बोझ
अमेरिका ने विदेशों रेमिटेंस पर प्रस्तावित टैक्स को 5 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया है. यह टैक्स 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है. इससे अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को अतिरिक्त टैक्स देना होगा, जिससे रेमिटेंस पर असर पड़ सकता है.

Remittance Tax: अमेरिकी सरकार ने अन्य देशों को भेजे जाने वाले पैसे (रेमिटेंस) पर लगने वाले टैक्स को लेकर बड़ा फैसला लिया है. पहले प्रस्तावित 5 फीसदी टैक्स को घटाकर अब 3.5 फीसदी कर दिया गया है. यह बदलाव “One Big Beautiful Bill Act” के तहत अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में 23 मई 2025 को पारित किया गया. हालांकि यह कानून बनने से पहले अभी अमेरिकी सीनेट की मंजूरी बाकी है. भारत को सबसे ज्यादा रेमिटेंस अमेरिका से ही मिलती है, ऐसे में यह फैसला करोड़ों भारतीयों को प्रभावित कर सकता है.
भारत पर क्या होगा रेमिटेंस
RBI के अनुसार, भारत को वित्त वर्ष 2023-24 में कुल करीब 2.7 लाख करोड़ रुपये ($32.9 बिलियन) की रेमिटेंस अमेरिका से मिली, जो कुल विदेशी रेमिटेंस का 27.7 फीसदी हिस्सा है. हालांकि भारत सरकार ने अब तक यह आकलन नहीं किया है कि इस टैक्स का कितना असर रेमिटेंस पर पड़ेगा. लेकिन यह तय माना जा रहा है कि टैक्स निश्चित तौर पर रेमिटेंस को प्रभावित करेगा, लेकिन इसका सटीक प्रभाव क्या होगा, यह जानना अभी बाकी है.
बढ़ सकता है इनफॉर्मल ट्रांजैक्शन
अमेरिका में रह रहे भारतीयों जैसे कि ग्रीन कार्ड धारक और H1B वीजा होल्डर को अब रेमिटेंस भेजते वक्त 3.5 फीसदी अतिरिक्त टैक्स देना होगा, जो उनके इनकम टैक्स के अलावा होगा. इससे पैसा भेजने का खर्च बढ़ेगा और कुछ लोग इनफॉर्मल या गैर-कानूनी चैनल्स का सहारा भी ले सकते हैं. इसके अलावा, टैक्स लागू होने से पहले 1 जनवरी 2026 तक रेमिटेंस भेजने में अस्थायी तेजी आ सकती है.
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भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब तक भारत सरकार ने यह तय नहीं किया है कि वह इस मामले में अमेरिका से कोई छूट या रियायत मांगेगी या नहीं. क्योंकि अगर ऐसा नहीं तो होता है तो इससे न सिर्फ रेमिटेंस घट सकती है बल्कि वैध ट्रांजैक्शन पर भी असर पड़ेगा.
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